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देश-दुनिया में बुद्ध पूर्णिमा मनाई गई

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने दीं शुभकामनाएं!

विश्वशांति के लिए बुद्ध सर्वाधिक प्रासंगिक

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 21 May 2016 04:09:50 AM

buddha purnima

नई दिल्ली। देश-विदेश में आज बुद्ध पूर्णिमा मनाई जा रही है। इस अवसर पर देशभर में सरकार और सामाजिक एवं स्वयंसेवी संगठनों की ओर से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। नेपाल के लुंबिनि से लेकर भारत के सारनाथ और श्रावस्ती एवं बिहार के बौद्धगया जैसे अनेक स्‍थानों पर विशेष प्रार्थनाएं एवं विशेष उपदेश कार्यक्रम आयोजित किए गए। विश्व शांति के इस विश्वदूत को देशभर में विभिन्न प्रकार से याद किया जा रहा है। राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को बुद्ध पूर्णिमा पर शुभकामनाएं दी हैं। राष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा है कि भगवान बुद्ध के प्‍यार, करूणा, अहिंसा तथा समानता के संदेशों का युगों-युगों से महत्‍व है और भगवान बुद्ध की शिक्षाएं मानवता के लिए प्रकाशस्तंभ हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी को इस अवसर पर अहिंसा और करूणा की भावना दोहराने का संकल्‍प लेना चाहिए। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि मैं कामना करता हूं कि भगवान बुद्ध की शिक्षाएं हमें शांति, सद्भाव और विश्‍व में एकता के लिए प्रेरित करती रहें।
उपराष्‍ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी ने बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर अपने संदेश में कहा कि भगवान बुद्ध के शांति, सत्‍य और करूणा के संदेश मानवीय दुख और पीड़ा समाप्‍त करने में हमें निर्देशित करते हैं, इस शुभ अवसर पर हमें भगवान बुद्ध के प्‍यार, करूणा और सहिष्‍णुता के सिद्धांतों के अनुसरण का संकल्‍प लेना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुद्ध पूर्णिमा पर देशवासियों को बधाई देते हुए उनके उपदेशों को विश्व शांति के लिए अत्यंत उपयोगी बताया है। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने बुद्ध पूर्णिमा पर हार्दिक बधाई देते हुए कहा है कि भगवान गौतम बुद्ध ने अहिंसा, कर्म, समानता और मोक्ष प्राप्ति के लिए सहज साधना का जो मर्म बताया था, वह अनुकरणीय है। राज्यपाल ने कहा कि महात्मा बुद्ध के हजारों वर्ष पूर्व दिए गए उपदेश आज भी सार्थक हैं और आने वाली सदियों तक भी सार्थक रहेंगे, इन पर चलकर ही मानव कल्याण का मार्ग निहित है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी बुद्ध पूर्णिमा पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भगवान बुद्ध के सत्य, अहिंसा और दया के संदेश से ही पूरी दुनिया में शांति एवं सद्भावना स्थापित की जा सकती है। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध का संदेश मानव मात्र के लिए हमेशा प्रासंगिक बना रहेगा। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बुद्ध पूर्णिमा पर देशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि मानवतावाद के मसीहा गौतम बुद्ध का शांति, अहिंसा, करुणा और दया का संदेश संपूर्ण मानवता के लिए ऐसी अमूल्य निधि है, जिसकी बदौलत पूरी दुनिया में शांति एवं सद्भाव का वातावरण सृजित किया जा सकता है। मायावती ने कहा कि गौतम बुद्ध का शांति, इंसानियत व भाईचारे का संदेश आज की परिस्थितियों में और भी ज़्यादा प्रासंगिक है, बल्कि इसकी ज़रूरत भी महसूस की जा रही है।
तथागत गौतम बुद्ध ने शांति, अहिंसा, करूणा व जातिविहीन समतामूलक समाज की स्थापना के लिए अपना सारा जीवन ही नहीं, बल्कि अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया था। आज पूरी दुनिया में उनके मानने वाले लोग हैं। ऐसे महान मानवतावादी गौतम बुद्ध के आदर-सम्मान, इनकी त्याग-तपस्या और विचारों को चिरस्थायी बनाने हेतु उत्तर प्रदेश में मायावती सरकार ने भी अनेक ऐतिहासिक कार्य किए हैं, जिनमें उनके नाम से भव्य पार्क, संग्रहालय, स्थल, विश्वविद्यालय, महाविद्यालय के आदि के साथ-साथ जनहित व जन-कल्याण की योजनाओं की शुरुआत कर नये जिले भी स्थापित किए हैं। इनमें बौद्ध धर्म के हृदयस्थल उत्तर प्रदेश में 'बौद्ध परिपथ' का विकास, उसका विश्व पर्यटकों के योग्य सौंदर्यीकरण, विश्वस्तरीय गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा में जिला गौतमबुद्ध नगर की स्थापना, लखनऊ के वीआईपी रोड पर भव्य 'बौद्ध विहार शांति उपवन' का निर्माण, ऐतिहासिक डॉ भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल, लखनऊ में 'बौद्ध स्थल' का निर्माण, उनके जीवन से जुड़े स्थलों के नाम पर चार नए जिले शामिल हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय बुद्ध पूर्णिमा दिवस समारोह-2016 में प्रमाण पत्र प्रदान किए। इस मौके पर गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू, संस्कृति, पर्यटन मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री और नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री डॉ महेश शर्मा, मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा और अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के महासचिव वेन लामा लोबजांग भी उपस्थित थे। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि गौतमबुद्ध के जन्म व कर्मभूमि वाले देश भारत को सभी प्रकार की संकीर्णता से ऊपर उठकर विश्वशांति और सामाजिक सौहार्द के लिए अपनी अहम भूमिका निभानी चाहिए।

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