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'अल्‍पसंख्‍यकों के सशक्तिकरण की गारंटी'

'अल्पसंख्यकों का विकास सराकर की प्राथमिकता'

मुख्‍तार नकवी ने किया सम्मेलन का उद्घाटन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 28 September 2016 04:34:29 AM

mukhtar abbas naqvi

नई दिल्ली। केंद्रीय अल्‍पसंख्‍यक मामलों के मंत्रालय में स्‍वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री और संसदीय कार्य राज्‍यमंत्री मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने राष्‍ट्रीय अल्‍पसंख्‍यक विकास एवं वित्‍त निगम के इंटरऐक्टिव वॉयस रिस्‍पॉन्‍स सिस्‍टम के शुभारंभ तथा निगम की स्‍टेट चैनलाइजिंग एजेंसियों के वार्षिक सम्‍मेलन के उद्घाटन पर कहा है कि निर्धन, कमजोर वर्गों तथा अल्‍पसंख्‍यकों के संबंध में विकास एजेंडा को प्राथमिकता दिया जाना महत्‍वपूर्ण है, ताकि हर प्रकार के नकारात्‍मक एजेंडे को परास्‍त किया जा सके। मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने कहा कि सरकार अल्‍पसंख्‍यकों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है तथा विश्‍वास और विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ है। उन्‍होंने कहा कि इस दिशा में मंत्रालय सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है।
मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने कहा कि अल्‍पसंख्‍यकों के विकास के लिए नई योजनाओं की घोषणा से कहीं अधिक उनकी कल्‍याण योजनाओं का प्रभावशाली क्रियान्‍वयन जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार मैदानी स्‍तर पर योजनाओं के प्रभावशाली कार्यांवयन के लिए हर प्रयास कर रही है सरकार की सीखो और कमाओ, नई मंजिल, नई रोशनी जैसी योजनाएं अल्‍पसंख्‍यकों के सशक्तिकरण की गारंटी प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा अल्‍पसंख्‍यकों को केंद्र सरकार की अन्‍य योजनाओं से भी फायदा हो रहा है, जिनमें मेक इन इंडिया, स्‍किल इंडिया, प्रधानमंत्री जनधन योजना, मुद्रा योजना, उज्‍जवला योजना शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अल्‍पसंख्‍यकों के लिए कल्‍याण योजनाओं के कार्यांवयन में लापरवाही बर्दाश्‍त नहीं की जाएगी, योजनाएं मैदानी स्‍तर पर नज़र आनी चाहिएं, जिनमें अधिकारियों की अहम भूमिका है।
मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने कहा कि एनएमडीएफसी के कार्यक्रमों और योजनाओं के प्रति लक्षित समूहों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए अधिक समेकित प्रयासों की आवश्‍यकता है, इस उद्देश्‍य के लिए जागरूकता कैम्‍पों का आयोजन किया जा सकता है। संसदीय कार्य राज्‍यमंत्री ने कहा कि प्रक्रियाओं को सरल बनाने और ऋण की मंजूरी में होने वाले विलंब को कम करने की आवश्‍यकता है, हितधारकों के चयन के लिए आधार एवं केवाईसी का उपयोग, आवेदकों के प्रमाण पत्रों का स्‍वप्रमाणीकरण, हितधारकों के बैंक खाते में ऋण का सीधा हस्‍तांतरण एनएमडीएफसी के कुछ कदम हैं, जिनके जरिए योजनाओं का कार्यांवयन अधिक पारदर्शी होता है और हितधारकों को सुविधा प्राप्‍त करने में कोई अड़चन नहीं आती।
मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने उल्लेख किया कि एनएमडीएफसी के कार्यक्रमों और योजनाओं के संबंध में जानकारी प्रदान करने के लिए एक टोल-फ्री नंबर की शुरुआत की गई है। उन्‍होंने एनएफडीएफसी की पत्रिका का पहला उर्दू संस्‍करण ‘परवाज़’ का विमोचन भी किया। इस अवसर पर 2016-17 के लिए अल्‍पसंख्‍यक कार्य मंत्रालय और एनएमडीएफसी के बीच एक सहमति-पत्र पर हस्‍ताक्षर भी किए गए। एनएमडीएफसी को 2016-17 के दौरान अपनी स्‍टेट चैनेलाइजिंग एजेंसियों को 467 करोड़ रुपये वितरित करने का लक्ष्‍य भी दिया गया, ताकि अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के योग्‍य निर्धन सदस्‍यों को कम दरों पर ऋण दिया जा सके।

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