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शांतिस्वरूप शर्मा के हत्यारे गिरफ़्तार हुए

ग्राम प्रधान के चुनाव की रंजिश में की गई थी हत्या

इनमें एक हत्यारा अभी भी चल रहा है फरार

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 28 March 2017 05:55:02 AM

shanti swaroop sharma's assailants arrested

बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव सरकार का पतन होते ही बुलंदशहर पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ता शांतिस्वरूप शर्मा की हत्या के आरोप में तीन शातिर हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया। ज्ञात हो कि 29 अक्टूबर 2016 को दीपावाली के दिन बुलंदशहर में अपने घर बैठे शांतिस्वरूप शर्मा की ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर हत्या कर दी गई थी। हत्या का कारण ग्राम प्रधान के चुनाव की रंजिश बताया गया था। बताया जाता है कि नामजद हत्यारे तभी से खुलेआम घूमते फिर रहे थे और गवाहों एवं शांतिस्वरूप शर्मा के परिजनों को आए दिन परिणाम भुगतने की धमकियां भी देते आ रहे थे, क्योंकि उन्हें सपा की अखिलेश सरकार के प्रभावशाली लोगों का भरपूर संरक्षण मिला हुआ था। बदली हुई स्थितियों में शांतिस्वरूप शर्मा हत्याकांड बुलंदशहर पुलिस के लिए बड़ी मुसीबत बन गया था, जिसमें कभी भी स्थानीय पुलिस के अधिकारियों पर निलंबन और विभागीय जांच जैसी कार्रवाई होने वाली थी।
शांतिस्वरूप शर्मा के भाई राजकुमार शर्मा पुत्र शीलचंद शर्मा निवासी ग्राम ईस्माइला थाना औरंगाबाद जनपद बुलंदशहर ने थाना शहर कोतवाली बुलंदशहर पर हत्या का यह मुकद्मा पंजीकृत कराया था। उन्होंने तहरीर दी थी कि वह अपने भाई शांतिस्वरूप शर्मा और भतीजे शुभम के साथ सुशीला विहार स्थित घर पर बैठा था कि करीब 20.30 बजे उसके गांव ईस्माइला के अमित और सुमित पुत्र मुकेश उर्फ भूरा और दो अज्ञात व्यक्ति घर पर दीपावली की मिठाई देने के बहाने आए और भाई शांतिस्वरूप शर्मा पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर उनकी हत्या करके फरार हो गए हैं। घटना नामजद थी, जिसमें सुमित पुत्र मुकेश उर्फ भूरा को दिनांक 6 नवंबर 2016 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था और बाकी अभियुक्तों की गिरफ्तारी अभी तक नहीं हो सकी थी। बुलंदशहर की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सोनिया सिंह ने अपर पुलिस अधीक्षक नगर मानसिंह चौहान, अपर पुलिस अधीक्षक अपराध अरविंद कुमार पांडेय को अभियुक्तों की गिरफ्तारी का जिम्मा सौंपा था, जिन्होंने स्वाट टीम के प्रभारी मनोज कुमार सिंह एवं शहर कोतवाली पुलिस को हत्यारों को गिरफ्तार करने के लिए लगाया हुआ था। शांतिस्वरूप शर्मा हत्याकांड में संलिप्त हत्यारे पीड़ित परिवार को लगातार धमकियां देते आ रहे थे। दिनांक 26 मार्च 2017 को शहर कोतवाल राकेश कुमार शर्मा और स्वाट टीम के प्रभारी मनोज कुमार सिंह ने मुखबिर की सूचना पर संयुक्तरूप से कार्रवाई करते हुए हत्याकांड में संलिप्त तीन शातिर हत्यारों को घटना में प्रयुक्त अवैध असलहों सहित मऊखेड़ा फाटक से गिरफ्तार कर लिया।
शांतिस्वरूप शर्मा के गिरफ्तार हत्यारों का नाम पता है-गौरव पुत्र योगेश और विक्रांत पुत्र कुलजीत निवासी ग्राम सैदपुरा थाना औरंगाबाद जनपद बुलंदशहर। धर्मेंद्र उर्फ सिट्टन उर्फ ऋषि पुत्र पन्नी सिंह निवासी ग्राम मैथना जगतपुर थाना औरंगाबाद जनपद बुलंदशहर। पुलिस का कहना है कि इनसे 3 तमंचे 315 बोर, 14 कारतूस, घटना में प्रयुक्त मोटर साईकिल होंडा सीडी-110 नंबर-यूपी-13एबी-3507 की बरामदगी हुई है। पुलिस का कहना है कि हत्याकांड की विवेचना से ज्ञात हुआ है कि ग्राम ईस्माइला में विगत वर्ष प्रधानी चुनाव था, जिसमें अभियुक्त अमित की मां अनिल देवी और गांव के हरेंद्र की मां श्यावती देवी एक-दूसरे के सामने खड़ी थीं और शांतिस्वरूप शर्मा ने हरेंद्र की मां को प्रधानी के चुनाव में सहयोग किया था, जिसमें हरेंद्र की मां चुनाव जीत गई थी। अमित ने अपनी मां की हार का मुख्य कारण शांतिस्वरूप शर्मा को मानकर अपने भाई सुमित और सहयोगी गौरव एवं विक्रांत के साथ मां की हार का बदला लेने के लिए शांतिस्वरूप शर्मा के घर में घुंसकर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर उसकी हत्या कर दी थी। अमित ने शांतिस्वरूप शर्मा की हत्या में प्रयोग हुए असलहे और कारतूस धर्मेंद्र उर्फ सिट्टन उर्फ ऋषि से प्राप्त किए थे।
बुलंदशहर पुलिस ने बताया कि हत्या करने के बाद हत्यारे अमित और विक्रांत ये असलहे लेकर धर्मेंद्र के पास ही पहुंचे थे। धर्मेंद्र ने इस हत्याकांड में हत्यारों का जानबूझकर सहयोग किया था। मुख्य हत्यारा अमित, कुख्यात अपराधी अनिल दुजाना गैंग का सक्रिय सदस्य है, उसकी गिरफ्तारी पर 12 हजार का इनाम घोषित किया गया है, जिसकी गिरफ्तारी हेतु संभावित स्थानों पर दबिशें दी जा रही हैं। गिरफ्तार हत्यारे शातिर किस्म के अपराधी हैं, जिनके विरुद्ध विभिन्न थानों में विभिन्न अभियोग पंजीकृत हैं। गौरव अपने 6 साथियों के साथ मिलकर भट्टा व्यापारी की हत्या का प्रयास कर चुका है। इसके विरुद्ध थाना बिसरख जनपद गौतमबुद्धनगर और कोतवाली नगर बुलंदशहर में मुकद्में पंजीकृत हैं।

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