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रेलवे में आय बढ़ाने के उपायों का विस्तार

रेलमंत्री ने किया राजस्व में वृद्धि की पहलों का शुभारंभ

आसान टिकट प्रक्रिया और स्टेशनों पर एटीएम

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 11 January 2017 05:37:50 AM

suresh prabhakar prabhu inauguration of the various railway projects

नई दिल्ली। रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने आरक्षित और अनारक्षित यात्रियों के लिए डिजिटल लेन-देन के माध्यम से गैर किराया राजस्व में वृद्धि के लिए नीति पहलों का शुभारंभ किया। इन पहलों में आउट ऑफ होम विज्ञापन, मांग पर सामग्री, रेलों की ब्रॉंडिंग, गैर किराया राजस्व नीति, एटीएम नीति और आसान टिकट प्रक्रिया को प्रोत्साहन देना शामिल है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर रेल नेटवर्क पर एक वृत्तचित्र फिल्म भी जारी की। इस अवसर पर रेल राज्यमंत्री राजेन गोहेन, रेल बोर्ड के अध्यक्ष एके मित्तल, रेल बोर्ड के सदस्य ट्रैफिक मोहम्मद जमशेद, आईआरसीटीसी के मुख्य प्रबंध निदेशक एके मनोचा, रेल बोर्ड के सदस्य और वरिष्ठ अधिकारी भी रेलभवन में उपस्थित थे।
रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा कि डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल में गैर-किराया राजस्व वृद्धि के लिए बहुत से नए सृजनात्मक अभिनव विचारों और गैर किराया राजस्व में कई नीति पहलों को शामिल कर लिया गया है। रेल राज्यमंत्री राजेन गोहेन ने कहा कि भारतीय रेल के गैर किराया राजस्व प्रयासों से पर्याप्त मात्रा में राजस्व प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि नकदी रहित लेनदेन पहलों से और अधिक कुशलता लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि गैर किराया राजस्व में वृद्धि के लिए बजट घोषणा के अनुसार रेल मंत्रालय ने गैर किराया राजस्व क्षेत्र में विभिन्न पहलों पर नई नीतियों की घोषणा की है। इन नीतियों के अंतर्गत रेलों के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों जैसे सेतुओं और परिसंपत्तियों पर विज्ञापन से लेकर प्टेलफार्मों पर एटीएम को लगाने के अलावा यात्रियों के लिए डिजिटल सामग्री के मामलों की देखरेख की जाएगी।
डिजिटल लेनदेन के माध्यम से टिकिट प्रक्रिया को आसान बनाने को प्रोत्साहन देने की भी कई पहलें की गई हैं, जिनमें आईआरसीटीसी कनेक्ट एप के अलावा मोबाइल एप पर यूटीएस पर अतिरिक्त भुगतान विकल्प शामिल है। वर्तमान में सिर्फ आरवॉलेट के माध्यम से ही भुगतान विकल्प हैं। निजी वॉलेट्स यानी पेटीएम और मोबिक्विक के माध्यम से नकदी रहित भुगतान सुविधा प्रदान की जा रही है, इसके अतिरिक्त भविष्य में और अधिक वॉलेट्स जैसे एसबीआई को भी शामिल किया जाएगा। भारतीय रेल अपनी रेलों के माध्यम से प्रतिदिन करीब 22.3 मिलियन आरक्षित और अनारक्षित गैर उपनगरीय और उपनगरीय यात्रियों को उनके गंतव्य पर पहुंचाती है। इन यात्रियों से प्राप्त होने वाला दैनिक राजस्व करीब 130 करोड़ रुपए है, जिसमें से 80 करोड़ रुपए आरक्षित खंड से, 42 करोड़ रूपए गैर उपनगरीय खंड से और 8 करोड़ रुपए उपनगरीय खंड से प्राप्त होते हैं। अप्रैल से नवंबर 2016 की अवधि के दौरान नकदी रहित आय का प्रतिशत आरक्षित वर्ग में 58 प्रतिशत था, गैर उपनगरीय में 7 प्रतिशत और उपनगरीय में 4 प्रतिशत था।
भारतीय रेल में नकदी रहित भुगतान को प्रोत्साहन देने के क्रम में आईवीआरएस के माध्यम से आरक्षित और अनारक्षित दोनों ही मामलों में टिकटिंग और कार्डों के द्वारा भुगतान की सुविधा के लिए पवाइंट और सेल मशीनें, स्टेशनों पर टिकट वेंडिंग मशीनें, इंटरनेट और मोबाइल एप्लीकेशन को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ वॉलेट के माध्यम से अतिरिक्त नकदी रहित भुगतान विकल्पों की सुविधा प्रदान की जा रही है।पीओएस मशीनें 9 जनवरी, 2017 तक करीब 2084 स्थलों पर 2967 प्रदान की जा चुकी हैं। उपनगरीय 483 स्टेशनों और ए1, ए और बी श्रेणी के 709 स्टेशनों के सभी 3300 आरक्षण केंद्रों पर पीओएस मशीनें उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है। महत्वपूर्ण गैर उपनगरीय स्टेशनों को भी पीओएस मशीनें प्रदान की जाएंगी। इस प्रक्रिया के 31 मार्च 2017 तक पूर्ण होने की आशा है। पीआरएस केंद्रों पर पीओएस मशीनों के माध्यम से कुल दैनिक आय का 3.5 से 4 प्रतिशत के करीब संग्रह होता है। आरक्षित वर्ग में नकदी रहित लेनदेन के प्रतिशत में वृद्धि दर्ज की गई है और यह वर्ष 2015-16 के औसत 58 प्रतिशत से बढ़कर वर्तमान में 68 प्रतिशत तक पहुंच गया है। अनारक्षित वर्ग में भी वृद्धि दर्ज की गई है और यह 6.5 प्रतिशत से 8 प्रतिशत तक पहुंच गया है।

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