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युवा पीढ़ी स्वतंत्रता पर बलिदान को पढ़े-वेंकैया

वेंकैया नायडू ने किया गांधीजी पर किताबों का विमोचन

प्रकाशन विभाग के प्रयासों की नायडू ने की प्रशंसा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 10 April 2017 04:02:43 AM

m venkaiah naidu releasing the heritage book gandhi in champaran

नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि महात्‍मा गांधी ने ‘युवा मन’ को मानवता, उदारता और दृढ़ संकल्‍प का अमूल्‍य पाठ सिखाया है, इससे आगामी पीढ़ी को उनके दर्शन ‘मेरा जीवन, मेरा संदेश है’ के सार को समझने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को हमारे देश के विभिन्‍न क्षेत्रों के स्‍वाधीनता सेनानियों के सर्वोच्‍च बलिदान की भावना और उनकी अभिलाषा को समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि गांधीजी के संदेशों को फैलाने की प्रेरणा के लिए उनके विचारों और शिक्षाओं को पुस्‍तक के रूप में पाठकों के लिए उपलब्‍ध कराया जाना चाहिए। सूचना और प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने यह बात राष्‍ट्रीय गांधी संग्रहालय नई दिल्‍ली के सहयोग से प्रकाशित प्रकाशन विभाग की विरासत पुस्‍तक ‘गांधी इन चम्‍पारण’ के विमोचन पर कही।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल के ‘मन की बात’ कार्यक्रम में चम्‍पारण आंदोलन और गांधीजी के संघर्ष के महत्‍व की बात की थी, उसका संदर्भ देते हुए वेंकैया नायडू ने कहा कि चम्‍पारण सत्‍याग्रह गांधीजी के नेतृत्‍व में देश में किया गया पहला अहिंसक जन आंदोलन था। उन्होंने कहा कि चम्‍पारण का संघर्ष देश के स्‍वाधीनता की आगे की लड़ाई के लिए प्रेरणा बना था। इस विरासत अभिलेखीय साहित्‍य का संरक्षण और दोबारा प्रकाशित करने में प्रकाशन विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार का लक्ष्‍य गरीब से गरीब व्‍यक्ति के कल्‍याण के लिए कार्य कर महात्‍मा गांधी के आदर्शों को मुख्‍यधारा में लाना है। वेंकैया नायडू ने कहा कि प्रकाशन विभाग को गांधीजी और अन्‍य क्षेत्रीय स्‍वाधीनता सेनानियों से संबंधित प्रासंगिक साहित्‍य तथा प्रकाशनों को संरक्षित और प्रकाशित करना चाहिए।
वेंकैया नायडू ने कहा कि गांधीजी पर आधारित पुस्‍तकों से सरकार की स्‍वच्‍छ भारत अभियान, जन धन योजना और स्किल इंडिया जैसी महत्‍वाकांक्षी योजनाओं को प्रोत्‍साहन मिलेगा, जिनका उद्देश्‍य समाज के हर वर्ग में समानता लाना और उनका सशक्तिकरण करना है। उन्होंने कहा कि पुस्‍तक ‘गांधी इन चम्‍पारण’ के प्रकाशन से समकालीन पाठकों को स्‍वाधीनता के लिए भारतीय संघर्ष के उस महत्‍वपूर्ण चरण के बारे में पता चलेगा। पुस्‍तक का उद्देश्‍य गांधीजी पर गहरा प्रभाव छोड़ने वाले और कैसे इस घटना ने हमारे राष्‍ट्र के इतिहास की दिशा को बदला था, उस अनुभव को पुन: लिखना, याद करना और उन्‍हें दोबारा बताना है। वेंकैया नायडू ने प्रकाशन विभाग के लिए डीजी तेंदुलकर लिखित दो अन्‍य पुस्‍तकों ‘रोमैन रोलैंड एंड गांधी कॉरसपोंडैंस’ और ‘महात्‍मा श्रृंखला (8 संस्‍करण)’ का भी विमोचन किया।
रोमैन रोलैंड एंड गांधी कॉरसपोंडैंस पुस्‍तक पत्रों का संकलन है, इसमें रोमैन रोलैंड के महात्‍मा गांधी के साथ चित्र और उनके बारे में लेख तथा उनकी एवं महात्‍मा गांधी की डायरियों के अंश के साथ ही कुछ अन्‍य लेख भी हैं। पुस्‍तक महात्‍मा श्रृंखला महात्‍मा गांधी की जीवनी है, जिसकी कल्‍पना और लेखन बापू के जीवनकाल के दौरान ही डीजी तेंदुलकर ने किया था, जिसे लेखक ने ही संशोधित संस्‍करणों में संरक्षित किया है और 60 के दशक केशुरूआत में प्रकाशन विभाग ने इसे प्रकाशित किया था। ये सभी संरक्षित पुस्‍तकें 1950 और 1960 में प्रकाशित की गई थीं और इनमें स्‍वाधीनता संग्राम के बारे में सबसे अधिक प्रमाणिक विवरण दिया गया है। इस अवसर पर राष्‍ट्रीय गांधी संग्रहालय की अध्‍यक्ष अपर्णा बासु और मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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