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भाभा-चित्रा डीप ब्रेन स्टीमुलेटर बनाएंगे

परीक्षण एवं योग्यता निर्धारण के लिए जिम्मेदार

नियमित इलेक्ट्रिकल पल्सेज से है इसका संबंध

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 13 August 2016 06:22:30 AM

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नई दिल्ली। भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर एवं डीएसटी के तहत राष्ट्रीय महत्व के संस्थान चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी तिरुअनंतपुरम ‘डीप ब्रेन स्टीमुलेटर’ विकसित करने के लिए हाथ मिलाने पर सहमत हो गए हैं। डीबीएस मस्तिष्क के कुछ विशेष क्षेत्रों के भीतर इलेक्ट्रॉड प्रत्यार्पित करने एवं ऊपरी सीने में त्वचा के नीचे स्थित एक पेस मेकर जैसे उपकरण द्वारा उत्पन्न नियमित इलेक्ट्रिकल पल्सेज से संबंधित है, जो मस्तिष्क के असामान्य आवेगों को विनियमित करता है। डीबीएस का उपयोग इशेंसियल ट्रेमर, पार्किनसन रोग एवं डिस्टोनिया की सामान्य मस्तिष्क संबंधी स्थितियों में किया जाता है।
डीबीएस प्रत्यारोपित पल्स जनरेटर, इलेक्ट्रॉड्स एवं एक्सटेंशन केबल्स से निर्मित होता है, जो बाहरी प्रोग्रामर मॉड्यूल एवं वायरलेस बैटरी चार्जर के साथ जुड़ा होता है। इन उपकरणों का वर्तमान में आयात किया जा रहा है और उच्च लागत के कारण इसका व्यापक उपयोग नहीं हो पा रहा है। इस संयुक्त विकास का लक्ष्य एक किफायती विकल्प उपलब्ध कराना है। बार्क एवं एससीटीआईएमएसटी के बीच हुए समझौता ज्ञापन के अनुसार बार्क एससीटीआईएमएसटी द्वारा उपलब्ध कराई गई विशिष्टताओं के अनुरूप उपकरण का विकास करेगा एवं एससीटीआईएमएसटी नैदानिक जांचों, परीक्षण एवं योग्यता निर्धारण के लिए जिम्मेदार होगा।
बार्क के इलेक्ट्रोनिक्स डिविजन, रिएक्टर कंट्रोल डिविजन एवं सेंटर फॉर डिजाइन एंड मैन्युफैक्चर विभिन्न प्रणालियों के विकास में हिस्सा लेंगे। पहले प्रोटोटाइप के तीन वर्ष में उपलब्ध कराए जाने की योजना है। चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी तिरूअनंतपुरम की तरफ से एससीटीआईएमएसटी तिरूअनंतपुरम की निदेशक डॉ आशा किशोर एवं ट्रॉम्बे बार्क स्थित भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर की तरफ से बार्क के इलेक्ट्रोनिक्स एवं इंस्टूमेंटेशन के निदेशक वाईएस माय्या ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

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