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चाबहार संपर्क समझौता एक नया सवेरा

आतंकवाद और विघटन को मिला करारा जवाब

नरेंद्र मोदी की एशिया में सबसे अहम कामयाबी

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Tuesday 24 May 2016 03:37:57 AM

pm narendra modi with hassan rowhani and afghan president ashraf gani

तेहरान/ नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इस्लामी गणराज्‍य ईरान के राष्‍ट्रपति डॉ हसन रोहानी और अफगानिस्‍तान के राष्‍ट्रपति डॉ अशरफ गनी ने कहा है कि आज हम सभी इतिहास बनता देख रहे हैं, न केवल अपने तीन देशों के लोगों के लिए, बल्कि समूचे क्षेत्र के लिए, जिसमें एक दूसरे की समृद्धि, संपर्क और मानव की मूल इच्‍छा शामिल है। उन्होंने कहा कि हम सभी इसे पूरा करना चाहते हैं, यह विशेष महत्‍व का अवसर है। चाबहार संपर्क समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनका यहां उपस्थित होना बड़ा सम्‍मान है। उन्होंने कहा कि ईरान के राष्‍ट्रपति डॉ हसन रोहानी अफगानिस्‍तान के राष्‍ट्रपति डॉ अशरफ गनी और मैंने आपसी सहयोग के अनेक विषयों पर विस्‍तार से चर्चा की है। उन्होंने कहा कि आर्थिक सहयोग का एजेंडा हमारी प्राथमिकता है, हम अपने उद्देश्य में एक हैं, हमारा लक्ष्‍य शांति और समृद्धि के नए रास्‍तों की तलाश करना है, हम विश्‍व से जुड़ना चाहते हैं, आपस में हमारा संपर्क हमारी प्राथमिकता है, वास्‍तव में इस क्षेत्र के लिए यह नया सवेरा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ईरान-अफगानिस्‍तान और भारत अपनी समृद्धि एवं प्राचीन संपर्कों की वास्‍तविकता को अच्‍छी तरह जानते हैं, सदियों से कला और संस्‍कृति, विचार और ज्ञान, भाषा और परंपराओं के आधार पर हम एक दूसरे से जुडे हैं, इतिहास की हलचल में भी हमारे समाजों ने एक-दूसरे से संपर्क करना नहीं छोड़ा, हम अपने सहयोग का नया अध्‍याय लिखने के लिए मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि त्रिपक्षीय परिवहन तथा ट्रांजिट कॉरिडोर की स्‍थापना पर हुआ हस्‍ताक्षर इस क्षेत्र के इतिहास की दिशा बदल सकता है, यह हमारे तीन देशों के मेल का नया आधार है। उन्होंने कहा कि कॉरिडोर से इस समूचे क्षेत्र में वाणिज्‍य का निर्बाध प्रवाह काफी तेज हो जाएगा, पूंजी एवं प्रौद्योगिकी के प्रवाह से चाबहार में नए औद्योगिक बुनियादी ढांचे का मार्ग प्रशस्‍त हो सकता है, इसमें गैस आधारित उर्वरक संयंत्र, पेट्रोरसायन, फार्मास्‍यूटिकल्‍स और आईटी शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि कॉरिडोर के मुख्‍य मार्ग ईरान के चाबहार बंदरगाह से होकर गुजरेंगे, यह ओमान की खाड़ी के मुहाने पर जहां अवस्थित है, उसकी विशेष रणनीतिक अहमियत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अफगानिस्‍तान को शेष दुनिया के साथ व्‍यापार के लिए एक आश्‍वस्‍त, कारगर एवं कहीं ज्‍यादा अनुकूल मार्ग उपलब्‍ध हो जाएगा, इस समझौते से हासिल होने वाले आर्थिक लाभ के दायरे में तीनों राष्‍ट्रों के अलावा भी कई अन्‍य क्षेत्र होंगे, इसकी पहुंच मध्‍य एशियाई देशों की गहराईयों तक भी हो सकती है, यह दायरा जब अंतर्राष्‍ट्रीय उत्‍तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर से जुड़ जाएगा तो यह एक किनारे पर दक्षिण एशिया को और दूसरे किनारे पर यूरोप को छूने लगेगा। नरेंद्र मोदी ने कहा कि अध्‍ययनों से प‍ता चला है कि परंपरागत समुद्री मार्गों की तुलना में यह कॉरिडोर यूरोप के साथ होने वाले कार्गो व्‍यापार की लागत एवं समयावधि में तकरीबन 50 प्रतिशत की कमी कर सकता है, आगे चलकर हम इसे मजबूत समुद्री एवं भूमि आधारित उन मार्गों से भी जोड़ सकते हैं, जिन्‍हें भारत ने हिंद महासागर क्षेत्र एवं दक्षिण पूर्वी एशिया के साथ मिलकर विकसित किया है।