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सुशासन के लिए नई पहलों की शुरूआत

डॉ जितेंद्र सिंह ने जारी कीं डीओपीटी की 6 बड़ी पहलें

अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन दिवस समारोह

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 25 December 2016 11:01:47 PM

dr. jitendra singh launching the new initiatives of dopt

नई दिल्ली। केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के स्वतंत्र प्रभार, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष मंत्रालय के राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कल यहां ‘सुशासन दिवस’ समारोह की अध्यक्षता करते हुए कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की 6 बड़ी पहलों का अनावरण किया। ये पहल हैं-भर्ती नियम निर्माण, संशोधन निगरानी प्रणाली संपत्ति संबधित सूचना प्रणाली के माध्यम से अचल संपत्ति रिटर्न, ई-सर्विस बुक की घोषणा, सभी आईएएस एवं केंद्रीय समूह ‘ए’ सेवा अधिकारियों द्वारा एपीएआर की अनिवार्य ऑनलाइन फाइलिंग आइफोन ऑपरेटिंग सिस्टम पर ईओ एप (आईओएस) एवं डीओपीटी की फिर से डिजाइन की गई वेबसाइट लांच करना। उल्लेखनीय है कि सुशासन दिवस वर्ष 2014 से प्रत्येक वर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है जो प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी का भी जन्मदिन है।
नई पहलों की मुख्य विशेषताएं हैं-डीओपीटी की पुनर्निमित वेबसाइट। नेशनल इनफोर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) ने सरकारी वेबसाइटों को लोक केंद्रित एवं सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से ‘भारतीय सरकारी वेबसाइटों के लिए दिशा-निर्देश’ तैयार किया था, जिसे लागू किए जाने के लिए सभी सरकारी मंत्रालयों और विभागों को एआर एवं पीजी विभाग ने परिचालित किया है। भारत सरकार के कैबिनेट सचिव ने इस संबंध में सभी सचिवों को लिखा है और एनआईसी को विभागों की वेबसाइट में संशोधन करने, फिर से उनकी डिजाइन बनाने में सहायता देने के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकी समर्थन देने का सुझाव दिया गया है, जिससे कि उन्हें भारतीय सरकारी वेबसाइटों के लिए दिशा-निर्देशों के अनुरूप अधिक उपयोगी, लोक केंद्रित तथा सार्वभौमिक रूप से सुविधाजनक बनाया जा सके। सीएमएफ एनआईसी, इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में विकसित एक कंटेंट प्रबंधन संरचना है और डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत भारत सरकार की सभी वेबसाइटों को मानकीकृत करने के प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिदेश से संरेखित है। इसमें कंटेंट ढांचे का मानकीकरण, यूजर इंटरफेस डिजाइन और लेआउट तथा एक्सिसबिलेटी, रिस्पोंसिव डिजाइन आदि जैसे कुछ विशेष महत्वपूर्ण प्रमुख फीचर्स शामिल हैं, जिससे विभिन्न सरकारी सेवाओं में हाथ में रखे जाने वाले उपकरणों मोबाइल, टेबलेट आदि से भी आम नागरिकों को सुविधा दी जा सके तथा सूचना प्रसार को सरल बनाया जा सके।
उपलब्ध सूचनाओं के अनुसार 23 मंत्रालयों और विभागों की वेबसाइटों को सीएमएफ के उपयोग से सरल बनाया गया है तथा शेष विभागों की वेबसाइटों पर भी काम चल रहा है। डीओपीटी की संशोधित वेबसाइट द्विभाषी और ‘भारतीय सरकारी वेबसाइटों के लिए दिशा-निर्देश’ के अनुरूप है। आरआरएफएएमएस-समूह क और समूह ख के वर्ग में विभिन्न केंद्र सरकार नागरिक पदों के लिए भर्ती नियमों (आरआर) का निर्माण डीओपीटी, संघ लोक सेवा आयोग एवं कानून मंत्रालय की मंजूरी से किया जाता है। आरआर की पहल मंत्रालय करते हैं, जहां पद स्थित हैं और उन्हें अनुमोदन के लिए डीओपीटी को अग्रसारित