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जनसामान्य अपराध से त्रस्त-हाफिज उस्मान

मानवाधिकार कार्यक्रम में जन सूचना आयुक्त का संबोधन

'पीड़ित लोग अफसरों को बेहिचक अपनी परेशानी बताएं'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 13 December 2017 12:39:37 AM

international human rights association festival

सीतापुर। उत्तर प्रदेश के जन सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने सीतापुर में नेहरू हाल में हुए अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार एसोसिएशन के समारोह में मुख्य अतिथि की हैसियत से संबोधित करते हुए कहा है कि जनसामान्य अपराध से त्रस्त होता जा रहा है, लोग अधिकारियों को अपनी परेशानी बताते हुए घबराते हैं, लोगों में यह घबराहट दूर करना और उनकी परेशानी को समझकर उनका निदान करवाना ही एसोसिएशन के सदस्यों का प्रथम उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार हनन के अपराध खत्म करने में सभीको सहयोग देना चाहिए और परेशान आमजनता की मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सर्वसमाज में महिलाओं पर अत्याचार, दहेज उत्पीड़न, नशा, आतंकवाद जैसे मानवाधिकार हनन के बड़े-बड़े मामले सामने आ रहे हैं, जिनपर सर्वसमाज के सहयोग से ही नियंत्रण पाया जा सकता है।
हाफिज उस्मान ने सामाजिक कुरीतियों पर अफसोस जाहिर करते हुए कहा है कि इनसे अपराध खौफनाक रुख़ अख़्तियार कर रहे हैं, छोटे-छोटे अपराध समाज को अंदर-अंदर ही खोखला कर रहे हैं और भावी पीढ़ी पर इनका बुरा असर पड़ रहा है। उन्होंने सामाजिक अपराधों के ख़िलाफ लड़ाई लड़ने का आह्वान किया।हाफिज उस्मान ने कहा कि अधिकारी और नागरिक संयुक्त रूपसे असामाजिक एवं अपराधी तत्वों का हर स्तर पर दमन करें, जो प्रशासन को निष्प्रभावी बनाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि आम जनता का विश्वास प्रशासन से भी टूटने लगा है, यदि हम संकल्पिक होकर प्रयास करें तो इसे बहाल कर सकते हैं।
जन सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने ज़ोरदेकर कहा कि मानव अधिकार दिवस मनाने का लक्ष्य मानव जीवन से ग़रीबी अत्याचार का उन्मूलन और सुखमय जीवन होना चाहिए। उन्होंने संस्कारी शिक्षा को आवश्यक बताया, ताकि समाज को पूर्णतः जागरुक और अपराध मुक्त बनाया जा सके। कार्यक्रम के अध्यक्ष जिला जज न्यायमूर्ति निजामुद्दीन और संयोजक राकेश कुमार गुप्ता ने मुख्य अतिथि हाफिज उस्मान को बुके और स्मृतिचिन्ह देकर स्वागत किया। कार्यक्रम में अपर जिला जज श्री श्रीवास्तव, सिविल जज पूनम सिंह, वेदानंद वर्मा, रघुनाथ, महेश गुप्ता, शादात उस्मान, शेख जियाउल्लाह, मौलाना कासमी, मौलाना यासीन, तहसीलदार, सीओ और भारी संख्या में गणमान्य नागरिक एवं अधिकारी मौजूद थे।

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