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'वेतनभोगी वर्ग का कर संग्रह में बड़ा योगदान'

कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग के प्रतिनिधि राज्‍यमंत्री से मिले

कर्मचारियों के कल्‍याण के लिए सरकार को धन्‍यवाद!

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 2 February 2018 04:25:37 AM

representatives of department of personnel and training met the minister of state

नई दिल्ली। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के अधिकारियों का एक शिष्‍टमंडल आज केंद्रीय पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग में राज्‍यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह से मिला। शिष्‍टमंडल ने वित्‍तमंत्री अरुण जेटली द्वारा बजट में उनके विषयों को शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में सरकार को धन्‍यवाद दिया। शिष्‍टमंडल का नेतृत्‍व कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव अजय मित्‍तल ने किया। सदस्‍यों ने सरकार को वर्तमान यात्रा भत्‍ता और चिकित्‍सा खर्चों की पुर्नअदायगी के बदले में आयकर में वेतनभोगी लोगों के लिए 40,000 रुपये की मानक कटौती की अनुमति देने के लिए सरकार को धन्‍यवाद दिया। शिष्‍टमंडल ने इन तीन वर्ष में कर्मचारियों के कल्‍याण के लिए उठाए गए विभिन्‍न कदमों के लिए भी सरकार को धन्‍यवाद दिया।
कार्मिक राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने शिष्‍टमंडल से मुलाकात के दौरान कहा कि यह पहला मौका है, जब सरकार ने वेतनभोगी वर्ग के योगदान को स्‍वीकार किया है। उन्होंने कहा कि वेतनभोगी वर्ग पूरे देश में आयकर संग्रह में काफी अच्‍छा योगदान करता है, जिसको देखते हुए वेतनभोगी वर्ग के लिए 40,000 रुपये की मानक कटौती जैसी निश्चित छूटों की अनुमति दी गई है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि विभिन्‍न वर्गों और क्षेत्रों की समस्‍याओं पर ध्‍यान देने के लिए वित्‍तमंत्री अरुण जेटली की प्रशंसा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह बजट सामान्‍य लोगों का बजट है और इसमें सभी वर्गों के हितों का ध्‍यान रखा गया है। उन्‍होंने 10,000 करोड़ रुपये के मछली पालन कोष की घोषणा पर प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि मछली पालन कोष से पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के लोगों को लाभ मिलेगा।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के लिए बांस मिशन का खास महत्‍व है और वित्‍तमंत्री की घोषणा पूर्ववर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए सरकार के निरंतर संकल्‍प को व्‍यक्‍त करती है। उन्‍होंने कहा कि वरिष्‍ठ नागरिकों की आयु बढ़ने के साथ ही उन्हें कई गंभीर बीमारियों का सामना भी करना पड़ता है, उनके पास देखभाल सहायता की कमी होती है और उनकी वित्‍तीय कठिनाइयां भी होती हैं, इन बातों को ध्‍यान रखते हुए जमा योजनाओं से होने वाली आय में छूट की सीमा बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दी गई है, स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना राशि बढ़ाकर 50 हजार रुपये की गई और चिकित्‍सा व्‍यय भी बढ़ाया गया है।

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