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सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट पेश हुई

वेतन आयोग की रिपोर्ट में इस बार कुछ अनोखा

कैबिनेट की मंजूरी के लिए विचार-विमर्श शुरू

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 29 April 2017 06:42:49 AM

arun jaitley

नई दिल्ली। सातवें केंद्रीय वेतन आयोग के भत्‍तों पर पेश की गई सिफारिशों पर गौर करने के लिए भारत सरकार के वित्‍त मंत्रालय की भत्‍तों पर गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट केंद्रीय वित्‍तमंत्री अरुण जेटली को सौंप दी है। सातवें वेतन आयोग की भत्‍तों पर पेश की गई सिफारिशों को लेकर विभिन्‍न हितधारकों की ओर से प्राप्‍त सभी ज्ञापनों पर समिति ने गौर किया। करीब 70 भत्‍तों के संबंध में ज्ञापन एवं संशोधन के लिए मांग पत्र प्राप्‍त हुए, जिन पर समिति ने विस्‍तार से विचार-विमर्श किया है। ऐसा करते वक्‍त समिति ने राष्‍ट्रीय परिषद की स्‍थायी समिति यानी कर्मचारी पक्ष के सभी सदस्‍यों, संयुक्‍त सलाहकार मशीनरी, रेलवे के विभिन्‍न कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों, डाक कर्मचारियों, डॉक्‍टरों, नर्सों और परमाणु ऊर्जा विभाग के प्रतिनिधियों से बातचीत की।
सातवें वेतन आयोग की वेतन, पेंशन एवं संबंधित मुद्दों पर पेश की गई सिफारिशों को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 29 जून 2016 को मंजूरी दी थी, जिसको ध्‍यान में रखते हुए यह समिति गठित की गई थी। सातवें वेतन आयोग की भत्‍तों के ढांचे में व्‍यापक बदलाव लाने की सिफारिश और कर्मचारियों के विभिन्‍न संगठनों की ओर से पेश किए गए अनगिनत ज्ञापनों के साथ-साथ विभिन्‍न मंत्रालयों, विभागों की आशंकाओं को ध्‍यान में रखते हुए यह समिति गठित करने का निर्णय लिया गया था। सातवें केंद्रीय वेतन आयोग ने यह सिफारिश की थी कि कुल 196 भत्‍तों में से 52 भत्‍तों को पूरी तरह समाप्‍त कर दिया जाए और 36 भत्‍तों की पृथक पहचान समाप्‍त करते हुए उनका विलय अन्‍य भत्‍तों में कर दिया जाए।
भारत सरकार के वित्‍त मंत्रालय में वित्‍त सचिव एवं सचिव (व्‍यय) अशोक लवासा इस समिति के अध्‍यक्ष थे और गृह, रक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण, कार्मिक एवं प्रशिक्षण तथा डाक सचिव और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन इसके सदस्‍य थे, जबकि संयुक्‍त सचिव क्रियांवयन प्रकोष्‍ठ इसके सदस्‍य सचिव थे। समिति ने रक्षा बलों के प्रतिनिधियों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों अर्थात सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और असम राइफल्स के महानिदेशकों तथा आईबी एवं एसपीजी के वरिष्‍ठ अधिकारियों के साथ भी चर्चाएं कीं, ताकि उनके विचार जाने जा सकें। जैसाकि रिपोर्ट में बताया गया है, समिति ने कुल मिलाकर 15 बैठकें की थीं और विभिन्‍न ज्ञापनों पर गौर करने में अपर सचिव (व्‍यय विभाग) की अध्‍यक्षता वाले अधिकारियों के समूह ने इसकी सहायता की थी।
हितधारकों के साथ व्‍यापक विचार-विमर्श और विभिन्‍न ज्ञापनों पर गौर करने के बाद समिति ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों में कुछ विशेष संशोधन करने का सुझाव दिया है, ताकि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के पीछे दी गई दलीलों के साथ-साथ अन्‍य प्रशासकीय मजबूरियों के संदर्भ में हितधारकों की चिंताएं दूर की जा सकें। ऐसे कुछ भत्‍तों में संशोधन करने का सुझाव दिया गया है, जो सार्वभौमिक तौर पर सभी कर्मचारियों पर लागू होते हैं। इसी तरह ऐसे कुछ अन्‍य भत्‍तों में भी संशोधन करने का सुझाव दिया गया है, जो विशिष्‍ट श्रेणियों के कर्मचारियों जैसेकि रेलकर्मियों, डाककर्मियों, वैज्ञानिकों, रक्षाक्षेत्र के कर्मियों, डॉक्‍टरों एवं नर्सों इत्‍यादि पर लागू होते हैं।
वेतन आयोग की रिपोर्ट पर फिलहाल वित्‍त मंत्रालय के व्‍यय विभाग में विचार-विमर्श किया जा रहा है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को परखने के लिए गठित की गई सचिवों की उच्‍चाधिकार प्राप्‍त समिति के समक्ष इस रिपोर्ट को रखा जाएगा, ताकि कैबिनेट की मंजूरी के लिए उपयुक्‍त प्रस्‍ताव तैयार किया जा सके। उल्‍लेखनीय है कि जहां एक ओर सातवें वेतन आयोग ने वेतन एवं पेंशन पर पेश की गई सिफारिशों को कैबिनेट की मंजूरी के बाद लागू कर दिया है, वहीं दूसरी ओर भत्‍तों का भुगतान अब भी पुरानी दरों पर ही हो रहा है।

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