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भारत-इटली में सौहार्दपूर्ण संबंध-कृषिमंत्री

इटली के शिष्‍टमंडल की कृषिमंत्री राधामोहन सिंह से भेंट

कृषि और पादप स्‍वच्‍छता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण समझौता

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 7 December 2017 03:16:03 AM

important agreement in the field of agriculture and plant hygiene in india-italy

नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्री राधामोहन सिंह ने कृषि भवन नई दिल्ली में इटली गणराज्‍य के कृषि, खाद्यान्‍न एवं वानिकी नीति मंत्री मौरिजिओ मार्टिन के नेतृत्व में एक शिष्‍टमंडल से मुलाकात की। इस दौरान राधामोहन सिंह ने कहा कि भारत और इटली के बीच पारंपरिक रूपसे मैत्री एवं सौहार्दपूर्ण संबंध हैं। उन्होंने कहा कि भारत दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक मजबूत करने पर विशेष महत्‍व देता है। उन्‍होंने उल्‍लेख किया कि कृषि क्षेत्र सहित विभिन्‍न क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच संबंधों को और प्रगाढ़ एवं सुदृढ़ करने की आवश्‍यकता है। राधामोहन सिंह ने इटली के मंत्री का एक व्‍यापारी शिष्‍टमंडल के साथ एग्रीमेच इंडिया 2017 में शामिल होने के लिए धन्‍यवाद किया।
कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्री राधामोहन सिंह ने कृषि मशीनों, प्रशिक्षण, निवेश, संस्‍थागत संबंधों, प्रीसीजन फार्मिंग, पशु प्रजनन, मछलीपालन जैसे सहयोग के व्यापक कार्यक्षेत्र और कृषि क्षेत्र, विपणन, मृदा स्‍वास्‍थ्‍य, सिंचाई एवं फसल बीमा आदि क्षेत्रों में सरकार की पहलों का भी संक्षिप्‍त रूपसे उल्‍लेख किया। राधामोहन सिंह ने बैठक में यूरोपीय आयोग के निर्धारित अधिकतम मध्‍यम अपशेष स्‍तर के कारण भारतीय अंगूरों और चावल के निर्यात पर पड़े प्रभाव संबंधी मामले को भी उठाया। उन्होंने इस मामले का परस्‍पर स्‍वीकार्य समाधान खोजने का सुझाव दिया, क्‍योंकि यूरोपीय संघ द्वारा भारत को जानकारी दिए बगैर ही बिना किसी वैज्ञानिक मूल्‍यांकन के ये सीमाएं तय की गई हैं। दोनों मंत्रियों ने कृषि और पादप स्‍वच्‍छता के क्षेत्र में सहयोग के लिए नए समझौते ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए। उन्होंने कहा कि यह वर्ष 2008 में हस्‍ताक्षरित समझौते का स्‍थान लेगा, जिसमें इस क्षेत्र से संबंधित सहयोग के लिए सुनियोजित योजना बनाने का प्रावधान किया गया है।
राधामोहन सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय कृषि विकास कोष के अध्यक्ष गिल्बर्ट एफ हन्गबो से भी मुलाकात की और उन्हें आईएफएडी के प्रेसिडेंट के रूपमें चुने जाने पर बधाई दी। उन्होंने कहा भारत संयुक्‍तराष्‍ट्र की 13वीं विशेष एजेंसी के रूपमें 1977 में आईएफएडी की स्‍थापना से ही इसके साथ सक्रिय रूपसे जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत आईएफएडी का संस्‍थापक सदस्‍य है, सदस्‍य देशों के बीच प्रमुख सहयोगी रहा है और कोष के शासी निकाय में सक्रिय भागीदार रहा है एवं आईएफएडी कार्यकारी मंडल में स्‍थायी सदस्‍य है, वर्तमान में यह अधिशासी परिषद और मूल्‍यांकन समिति का अध्‍यक्ष है। आईएफएडी की नई योजना का स्‍वागत करते हुए कृषिमंत्री ने कहा कि वे भारत के अलावा नेपाल, भूटान, बांग्‍लादेश, श्रीलंका और मालदीव को कवर करते हुए उपक्षेत्रीय हब के रूपमें कार्य करने के लिए नई दिल्‍ली में उपक्षेत्रीय हब की स्‍थापना करेंगे। उन्होंने कहा इससे दक्षिण-दक्षिण तकनीकी सहयोग और अधिक निवेश, तकनीकी और ज्ञान सहयोग के लिए अवसरों में उल्‍लेखनीय बढ़ोतरी होगी। कृषिमंत्री ने कहा भारत ने वर्ष 2016-18 अवधि के लिए आईएफएडी की 10वीं पुनःपूर्ति में 37 मिलियन अमरीकी डालर का योगदान दिया है और हमें अगली पुनःपूर्ति में इस राशि में काफी हद तक बढ़ोतरी की संभावना है।

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