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म्यांमार में लोकतंत्र मजबूत-राष्ट्रपति

आंग सान सू ची की प्रणब मुखर्जी से मुलाकात

बोध गया में शिलालेखों का जीर्णोद्धार शीघ्र

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 19 October 2016 02:08:36 AM

pranab mukherjee and ung san suu kyi

नई दिल्ली। म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। भारत के अपने पहले राजकीय दौरे पर आईं आंग सान सू ची का स्वागत करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और म्यांमार करीबी पड़ोसी हैं और दोनों के एक-दूसरे के साथ दीर्घकालिक मधुर संबंध रहे हैं। उल्लेखनीय है कि इसी साल अगस्त में राष्ट्रपति की म्यांमार यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कई सार्थक चर्चाएं हुई थीं और चार महत्वपूर्ण समझौतों पर भी हस्ताक्षर हुए थे। राष्ट्रपति ने नवंबर 2015 में आयोजित आम चुनावों में ऐतिहासिक जीत के लिए आंग सान सू ची को बधाई दी। राष्ट्रपति ने कहा जिस तरह से म्यांमार के लोगों ने पूरे चुनाव में भागीदारी की, लोगों के इस उत्साह की भारत सराहना करता है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि वह इस बात से खुश हैं कि म्यांमार में लोकतंत्र की प्रक्रिया मजबूत हो रही है, बदलाव के दौर से गुजर रहे म्यांमार के लोकतंत्र को मजबूत करने के क्रम में स्थिरता सुनिश्चित करने में भारत मदद करेगा। उन्होंने म्यांमार में एक मजबूत लोकतंत्र स्थापित करने में सफलता की कामना की। उन्होंने कहा कि म्यांमार में पूर्ण रूप से लोकतंत्र लागू होने के लिए समय लगेगा और इस प्रक्रिया में भारत म्यांमा के साथ खड़ा है। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारत म्यांमार सरकार के अनुरोध पर जल्द ही बोध गया में दो पुराने मंदिरों और किंग मिंडन तथा बे गी डॉ के शिलालेखों के जीर्णोद्धार की शुरूआत करेगा। उन्होंने कहा कि इस कार्य को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग भारत सरकार की वित्तीय सहायता से करेगा।
आंग सान सू ची ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की भावनाओं का सम्मान करते हुए कहा कि भारत और म्यांमार में काफी समानताएं हैं। उन्होंने कहा कि बदलाव का दौर आसानी से पूरा नहीं होता और म्यांमार को एक सतर्क तरीके से इस दौर में प्रवेश करना होगा। उन्होंने कहा कि म्यांमार इसके लिए भारत और यहां के लोगों से सहयोग चाहता है, ताकि लोगों का जीवन बेहतर हो सके। भारत और म्यांमार के रिश्ते इस दौर में और ज्यादा प्रगाढ़ हुए हैं, जब म्यांमार ने अपने यहां भारत विरोधी उग्रवादी शिविरों को नष्ट करने के लिए भारत को सशस्‍त्र कार्रवाई का अवसर दिया और जिसमें असम के इलाकों में निर्दोष लोगों की हत्याएं करने वाले उग्रवादी मारे गए। इस दौर में म्यांमार का भारत के साथ खड़े होना अपने आपमें बड़ी बात है, जो एक गहरी दोस्ती का प्रतीक है।

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