किया जाता है। डीओपीटी से नियमों को अनुमोदित कर दिये जाने के बाद संबंधित मंत्रालय या विभाग उन पदों के संबंध में यूपीएससी से संपर्क करते हैं, जिन्हें ऐसे परामर्श से छूट नहीं मिली होती है। इसके बाद विधायी विभाग में प्रारूप अधिसूचना की भली प्रकार से जांच की जाती है, जिसके बाद आरआर को राजपत्र में प्रकाशन के लिए गवर्नमेंट प्रेस में भेजा जाता है। इसके बाद नए आरआर का निर्माण तथा वर्तमान आआरएस में संशोधन किया जाता है। डीओपीटी में परामर्श के लिए, रिक्रूटमेंट रूल्स फ्रेमिंग, अमेंडमेंट एंड मॉनिटरिंग सिस्टम (आरआरएफएएमएस) को 2009 में लागू किया गया था। इस प्रणाली के तहत भर्ती नियमों की डीओपीटी में जांच की जाती है। मंत्रालयों को प्रिंटआउट लेना होता है और भौतिक फाइलों पर प्रस्ताव प्रस्तुत करने होते हैं।
डिजिटल इंडिया के उद्देश्यों के अनुरूप एक नए आरआरएफएएमएस का विकास किया गया है। नया डीओपीटी द्वारा आरआर के निर्माण एवं संशोधन से संबंधित प्रस्ताव की पूरी तरह कंप्यूटरीकृत ऑनलाइन परीक्षा में सक्षम बनाता है। मंत्रालय विभाग अपने प्रस्तावों को ऑनलाइन मोड में जमा कर सकते हैं। आगे आने वाले वर्ष में इस प्रणाली को इलेक्ट्रानिक ट्रांसमिशन एवं संघ लोक सेवा आयोग या विधायी विभाग द्वारा आरआर के ऑनलाइन परामर्श या अनुमोदन और अधिसूचना के लिए सरकारी प्रेस को इलेक्ट्रानिक ट्रांसमिशन के लिए और ज्यादा विस्तारित किया जाएगा। ई-सर्विस बुक एवं एचआरएमएस में सर्विस बुक सरकारी कर्मचारियों का सर्वाधिक महत्वपूर्ण दस्तावेज है और कर्मचारियों की सेवा से जुड़े सभी आंकड़े जैसे कि कर्मचारी के भर्ती होने, उनकी प्रोन्नति, स्थानांतरण, वेतन, छुट्टी आदि की जानकारी सर्विस बुक में रिकॉर्ड की जाती है। ई-सर्विस बुक प्लेटफॉर्म के जरिए कर्मचारी की सेवा को प्रभावित करने वाले सभी सेवा संबंधित मामले स्वाचालित होंगे। इसके साथ-साथ किसी विशेष मंत्रालय या विभाग की किसी विशिष्ट आवश्यकता पर विचार करते हुए भारत सरकार के अन्य मंत्रालयों एवं विभागों में कार्यांवयन के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
एआईएस एवं समूह का लोक सेवाओं के अधिकारियों द्वारा एपीएआर की अनिवार्य ऑनलाइन फाइलिंग के तहत सुशासन की दिशा में एक कदम के रूप में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने स्मार्ट परफोर्मेंस एप्रेजल रिपोर्ट रिकॉर्डिंग ऑनलाइन विंडो में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के संबंध में परफोर्मेंस एप्रेजल रिपोर्ट (पीएआर) की ऑनलाइन फाइलिंग को अनिवार्य बना दिया है। एसपीएआरआरओडब्ल्यू आकलन वर्ष 2014-15 से इस उद्देश्य के लिए विकसित एक सॉफ्टवेयर है। अचल संपत्ति रिटर्न की ऑनलाइन फाइलिंग एक जनवरी 2017 से प्रभावी होगी। सरकार ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के लिए एक जनवरी 2017 से वर्ष 2015-16 के लिए अचल संपत्ति रिटर्न (आईपीआर) की ऑनलाइन फाइलिंग लागू करने का फैसला किया है, जिसके लिए नेशनल इंफोर्मेटिक्स कमीशन (एनआईसी) ने एक मॉड्यूल विकसित किया है। ई-ऑफिस और एनआईसी-डीओपीटी टीम के इम्पलाइज़ ऑनलाइन एप के आईओएस संस्करण की शुरूआत कर दी गयी है। उल्लेखनीय है कि इसी एप्लीकेशन के एंड्रायड वर्जन को 28 अक्टूबर 2016 को लॉन्च किया गया था। डीओपीटी ने लोक केंद्रीयता को अपने सभी अंतरण तंत्रों के केंद्र में लाने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं। डीओपीटी से जुड़ा एक संगठन राष्ट्रीय सुशासन केंद्र, राज्य एवं केंद्र सरकार तथा उनके संगठनों को शासन एवं प्रबंधन मुद्दों पर आवश्यक दिशा निर्देश, क्षमता निर्माण एवं इनपुट उपलब्ध करा रहा है।

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