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि 21वीं शताब्‍दी की दुनिया में विशिष्‍ट अवसर उपलब्‍ध हैं, लेकिन इसके साथ ही अनेक चुनौतियां भी हैं, आज वैश्विक साझेदारी का जो स्‍वरूप है, उसमें एक ऐसा दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है जो पिछली सदी के नजरिए के बजाय इस शताब्‍दी के लिहाज से ज्‍यादा उपयुक्‍त हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज अंतर्राष्‍ट्रीय संबंधों से जुड़े निगरानी वाले शब्‍द संशय के बजाय विश्‍वास, प्रभुत्‍व के बजाय सहयोग और अलग रखे जाने के बजाय समावेश पर आधारित हैं, यह मार्गदर्शक अवधारणा और चाबहार समझौते की मुख्य भावना भी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्थिक विकास और सशक्तिकरण के उद्देश्‍यों से इसे नई गति मिलेगी, यह अन्‍य के लिए संशय उत्‍पन्‍न किए बगैर हमारी सुरक्षा को सुदृढ़ करेगा, यह हमारे देशों के बीच बाधाओं को ध्‍वस्‍त करेगा और जनसंपर्कों के नए मानकों को बढ़ावा देगा। इससे हमें आखिरकार एक मैत्रीपूर्ण एवं स्‍वस्‍थ पड़ोस का निर्माण करने में मदद मिलेगी, जिसकी इच्‍छा हम सभी रखते हैं और जिसके हम पात्र हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे आसपास की दुनिया मौलिक तरीकों से बदल रही है और केवल व्‍यापक संपर्क की कमी ही चुनौती नहीं है जो हमारी राष्‍ट्रीय विकास को सीमित करती है। उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया में राजनीतिक अशांति और आर्थिक दबाव लगातार फैल रहा है, एशिया प्रशांत क्षेत्र में बढ़ती हुई राजनीतिक प्रतिस्‍पर्धा और आर्थिक अवसर का मिश्रण मौजूदा एशियाई माहौल पर दबाव डाल रहा है, वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था को अनिश्चितता और कमजोरी से अभी पूरी तरह बाहर आना बाकी है। उन्होंने कहा कि हमारी वर्तमान प्रगति और भविष्‍य की समृद्धि को कट्टरपंथी विचारधाराओं और वस्‍तुगत आतंक के प्रसार से खतरा है, इस परिदृश्‍य में तीनों देश सबसे अधिक शक्तिशाली संसाधन-हमारी युवाशक्ति से परिपूर्ण हैं।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि तीनों देशों में जनसंख्‍या का 60 प्रतिशत हिस्‍सा 30 साल से कम आयु का है, जो हमारे राष्‍ट्रीय और क्षेत्रीय विकास की एक परिसंपत्ति है, हम उन्‍हें ज्ञान और कौशल उद्योग तथा उद्यम के मार्ग पर चलाना चाहते हैं, ताकि वे बंदूकों और हिंसा के मार्ग के शिकार न बनें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्‍वास व्यक्त करते हुए कहा कि चाबहार अनुबंध के आर्थिक फल व्‍यापार को बढ़ाने, निवेश आकर्षित करने, बुनियादी ढांचे का निर्माण करने, उद्योग का विकास करने और हमारे युवाओं के लिए रोज़गार का सृजन करने में मदद करेंगे, यह समझौता उन ताकतों के खिलाफ आपसी सहायता के लिए खड़ा होने में हमारी क्षमता को मजबूत करने में मदद करेगा, जिनका एक ही उद्देश्‍य निर्दोष लोगों को मारना है, यह आतंकवाद और मानवता के विघटन की कोशिशों को करारा जवाब है, इसकी सफलता इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए एक सकारात्‍मक वोट होगी।