स्वतंत्र आवाज़
word map

आज़म खां का कुंभ समिति अध्यक्ष पद से इस्तीफा

इलाहाबाद जंक्शन पर दुर्घटना की नैतिक जिम्मेदारी ली

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 11 February 2013 07:51:27 AM

azam khan

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री तथा कुंभ मेला समिति के अध्यक्ष मोहम्मद आज़म खां ने इलाहाबाद रेलवे जंक्शन पर हुए हादसे में श्रद्धालुओं की मौत से आहत होते हुए, इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए कुंभ मेले के अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया है। मुख्यमंत्री को भेजे गए त्याग पत्र में आज़म खां ने कहा है कि महाकुंभ स्नान और मेले का पूरी नेकनियती, मेहनत, ईमानदारी एवं लगन से अपने दायित्वों का ठीक उसी प्रकार से निर्वहन किया जैसे तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने अर्द्ध कुंभ के मौके पर जिम्मेदारियां दी थीं तथा अर्द्ध कुंभ सफलतापूर्वक संपंन हुआ था।
उन्होंने त्यागपत्र में यह भी लिखा है कि यह मेरा दुर्भाग्य है कि तमाम कोशिशों के बावजूद एक ऐसी अनहोनी हुई, जिसके लिए शायद कोई तैयार नहीं था। तीन करोड़ से ज्यादा लोगों ने स्नान किया और बहुत इत्मीनान से किया तथा इसमें सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों का सहयोग रहा। आज़म खां ने आगे लिखा है कि पहले तो एक चैनल ने मेला परिसर में भगदड़ की पट्टी चलाई, जो सिरे से गलत था, दो लोगों की नाले में गिरने की वजह से, जिसका कुछ भी कारण हो सकता है, मौत हो गई, लेकिन स्नान आस्थापूर्वक शालीनता के साथ व्यवस्थित रूप से जारी रहा।
उन्होंने कहा है कि सब कुछ सकुशल निपट जाने के बाद इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर एक नाखुशगवार वाकया पेश आया, जिसे हम खुले तौर पर रेल विभाग की उदासीनता ही नहीं बल्कि अनदेखी कह सकते हैं। हादसा कभी कहकर नहीं होता, इसलिए ह़ादसों का इंतजाम पहले से किया जाता है, क्योंकि यह रेलवे स्टेशन मेला परिसर और स्नान स्थल से बहुत दूर है तथा तकनीकी तौर पर मुझे उसकी जिम्मेदारी भी हासिल नहीं थी।
उन्होंने त्याग पत्र में यह भी लिखा है कि इस हादसे ने मुझे बहुत आहत किया है और सभी धर्मों का खुले मन से आदर और सम्मान करते हुए तथा हमेशा अपने बारे विपरीत टिप्पणियों को सहते हुए भी कभी मेरे कदम अपनी जिम्मेदारियों के रास्ते से नहीं डिगे, लेकिन कहीं न कहीं खुद मेरा ज़मीर मुझसे सवाल कर रहा है कि मुझे इस बारे में क्या जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
उन्होंने कहा है कि जब भी देश भर में इंसानियत को नुकसान हुआ है, चाहे उसके कारण कुछ भी रहे हों, मैंने उससे इत्तेफाक नहीं किया है और आज भी चाहे यह कुदरत की ओर ही इम्तेहान क्यों न हो, इसे मै अपनी अखलाकी जिम्मेदारी समझते हुए कुंभ मेले के अध्यक्ष की जिम्मेदारियों को त्याग करते हुए त्याग पत्र दे रहा हूं।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]