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भारत की क्षमता विश्व ने स्वीकारी-मोदी

नए भारत और नई अर्थव्यवस्था के नियमों का सार

इकोनोमिक टाइम्स ग्लोबल बिज़नेस सम्मेलन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 25 February 2018 04:05:55 PM

pm narendra modi

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इकोनोमिक टाइम्स ग्लोबल बिजनेस सम्मेलन को संबोधित किया, जिसका विषय था-नई अर्थव्यवस्था-नए नियम। प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ ही महीनों में केंद्र में भाजपा सरकार अपने कार्यकाल के चार वर्ष पूरे करने जा रही है और देश में अब एक स्पष्ट एवं सुनिश्चित बदलाव दिखाई देने लगा है। उन्होंने कहा कि आर्थिक और सामाजिक संदर्भ में यह बदलाव नए भारत और नई अर्थव्यवस्था के लिए नए नियमों का सार है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि इन चार वर्ष के दौरान परिदृश्य बदल गया है, जिसमें भारत जो पहले पांच कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में से एक था, वह अब पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समूची वैश्विक वृद्धि में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका दर्शाने के लिए तथ्य और आंकड़े प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि सामान्य संदर्भ में विश्व जीडीपी में भारत की हिस्सेदारी 2017 में बढ़कर 3.1 प्रतिशत हो गई, जो 2013 में 2.4 प्रतिशत थी। उन्होंने कहा कि भारत विभिन्न वृहद आर्थिक मानदंडों पर बेहतर कार्य निष्पादन कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस परिवर्तन के पीछे एक नई दृष्टि और एक नई कार्य संस्कृति रही है। उन्होंने कहा कि भारत की प्रतिस्पर्धा क्षमता आज समूचे विश्व में स्वीकार की जा रही है। नरेंद्र मोदी ने याद दिलाया कि पिछली बार जब उन्होंने वैश्विक व्यापार सम्मेलन में हिस्सा लिया था तो जीएसटी एक संभावना मात्र था, आज यह एक वास्तविकता बन गया है, जो एक बेहतर कर अनुपालन प्रणाली और बेहतर राजस्व प्रणाली के रूपमें स्थापित हो गया है। प्रधानमंत्री ने इन्सोलवेंसी और बैंक्रप्सी कोड सहित अन्य सुधारों की चर्चा की।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार के कार्यक्रमों की सफलता सुनिश्चित करने के लिए गति, आकार और संवेदनशीलता का विशेष महत्व है। उन्होंने गति और ढांचागत क्षेत्र में प्रगति के कुछ उदाहरण पेश किए। प्रधानमंत्री ने कहा कि बुनियादी ढांचा, कृषि, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य क्षेत्र और शिक्षा क्षेत्र में अभूतपूर्व निवेश हुआ है। नरेंद्र नोदी ने स्वास्थ्य क्षेत्र में शुरू किए गए उपायों की चर्चा की, जिनमें मिशन इंद्रधनुष, जनऔषधि भंडारों और आयुषमान भारत जैसे कार्यक्रमों का उन्होंने विशेष रूपसे उल्लेख किया। डिजिटल भारत मिशन के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि सौ करोड़ बैंक खाते, सौ करोड़ आधार और सौ करोड़ मोबाइल फोन की त्रिवेणी से एक बेजोड़ पारिस्थितिकी प्रणाली विकसित हुई है, जो विश्व में अन्यत्र कहीं दिखाई नहीं देती। उन्होंने सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यमों के क्षेत्र में किए गए उपायों की भी चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के उपायों का लक्ष्य निर्धनों को अधिकार प्रदान करना है। उन्होंने शौचालयों के निर्माण मुद्रा योजना के जरिए ऋणों के संवितरण और मृदा स्वास्थ्य कार्ड जैसे कार्यक्रमों का भी उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूनतम समर्थन मूल्य के बारे में हाल में पेश किए गए बजट में की गई घोषणाओं का भी स्मरण कराया। प्रधानमंत्री ने विभिन्न वित्तीय संस्थानों में नियम और आचारनीति तय करने का दायित्व निभाने वाले वाले लोगों से अपील की कि उन्हें पूरे समर्पण के साथ काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यवेक्षण और निगरानी करने वाले लोगों का विशेष दायित्व है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार वित्तीय मामलों में अनियमितताएं करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि लोगों के धन को अवैध तरीके से हड़पने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और यही ‘नई अर्थव्यवस्था-नए नियमों’ का सार है।

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