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एमएस स्‍वामीनाथन किसान वैज्ञानिक-मोदी

डॉ स्‍वामीनाथन पर लिखी गई पुस्तक का विमोचन

'स्वामीनाथन की विशेषताएं ज़मीनी हकीकत'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 22 May 2017 11:30:39 PM

released book written on dr. swaminathan

नई ‌दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विख्‍यात कृषि वैज्ञानिक डॉ एमएस स्‍वामीनाथन के व्‍यक्तित्‍व पर लिखी पुस्‍तक श्रृंखला के दो भागों का लोकापर्ण किया, जिसका शीर्षक एमएस स्‍वामीनाथन: दी क्‍वेंस्‍ट फोर ए वर्ल्‍ड विदआउट हंगर है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर उन क्षणों को याद दिलाया कि जब गुजरात के मुख्‍यमंत्री के कार्यकाल के रूपमें उन्‍होंने प्रोफेसर एमएस स्‍वामीनाथन के साथ सलाह-मशविरा करके मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड पहल की शुरूआत की थी। प्रोफेसर स्‍वामीनाथन की लगन और वचनबद्धता की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने उन्‍हें एक ‘किसान वैज्ञानिक’ बताया और मात्र ‘कृषि वैज्ञानिक’ की अपेक्षा वे किसानों के वैज्ञानिक थे। उन्‍होंने प्रोफेसर एमएस स्‍वामीनाथन की सादगी की भी सराहना की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्रोफेसर एमएस स्‍वामीनाथन की विशेषताएं जमीनी हकीकतों को यथार्थ धरातल से जोड़ती हैं। कृषि क्षेत्र की वर्तमान चुनौतियों का उल्‍लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र की सफलता को पूर्वी भारत में विस्‍तार दिए जाने की आवश्‍यकता है और वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी गत उपायों को इसे यथार्थ रूप दिया जाना अपेक्षित है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आधुनिक वैज्ञानिक पद्धतियों तथा पारंपरिक कृषि ज्ञान के सम्मिश्रण से सर्वोत्‍तम परिणाम प्राप्‍त किए जा सकते हैं। कतिपय राज्‍यों का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के प्रत्‍येक जिले की एक अपनी ‘कृषि पहचान’ होनी चाहिए। उन्‍होंने कहा कि इससे विपणन को बढ़ावा और औद्योगिक-क्‍लस्‍टरों की तर्ज पर कृषि-क्‍लस्‍टर का विकास करने में मदद मिलेगी।
नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लक्ष्‍य का उल्‍लेख किया और बताया कि इसके लिए अनेक महत्‍वपूर्ण क्षेत्र में लक्ष्‍यपरक दृष्टिकोण अपनाए जाने की जरूरत है। उन्‍होंने इस बात संतोष प्रकट किया कि पिछली कृषि बीमा योजनाओं की अपेक्षा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को कृषक समुदाय बड़े पैमाने पर अंगीकार कर रहा है। उन्‍होंने कहा कि इससे किसानों की जोखिम उठाने की सामर्थ्‍य बढ़ाने में मदद मिलेगी और नवाचार को ‘प्रयोगशाला से खेत’ तक पहुंचाने की प्रक्रिया आसान बनेगी। प्रोफेसर एमएस स्‍वामीनाथन ने प्रधानमंत्री के उद्गारों के प्रति धन्‍यवाद ज्ञापित किया और उनके दृष्टिकोण को सराहा। उन्‍होंने प्रौद्योगिकी और लोकनीति के बीच सामंजस्‍य के महत्‍व पर जोर दिया। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह और गणमान्‍य नागरिक उपस्थित थे।

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