स्वतंत्र आवाज़
word map

भारत सरकार बिहार पर हुई बड़ी मेहरबान

कश्मीर ओडिशा आंध्रा तेलंगाना की भी भारी मदद

केंद्र सरकार की राज्यों को विशेष सहायता

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 20 January 2017 04:41:34 AM

finance commission

नई दिल्ली। भारत सरकार देश के क्षेत्र विशेष में जारी विभिन्न सरकारी योजनाओं को पूरा करने के कार्य में तेज़ी लाने के लिए राज्य सरकारों की सहायता कर रही है और उन्हें विशेष सहायता मुहैया करा रही है। पिछड़े क्षेत्रों में विकास के एजेंडे को पूरा करने के प्रति भारत सरकार की वचनबद्धता के मद्देनज़र यह सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। यह सहायता इस तथ्य के बावजूद मुहैया कराई जा रही है कि बीआरजीएफ सहित राज्य योजना पद्धति को 14वें वित्त आयोग की अनुशंसाओं के मद्देनज़र केंद्रीय करों एवं शुल्कों के व्यापक स्तर पर होने वाले हस्तांतरण में सम्मिलित किया गया है और 2015-16 से केंद्र सरकार के समर्थन एवं सहायता से इन्हें अलग कर दिया गया है।
बिहार सरकार पर भारत सरकार कुछ ज्यादा ही मेहरबान नज़र आ रही है। केंद्र सरकार ने बिहार को हाल ही में 200 करोड़ रुपए की सहायता राशि जारी की है, इसके अलावा भी केंद्र सरकार ने बिहार सरकार को विशेष योजना के अंतर्गत जारी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए वर्ष 2016-17 में 1129.40 करोड़ रुपए की और विशेष सहायता राशि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। वर्ष 2015-16 में केंद्र सरकार की मुहैया कराई गई 1887.53 करोड़ रुपए की राशि को आगे बढ़ाने के क्रम में ही यह वर्तमान राशि विभिन्न विकास परियोजनाओं को पूरा करने के लिए उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। वर्तमान 1129.40 करोड़ रुपए की राशि सहित, केंद्र सरकार अब तक कुलमिलाकर 6934.61 करोड़ रुपए की राशि बिहार सरकार को उपलब्ध करा चुकी है। केंद्र सरकार की ओर से दी जाने वाली यह सहायता राशि उत्तर एवं दक्षिण बिहार में उपट्रांसमिशन प्रणाली को मज़बूत करने, बरौनी एवं मुजफ्फरपुर थर्मल पावर प्लांट के नवीकरण एवं आधुनिकीकरण, किशनगंज में संबंधित ट्रांसमिशन लाइन सहित संपूर्ण ट्रांसमिशन प्रणाली का निर्माण जैसी विभिन्न परियोजनाओं को पूरा करने में मदद करेगी। इस फंड के जारी होने से बिहार में सबसे ज़्यादा ज़रूरी और लंबे समय से लोगों की उम्मीदों से जुड़े ऊर्जा उत्पादन और ट्रांसमिशन प्रणाली को पूरा करने के कार्य को गति मिलेगी, जिससे बिहार के लोगों को अधिक से अधिक मात्रा में बिजली उपलब्ध हो सकेगी।
केंद्र सरकार ने अपने प्रतिबद्ध दायित्व का सम्मान करने के क्रम में हाल ही में वर्ष 2016-17 के लिए ओडिशा राज्य को 367.93 करोड़ रुपए की विशेष सहायता राशि जारी की है। केबीके ज़िलों कोरापुट, बोलांगिर एवं कालाहांडी सहित आठ ज़िलों को पुनर्गठित करने के लिए विशेष योजना के अंतर्गत जारी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए ओडिशा को दी जाने वाली केंद्रीय सहायता की यह अंतिम किस्त है। बारहवीं योजना के अंतर्गत इस परियोजना के लिए 1250 करोड़ रुपए की राशि अनुमोदित है। केबीके ज़िलों के लिए विशेष योजना वर्ष 2002-03 से संचालन में है। यह क्षेत्र 47,646 वर्ग किलोमीटर तक फैला है, जिसमें ग्रामीण आबादी करीब 89.95 फीसदी है। वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार इस ग्रामीण आबादी में 38.41 फीसद हिस्सा अनुसूचित जनजाति का, 16.25 फीसद हिस्सा अनुसूचित जाति का है। इस योजना के तहत जारी कार्यक्रमों का उद्देश्य व्यापक रूप से छात्रावास एवं स्कूलों में खेल के मैदान, खेल गतिविधियां विकसित करना, अंतर-जिला सड़कों को बेहतर करना, बिजली आपूर्ति व्यवस्था को मज़बूत करना, सिंचाई व्यवस्था, बांध आदि बेहतर करना सहित अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति के लड़के एवं लड़कियों के बीच शिक्षा को प्रोत्साहन देना है।
भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर राज्य की विशेष ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए पूर्ण और आंशिक रूप से जर्जर मकानों के पुर्नरुद्धार के लिए वर्ष 2015-16 के दौरान 1194.37 करोड़ रुपए जम्मू-कश्मीर राज्य को जारी किए थे, इसके बाद वर्ष 2016-17 के दौरान केंद्र सरकार जम्मू एवं कश्मीर राज्य के लिए 2207.30 करोड़ रुपए जारी कर चुकी है। इसमें 1093.34 करोड़ रुपये की धनराशि जर्जर ढांचों के स्थायी पुर्नरुद्धार, 313.96 करोड़ रुपये की धनराशि वर्तमान में जारी परियोजनाओं को पूरा करने के क्रम में जम्मू-कश्मीर शहरी क्षेत्र विकास निवेश कार्यक्रम के ईएपी परियोजना के अंतर्गत एशियन विकास बैंक-2 ऋण के समकक्ष वित्त पोषण के लिए और 800 करोड़ रुपये व्यापारी, स्वनियोजित, व्यावसायी संस्थाओं की आजीविका को बनाए रखने में सहायता करने के लिए ब्याज में छूट देने के उद्देश्य से जारी किए गए हैं। कुल मिलाकर केंद्र सरकार 3401.67 करोड़ रुपये की धनराशि विशेष सहायता के रूप में राज्य सरकार को अब तक जारी कर चुकी है। इसी प्रकार केंद्र सरकार आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना जैसे नवगठित राज्यों को मदद पहुंचाने के लिए भी विशेष सहायता धनराशि जारी कर चुकी है।
आंध्र प्रदेश राज्य को वर्तमान वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान 1976.50 करोड़ रुपए की धनराशि जारी की गई है। इसमें 1176.50 करोड़ रुपये की धनराशि राज्य का दो टुकड़ो में बंटवारा होने से पैदा हुई विकट परिस्थितियों एवं समस्याओं को दूर करने के लिए, 350 करोड़ रुपए की धनराशि अनंतपुर, चित्तूर, कुड्डापा, कुरनूल, श्रीकाकुलम, विज़ियानाग्राम और विशाखापट्टनम जैसे 7 पिछड़े ज़िलों के विकास के लिए एवं 450 करोड़ रुपए राज्य की राजधानी अमरावती के विकास के लिए जारी किए गए हैं। केंद्र सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जा रही यह अतिरिक्त सहायता, राज्य में वर्तमान में जारी परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा करने और गरीबी एवं अन्य समस्याओं से निपटने में राज्य सरकार को सक्षम बनाएगी। इसके अतिरिक्त, 100 करोड़ रुपये की अनुदान राशि पोलावरम सिंचाई परियोजना के लिए जारी की गई थी। वहीं 1981.54 करोड़ रुपए की धनराशि 17.12.16 को नाबार्ड के माध्यम से केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा पुर्नरुद्धार मंत्रालय की ओर से पोलावरम सिंचाई परियोजना के लिए विशेष सहायता के तौर पर जारी की गई थी।
तेलंगाना के पिछड़े क्षेत्रों के विकास के प्रति अपनी वचनबद्धता को ध्यान में रखते केंद्र सरकार ने 450 करोड़ रुपये की धनराशि विशेष सहायता के तौरपर इस राज्य को जारी कर चुका है। अदीलाबाद, निज़ामाबाद, करीमनगर, वारंगल, मेडक, मेहबूबनगर, रंगारेड्डी, नालगोडिया और खम्मम आदि वे पिछड़े जिले हैं, जहां केंद्र सरकार की इस विशेष सहायता से विकास कार्य किए जा रहे हैं। इन जिलों में सड़कों का जाल बिछाने के लिए भी केंद्र सरकार की ओर से दी जा रही इस विशेष सहायता से मदद ली जा रही है। तमिलनाडु भी केंद्र सरकार की इस विशेष सहायता योजना का लाभार्थी है।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]