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मानवता की सांस्कृतिक धरोहरों में 'कुंभ मेले'

योगी का प्रधानमंत्री व यूनेस्को को इस उपलब्धि पर आभार

यूनेस्को ने माना कुंभ में सांस्कृतिक अनेकता का आयोजन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 8 December 2017 12:13:33 AM

kumbh mela

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुंभ मेले को यूनेस्को की ‘इनटैंजिबिल कल्चरल हेरिटेज लिस्ट’ में शामिल किए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में मिली इस उपलब्धि के लिए उनका आभार व्यक्त करते हुए अभिनंदन किया है। उन्होंने मानवता की सांस्कृतिक धरोहर की सूची में ‘कुंभ मेले’ को शामिल करने के लिए यूनेस्को को भी धन्यवाद दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश नई ऊंचाइयों को छू रहा है, विश्व में भारत की एक नई पहचान बन रही है और पूरी दुनिया नेतृत्व के लिए भारत की ओर देख रही है। ज्ञातव्य है कि कुंभ मेला विश्व का ऐसा सबसे बड़ा आयोजन है, जहां बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित होकर शांतिपूर्ण ढंग से धार्मिक परंपराओं का पालन करते हैं। यह आयोजन इलाहाबाद, नासिक, उज्जैन तथा हरिद्वार में होते हैं। यूनेस्को ने कुंभ मेले को सांस्कृतिक अनेकता का आयोजन माना है, जिसमें लोग आपस में ज्ञान तथा कौशल का आदान-प्रदान पांडुलिपियों तथा श्रुतियों के माध्यम से करते हैं।
कुंभ पर्व हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु कुंभ पर्व स्थल हरिद्वार, प्रयाग, उज्जैन और नासिक में स्नान करते हैं। इनमें से प्रत्येक स्थान पर प्रति बारहवें वर्ष इस पर्व का आयोजन होता है। हरिद्वार और प्रयाग में दो कुंभ पर्व के बीच छह वर्ष के अंतराल में अर्धकुंभ भी होता है। खगोल गणनाओं के अनुसार यह मेला मकर संक्रांति के दिन प्रारंभ होता है, जब सूर्य और चंद्रमा वृश्चिक राशि में और बृहस्पति, मेष राशि में प्रवेश करते हैं। मकर संक्रांति के होने वाले इस योग को कुंभ स्नान योग कहते हैं और इस दिन को विशेष मंगलिक माना जाता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन पृथ्वी से उच्च लोकों के द्वार इस दिन खुलते हैं और इस प्रकार इस दिन स्नान करने से आत्मा को उच्च लोकों की प्राप्ति सहजता से हो जाती है। यहां स्नान करना साक्षात स्वर्ग दर्शन माना जाता है।

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