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रेलवे की पारदर्शिता व जवाबदेही तय-गोयल

रेलवे में सेवा ठेकों के सरलीकरण और सुधार की शर्तें लागू

'नागरिकों के लिए रेलवे के लाभकारी एवं प्रभावी प्रयास'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 5 February 2018 05:18:05 AM

railway minister piyush goyal

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने पहलीबार एक महत्‍वपूर्ण कदम उठाते हुए हाउस कीपिंग, सुविधाओं के प्रबंधन, परामर्श आदि जैसे गैर परिचालन क्षेत्रों के सेवा ठेकों में शामिल ठेकेदारों के लिए नियम और शर्तों को परिभाषित करने के उद्देश्‍य से सेवाओं के लिए ठेके की नई सामान्‍य शर्तें शुरू की हैं। रेलमंत्री पीयूष गोयल ने यह जानकारी देते हुए कहा है कि रेल मंत्रालय व्‍यवस्‍था में पारदर्शिता और जवाबदेही स्‍थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसे लोगों के लिए लाभकारी एवं अधिक प्रभावी बनाने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं। रेलमंत्री ने कहा कि सेवाओं के लिए ठेके की सामान्‍य शर्तों की नई नीति में पहलीबार डिज़िटल श्रम प्रबंध प्रणाली की संकल्‍पनाओं, सुरक्षा जमा के स्‍थान में प्रदर्शन गारंटी में तेजी लाने, चयन मानदंड के रूपमें नकदी तक पहुंच और विशेष प्रावधान उल्‍लंघन जिनके कारण बोलीकर्ताओं को अयोग्‍य ठहरा दिया जाता है, को पहली बार शुरू किया गया है।
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे में नई व्‍यवस्‍था की जानकारी देते हुए कहा कि ठेके की नई व्‍यवस्‍था से बोलीकर्ताओं के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया आसान होगी, प्रतिस्‍पर्धा बढ़ेगी और रेलवे का खर्च कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि हाल ही में रेलवे ने हाउस कीपिंग के लिए स्‍टैंडर्ड बिड डॉक्‍यूमेंट जारी किया था, जिसको तैयार करने के दौरान कार्य और सेवाओं की विविध प्रकृति और कार्यों के लिए जीसीसी का इस्‍तेमाल करते हुए सेवा ठेकों के प्रबंधन में समस्‍या को देखते हुए एक सरल, परिणामोन्मुख जीसीसी की जरूरत महसूस की गई, जो ठेका प्रबंधन में सुधार के लिए सेवाओं की आवश्‍यकता पूरी कर सके, सेवाएं प्रदान कर सके और सरकारी मुकद्मेबाजी को कम कर सके। पीयूष गोयल ने बताया कि डिज़िटल प्रबंधन श्रम प्रणाली में ठेकेदार के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है कि वह सभी कर्मचारियों की उपस्थिति और वेतन संबंधी विस्‍तृत आंकड़े सहित उनके बारे में आधारभूत आंकड़े रखे। इसमें कहा गया है कि किसी सेवा के लिए बोली लगाने वाले ठेकेदार को उस स्थिति में अयोग्‍य घोषित कर दिया जाएगा, यदि श्रम कानूनों का उल्‍लंघन करने पर पिछले दो वर्ष में उस पर तीन बार से ज्‍यादा जुर्माना लगाया गया हो।
पीयूष गोयल ने बताया कि श्रम कानूनों के अलावा पिछले ठेके में कार्य निष्‍पादन नहीं करने पर भी बोलीकर्ता को भविष्‍य में अयोग्‍य ठहराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सेवाओं की गुणवत्‍ता और सेवा ठेका प्रबंधन में सुधार को ध्‍यान में रखते हुए सेवा ठेकों के सरलीकरण और सुधार के साथ रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशकों की एक समिति का गठन किया गया है और संबद्ध निदेशकों एवं रेलवे बोर्ड की मंजूरी के बाद समिति की सिफारिशों को 2 जनवरी 2018 को सेवाओं के ठेके की सामान्‍य शर्तों के रूपमें स्‍वीकार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि नया जीसीसी रेलवे बोर्ड के विस्‍तृत विचार-विमर्श, अत्‍यंत विस्‍तृत जानकारी और बहुमूल्‍य योगदान का परिणाम है। उन्होंने कहा कि इससे बेहतर प्रदर्शन की उम्‍मीद है और रेलवे में एसबीडी और जीसीसी के लागू होने तथा क्षेत्र संगठन को अधिक अधिकार प्रदान किए जाने के बाद सेवा ठेकों खासतौर से हाउस कीपिंग में सुधार होगा।

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