स्वतंत्र आवाज़
word map

आदर्श नाम को सार्थक भी करें-राज्यपाल

सरदार भगत सिंह कालेज मोहान में कलाम की मूर्ति

राम नाईक ने कालेज छात्र-छात्राओं को दी प्रेरणाएं

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 13 June 2016 05:49:01 AM

governor ram naik in sardar bhagat singh college mohan

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने सरदार भगत सिंह कालेज मोहान में भारत के राष्ट्रपति और भारतरत्न डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की प्रतिमा का अनावरण एवं 'ओपन आडिटोरियम' का उद्घाटन किया। राज्यपाल ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि कालेज का नाम शहीद भगत सिंह से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि जब किसी शिक्षण संस्‍थान से इस तरह के व्यक्तित्व का नाम जुड़ता है तो छात्र, शिक्षक, प्राचार्य एवं संचालक का दायित्व होता है कि नाम के अनुसार कार्य निष्पादित किया जाए। उन्होंने कहा कि कालेज परिसर में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की प्रतिमा लगने से कालेज की विशेषता और गुणवत्ता की पहचान होती है, छात्र एवं महाविद्यालय प्रबंधन डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर चलें।
राज्यपाल ने कहा कि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम आम परिवार से निकलकर देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचे, वे भारतीय संस्कृति के पुजारी थे, गीता, कुरान और बाइबिल की समानता बताने का उनका अपना दृष्टिकोण था, राष्ट्रपति के दायित्वों से निवृत्त होने के बाद वे अंतिम सांस तक शिक्षक की भूमिका में देश के युवा वर्ग की शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सक्रिय रहे। राम नाईक ने कहा कि इतिहास में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो, जिसे पढ़ाते-पढ़ाते मृत्यु प्राप्त हुई हो, उनका पूरा जीवन विज्ञाननिष्ठ रहा, उन्होंने अणु ऊर्जा के सफल प्रयोग का नेतृत्व किया। राज्यपाल ने कहा कि विकसित देशों ने इस कारण भारत पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे, मगर अणु परीक्षण से भारतीयों का सिर गर्व से ऊंचा हुआ। उन्होंने कहा कि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा था कि युवा शक्ति देश की पूंजी है।
राम नाईक ने कहा कि वर्ष 2020 तक भारत विश्व का सबसे युवा देश होगा, हम देश की इस पूंजी का उचित मार्गदर्शन करते हुए देश के लिए इसका श्रेष्‍ठ एवं प्रगतिशील उपयोग कर सकते हैं। राम नाईक ने छात्र-छात्राओं से कहा कि आगे के जीवन की स्पर्धा की तैयारी छात्र जीवन से करें और जहां तक कालेज का प्रश्न है तो वह उन छात्रों से पहचाना जाता है, जो वहां से निकलने के बाद समाज को कुछ देते हैं। उन्होंने व्यक्तित्व विकास के चार मंत्र बताए कि- सफल भविष्य के लिए सदैव प्रसन्नचित रह कर मुस्कराते रहें, दूसरे के अच्छे गुणों की प्रशंसा करें तथा अच्छे गुणों को आत्मसात करने की कोशिश करें, दूसरों को अपने से छोटा न दिखाएं और हर काम को और बेहतर ढंग से करने का प्रयास करें। कार्यक्रम में कुलपति विनय पाठक, करूणा शंकर ओझा एवं और भी विशिष्टजनों ने अपने विचार रखे। इस अवसर पर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के कुलपति, पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह, स्वामी मुक्तिनाथानंद महाराज, समाजसेवी करूणा शंकर ओझा, गणमान्य नागरिक और छात्र-छात्राएं उपस्थित थीं।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]