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि व्‍यापार और पारगमन मार्गों को अधिक से अधिक संपर्क करने की यात्रा का एक शुरूआती बिंदु ही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरी दृष्टि में ईरान, अफगानिस्‍तान और भारत के मध्‍य संपर्क एजेंडे के परिदृश्‍य के पूर्ण विस्‍तार में जिन्हें शामिल किया जाना चाहिए, वह है संस्कृति से वाणिज्य, परंपराओं से प्रौद्योगिकी, निवेश से आईटी, सेवाओं से रणनीति, जनता से राजनीति। उन्होंने कहा‌ कि एक तरह से यह संकल्‍प बेहतर कनेक्टिविटी की अनिवार्यता का एहसास, शांति की स्थापना और स्थिरता का निर्माण, आर्थिक समृद्धि का निर्माण और नए व्यापार संबंधों की स्‍थापना, कट्टरपंथ पर अंकुश लगाने और आतंक के साये को दूर करना, लोगों के बीच बाधाओं को तोड़ना और उनमें अपनेपन की मिठास की भावना को बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि इतिहास इस प्रयास को जब पीछे मुड़कर देखेगा तो अपनी स्‍वीकृति देगा और इसकी प्रशंसा करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान में उनके गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए धन्‍यवाद दिया। उन्होंने कहा कि 1.25 अरब भारतीयों की ओर से मैं ईरान के मैत्रीपूर्ण लोगों को हार्दिक बधाई देता हूं, सदियों से फारसी विरासत के सौंदर्य और समृद्धि ने विश्‍व को ईरान की ओर आकर्षित किया है, मेरे लिए ईरान का दौरा वास्‍तव में बड़े सौभाग्‍य की बात है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और ईरान नए दोस्‍त नहीं हैं, हमारी दोस्‍ती इतिहास जितनी ही पुरानी है, सदियों से हमारे समाज कला, स्‍थापत्‍य कला, विचार और परंपराओं, संस्‍कृति और वाणिज्‍य के माध्‍यम से जुड़े रहे हैं। दोस्‍तों और पड़ोसियों के रूप में एक दूसरे की प्रगति और समृद्धि, खुशी और दुख में हमारे साझा हित रहे हैं, हम यह कभी नहीं भूल सकते कि जब मेरे राज्‍य गुजरात में 2001 में भीषण भूकंप आया था तो ईरान सहायता करने वाले पहले देशों में से एक था, इसी प्रकार भारत को भी ईरान की विपदा के समय ईरान के लोगों के साथ खड़े होने पर गर्व है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं ईरान के नेतृत्‍व को उनकी दूरदर्शी कूटनीति के लिए बधाई देता हूं।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि राष्‍ट्रपति डॉ हसन रोहानी और अफगानिस्‍तान के राष्‍ट्रपति डॉ अशरफ गनी से हमारी पिछली मुलाकात 2015 में ऊफा में हुई थी, उनके नेतृत्‍व और दृष्टिकोण की स्‍पष्‍टता ने मुझे बहुत प्रभावित किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बैठक में हमने अपने द्विपक्षीय कार्यक्रमों के पूरे दायरे पर ध्‍यान केंद्रित किया है, हमने उभरती क्षेत्रीय स्थिति और आम महत्‍व के वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया है, हमारी भागीदारी की कार्यसूची और दायरा वास्‍तव में बहुत मजबूत है। उन्होंने कहा कि आज के निष्‍कर्षों और जिन अनुबंधों पर हस्‍ताक्षर हुए हैं, उन्‍होंने हमारी सामरिक भागीदारी में एक नया अध्‍याय खोल दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी जनता का कल्‍याण हमारे व्‍यापक आधार वाले आर्थिक संबंधों का मार्गदर्शन कर रहा है, व्‍यापार संबंधों का विस्‍तार, गहरा जुड़ाव, तेल और गैस क्षेत्र में रेलवे की भागीदारी सहित उर्वरक, शिक्षा और सांस्‍कृतिक क्षेत्र हमारे समग्र आर्थिक कार्यक्रमों को आगे बढ़ा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि चाबहार बंदरगाह और संबंधित बुनियादी ढांचे के विकास के संबंध में द्विपक्षीय अनुबंध और इस उद्देश्‍य के लिए भारत से लगभग 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर की उपलब्‍धता एक महत्‍वपूर्ण मील का पत्‍थर है, इस प्रमुख प्रयास से इस क्षेत्र में आर्थिक प्रगति को बढ़ावा मिलेगा, हम हस्‍ताक्षरित अुनबंधों को जल्‍दी लागू करने के लिए कदम उठाने हेतु प्रतिबद्ध हैं।

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