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'भारत दुनिया का आकर्षक फिल्मांकन गंतव्य'

रूसी प्रतिनिधियों से बोले कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर

भारत में फिल्म वीज़ा व फिल्म सुविधा कार्यालय

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 6 April 2017 05:38:21 AM

col. rajyavardhan singh rathore and alexey volin

नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्यमंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा है कि विदेशी फिल्म निर्माताओं को वीजा की नई श्रेणी देना उनके लिए इस देश में प्रवेश से संबंधित मुद्दों को आसान बनाने के लिए भारत सरकार का उठाया गया एक महत्‍वपूर्ण कदम था। उन्होंने कहा कि फिल्म वीज़ा और फिल्म सुविधा कार्यालय की स्‍थापना का उद्देश्य भारत को दुनिया के लिए एक आकर्षक फिल्मांकन गंतव्य के रूप में बढ़ावा देना है। कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने रूस के दूरसंचार और मास कम्‍युनिकेशन मंत्री एलेक्‍सी वोलिन की अगुवाई में रूसी प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई मुलाकात के दौरान यह बात कही।
सूचना और प्रसारण राज्यमंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने विचार-विमर्श के दौरान सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के मुंबई में स्‍थापित किए जाने वाले एनिमेशन, दृश्य प्रभाव, गेमिंग और कॉमिक्स के लिए राष्‍ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र के बारे में प्रतिनिधिमंडल को जानकारी दी। उन्‍होंने एनिमेशन, ग्राफिक्स और दृश्य सामग्री के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच संभावित सहयोग का पता लगाने के बारे में भी सहमति व्यक्त की। उन्होंने रूस के दूरसंचार और मास कम्‍युनिकेशन मंत्री एलेक्‍सी वोलिन के साथ विभिन्न लक्षित दर्शकों, विशेष रूपसे बच्चों और युवा पीढ़ी के लिए सामग्री निर्माण और सामग्री वितरण तंत्र के क्षेत्र में सहयोग करने के बारे में भी विचार-विमर्श किया।
राज्यवर्धन सिंह राठौर ने दोनों देशों के मध्‍य सांस्‍कृतिक आदान-प्रदान के माध्‍यम के रूपमें फिल्‍मों की भूमिका के बारे में विचार-विमर्श करते हुए फिल्‍म समारोह के माध्‍यम से एक-दूसरे देश की फिल्‍मों के प्रदर्शन के बारे में जोर दिया। दोनों मंत्रियों के बीच फिल्‍म बाजार के क्षेत्र में राष्‍ट्रीय फिल्‍म विकास निगम और रूसी संघ के इसी क्षेत्र के समकक्ष के मध्‍य संभावित सहयोग के बारे में भी विचार-विमर्श हुआ। गौरतलब है कि भारत में फिल्मांकन स्‍थलों पर विदेशी फिल्म निर्माताओं की दिलचस्पी काफी हद तक बढ़ी है, जिसका कारण उन्हें वो सुविधाएं और वातावरण ‌मिलना है, जो उन्हें भारत की तरह कहीं और मिलना कठिन और महंगा होता है। भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने विदेशी फिल्म निर्माताओं को काफी अवसर दिए हैं, जिनका वे भरपूर लाभ उठा रहे हैं।

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