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उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में जलापूर्ति हेतु ऋण

उत्तराखंड में शहरी आबादी करीब 42 प्रतिशत तक बढ़ी

केंद्र और उत्तराखंड सरकार एवं विश्व बैंक में करार

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 23 January 2018 02:06:25 AM

agreement between center and uttarakhand government and world bank

नई दिल्ली। भारत सरकार, उत्तराखंड सरकार और विश्व बैंक ने उत्तराखंड के पहाड़ के नगरीय-शहरी क्षेत्रों में जलापूर्ति सेवाओं की सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिए 120 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस परियोजना के लिए भारत सरकार की तरफ से वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामले विभाग में संयुक्त सचिव समीर कुमार खरे, उत्तराखंड सरकार की तरफ से पीने के पानी तथा स्वच्छता विभाग में सचिव अरविंद कुमार हयांकी एवं विश्व बैंक इंडिया के कार्यवाहक कंट्री डायरेक्टर इशाम आब्दो ने विश्व बैंक की तरफ से समझौते पर हस्ताक्षर किए। ज्ञातव्य है कि उत्तराखंड में वर्ष 2001 से 2011 तक शहरी आबादी में लगभग 42 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जोकि 32 प्रतिशत के राष्ट्रीय औसत से काफी अधिक है।
उत्तराखंड जल आपूर्ति कार्यक्रम शहरी क्षेत्रों के लिए राज्य सरकार को जल आपूर्ति बढ़ाने तथा नगरीय-शहरी क्षेत्रों में स्थाई जलापूर्ति सेवा आपूर्ति प्रदायगी सुनिश्चित करने में मदद करेगा। यह नगरीय क्षेत्रों के लिए एक सेवा केंद्रित, प्रभावी जलापूर्ति नीति के निर्माण एवं कार्यांवयन करेगा तथा वर्तमान निगरानी और मूल्यांकन प्रणालियों को सुदृढ़ बनाएगा, साथ ही नगरीय-शहरी क्षेत्रों में जलापूर्ति के मास्टर प्लान तैयार करने तथा उसे लागू करने के लिए समर्पित प्रोत्साहन उपलब्ध कराएगा। विकास एवं शहरीकरण की वजह से नगरीय-शहरी क्षेत्रों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिन्हें ग्रामीण के रूपमें वर्गीकृत किया जाता है, लेकिन ये प्रकृति आबादी के घनत्व, अर्थव्यवस्था की संरचना तथा लोगों की आकांक्षाओं के लिहाज से प्रभावी रूपसे शहरी हैं।
भारत सरकार की तरफ से वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामले विभाग में संयुक्त सचिव समीर कुमार खरे ने बताया कि राज्य के नगरीय-शहरी क्षेत्रों में रहने वाले 700,000 से अधिक लोगों के इस कार्यक्रम से लाभांवित होने की उम्मीद है। लीड जलापूर्ति एवं स्वच्छता विशेषज्ञ तथा इस कार्यक्रम के विश्व बैंक की टास्क टीम लीडर स्मिता मिश्रा ने कहा कि तेजी से बढ़ते आर्थिक विकास कार्यक्रम के साथ नगरीय-शहरी क्षेत्रों में जलापूर्ति समेत बेहतर सार्वजनिक सेवाओं की मांग में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम अब राज्य के लिए प्राथमिकता बन चुका है, क्योंकि यह 2030 तक शहरी क्षेत्रों में एवं 2022 तक ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वभौमिक जलापूर्ति कवरेज के अपने लक्ष्य को अर्जित करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।

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