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'इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग जैसी सफल होगी नोटबदली'

कैशलेस इंडिया-चुनौतियां और फायदे विषय पर कांफ्रेंस

नोटबदली ग़रीबों के बेहतर भविष्य के लिए-नक़वी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 24 December 2016 04:46:39 AM

mukhtar abbas naqvi

नई दिल्ली। इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर नई दिल्ली में 'कैशलेस इंडिया-चुनौतियां और फायदे' विषय पर आयोजित नेशनल कांफ्रेंस में केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री एवं संसदीयकार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि जिस तरह भारत में 100 प्रतिशत इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सफल हुई है, उसी तरह डिजिटल पेमेंट, ऑनलाइन एवं मोबाइल बैंकिंग की व्यवस्था भी सफल होगी। उन्होंने कहा कि डिजिटल पेमेंट, ऑनलाइन एवं मोबाइल बैंकिंग की व्यवस्था भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक मजबूत अभियान है। मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि डिजिटल पेमेंट आधारित 'लेसकैश अर्थव्यवस्था' से आमआदमी का रोज़मर्रा का लेनदेन जल्दी ही सरल और सुलभ हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मुसलमानों सहित सभी गरीबों, कमजोर तबकों, पिछड़ों को इस व्यवस्था से लाभ मिलेगा, उन्हें प्रधानमंत्री के इस अभियान का हिस्सा बनकर इसे और मजबूत करने में अपना सहयोग देना चाहिए। मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग का प्रयोग 100 प्रतिशत सफल रहा है, इसी तरह भारत में डिजिटल ट्रांजेक्शन, नेट और मोबाइल बैंकिंग की व्यवस्था सफल साबित होगी।
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि जिस समय देश में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से वोटिंग की शुरुआत हुई थी, उस समय भी कुछ लोगों ने इसके खिलाफ दुष्प्रचार किया था, इसपर सवाल खड़े किए थे, लेकिन इस व्यवस्था के बाद चुनावों में पारदर्शिता आने और आम जनता को सहूलियत होने से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की व्यवस्था सफल हुई, इसी तरह डिजिटल पेमेंट, ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग भी अपने देश में सफल साबित होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके कुछ साथी नोटबदली जैसे ऐतिहासिक फैसले का केवल राजनीतिक कारणों से विरोध कर रहे हैं, इसके खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं, जबकि यह फैसला पूरी तरह से गरीबों के बेहतर भविष्य के लिए है। उन्होंने कहा कि डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने का मतलब अर्थव्यवस्था से नकदी को पूरी तरह हटा देना नहीं है, बल्कि एक ऐसी अर्थव्यवस्था स्थापित करना है, जो कम नकदी और अधिकतम डिजिटल ट्रांजेक्शन पर आधारित हो। मुख्तार अब्बास नकवी ने आह्वान किया कि 'ना नकद ना उधार, करें डिजिटल लेनदेन और कारोबार'।
अल्पसंख्यक राज्यमंत्री ने कहा कि कैशलेस डिजिटल अर्थव्यवस्था की वजह से भ्रष्टाचार में कमी आएगी, क्योंकि ज्यादातर भ्रष्टाचार की गतिविधियां कैश में होती हैं। उन्होंने कहा कि छोटी जगहों पर जहां बैकिंग की सुविधा नहीं है, वहां आसानी से ई-पेमेंट व मोबाइल बैकिंग के माध्यम से भुगतान किया जा सकता है और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सीधे लोगों के अकाउंट में पहुंचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम सहित सभी तबकों को इस मुहीम के साथ जुड़कर देश को 'भ्रष्टाचार के कैंसर' से मुक्ति दिलाने में सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक मंत्रालय डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दे रहा है, उसने 3 करोड़ छात्रों की 6715 करोड़ रुपए की छात्रवृति सीधे उनके बैंक खातों में भेजी है। उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देश 'लेसकैश' डिजिटल इकॉनमी बन गए हैं, जैसे-स्वीडेन, बेल्जियम, फ्रांस, कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, यहां तक की केन्या जैसा विकासशील देश भी कैशलेस इकॉनमी की ओर आगे बढ़ रहा है।
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि भारत में भी ईपेमेंट, डिजिटल ट्रांजेक्शन की व्यवस्था बहुत आसानी से लागू की जा सकती है, भारत में लगभग 103 करोड़ मोबाइल हैं, लगभग 35 करोड़ स्मार्टफोन हैं और इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की संख्या लगभग 50 करोड़ से भी ज्यादा है, देशभर में लगभग 144 करोड़ बैंक खाते हैं, जनधन के तहत 25 करोड़ बैंक अकाउंट खोले गए हैं, लगभग 107 करोड़ लोगों के पास आधार कार्ड है, इसके अलावा 14 लाख से ज्यादा पॉइंट ऑफ़ सेल मशीने हैं, लगभग 73 करोड़ क्रेडिट, डेबिट कार्ड इस्तेमाल में हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल पेमेंट अपनाने से छोटे-छोटे दुकानदार, कारोबारी भी बड़ी कंपनियों से मुकाबला कर पाएंगे, डिजिटल इकॉनमी बैंको पर दबाव भी कम करेगी। कैशलेश यानी जब नोट का चलन समाप्त हो जाएगा या न्यूनतम स्तर पर पहुंच जाएगा तो लूटमार, चोरी और बैंक डकैती जैसे अपराधों में कमी आएगी। इस अवसर पर नीति आयोग के अधिकारियों ने प्रेजेंटेशन दिया और लोगों को डिजिटल पेमेंट, नेट और मोबाइल बैंकिंग से संबंधित जानकारी दी। डिजिटल पेमेंट से संबंधित विभिन्न मोबाइल ऐप्स के बारे में भी बताया गया।

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