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ओमान और भारत के साथ कई समझौते

रक्षामंत्री मनोहर पार्रिकर के साथ द्विपक्षीय बैठकें

सेनाओं में सहयोग और सूचना पर मुख्य सहमति

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Monday 23 May 2016 04:05:57 AM

oman and india defence deal

मस्कट/ नई दिल्ली। रक्षामंत्री मनोहर पार्रिकर ने 20 से 22 मई 2016 के बीच ओमान का आधिकारिक दौरा किया। वह ओमान के रक्षा मामलों के मंत्री एचई बदेर बिन सौद बिन हारिब अल बुसैदी के न्योते पर ओमान गए थे। रक्षामंत्री मनोहर पार्रिकर ने ओमान सल्तनत की मंत्रिपरिषद के लिए उपप्रधानमंत्री सैय्यद फहद बिन महमूद अल सैद, ओमान सल्तनत के राजशाही कार्यालय में मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल सुल्तान बिन मोहम्मद अल नुई अमानी से मुलाकात की। उन्होंने ओमान के रक्षा मामलों के मंत्री एचई बदेर बिन सौद बिन हारिब अल बुसैदी के साथ द्विपक्षीय बातचीत में हिस्सा लिया। बैठक में द्विपक्षीय रक्षा सहयोग से जुड़े सभी पहलुओं पर वार्ता हुई। इसमें दोनों देशों की सेनाओं के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा देने पर भी चर्चा हुई, दोनों देशों ने आपसी हित के क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।
मनोहर पार्रिकर ने ओमान के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने समुद्री लुटेरों के खिलाफ भारतीय नौसेना के जहाजों की आवाजाही और संचालन की गतिविधि को समर्थन देने के लिए ओमान की सराहना की, साथ ही भारतीय वायुसेना के विमानों के उतरने और उड़ान भरने के लिए तकनीकी सहयोग प्रदान करने के लिए ओमान की सराहना की। रक्षामंत्री मस्कट में रक्षा प्रौद्योगिकी कॉलेज और सुल्तान सशस्त्र बल संग्रहालय भी गए। उन्होंने सुल्तान कबूस बंदरगाह पर आईएनएस दिल्ली, आईएनएस दीपक और आईएनएस तरकश की सद्भावना यात्रा के मौके पर एक स्वागत समारोह में भी हिस्सा लिया। रक्षामंत्री के ओमान यात्रा के दौरान चार सहमति पत्र समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जिनमें भारत और ओमान के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग को लेकर ओमान और भारत के रक्षा मंत्रालय के बीच सहमति पत्र, राजकीय ओमान पुलिस (कोस्ट गार्ड) और भारतीय तटरक्षक बल के बीच समुद्र में समुद्री अपराध पर रोक लगाने के लिए सहमति पत्र, समुद्री मुद्दों पर ओमान और भारत के बीच सहमति पत्र, विमान सेवा सुरक्षा जानकारी के आदान प्रदान को लेकर भारत के भारतीय वायुसेना और ओमान के ओमान रॉयल वायु सेना के बीच प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए।
भारत और ओमान ने इस बात पर गौर किया कि उनके बीच द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी में रक्षा सहयोग सबसे महत्वपूर्ण है, यह साझेदारी ऐतिहासिक संबंध के साथ ही आपसी विश्वास और साझा हित पर आधारित है। इस बात पर भी सहमति जताई गई कि दोनों देश द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को आगे और विकसित करने के साथ ही मजबूती प्रदान करेंगे। रक्षामंत्री के साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी गया था, जिसमें सचिव (रक्षा उत्पादन) अशोक गुप्ता, सचिव (आर एंड डी) एवं डीजी, डीआरडीओ डॉ एस क्रिस्टोफर, उप सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल एमएमएस राय, एफओसी-इन-सी वेस्टर्न नेवल कमांड वाइस एडमिरल सुनील लांबा, वायुसेना उपाध्यक्ष एयर मार्शल बीएस धनोवा और रक्षा मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। एक रक्षा उद्योग प्रतिनिधिमंडल भी रक्षामंत्री के साथ गया था, इसमें अतिरिक्त महानिदेशक तोपखाना कारखाना समिति एससी वाजपेयी और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के सीएमडी एसके शर्मा शामिल थे।

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