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भारतीय रेल नुक्‍कड़ एवं कोने तक-प्रणब

भारतीय रेल के सामने सुरक्षा और संरक्षा की चुनौती

रेलवे के प्रशिक्षु अधिकारियों से मिले राष्ट्रपति

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 17 May 2016 07:10:16 AM

president pranab mukherjee with railway trainee officers

नई दिल्ली। इंजीनियरों की भारतीय रेल सेवा, यांत्रिक इंजीनियरों की भारतीय रेल सेवा और रेलवे सुरक्षा बल के परिवीक्षाधीन अधिकारियों के एक समूह ने आज राष्‍ट्रपति भवन में राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भेंट की। राष्‍ट्रपति ने इस मौके पर कहा है कि भारतीय रेलवे न केवल दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्कों में से एक है, बल्कि इसे उन रेल नेटवर्कों में भी शुमार किया जाता है, जिनका प्रबंधन बड़े अच्‍छे ढंग से हो रहा है। उन्होंने कहा कि करीब 66,000 किलोमीटर लंबे रूट के साथ भारतीय रेलवे का पटरी नेटवर्क देश के तकरीबन हर नुक्‍कड़ एवं कोने तक फैल चुका है। गौरतलब है कि भारतीय रेलवे हर दिन 23 मिलियन यात्रियों को ढोती है।
राष्‍ट्रपति ने कहा कि भारतीय रेलवे महज एक परिवहन प्रणाली नहीं है, बल्कि इसका एक गहरा अर्थ है, यह देश के दूर-दराज के क्षेत्रों को आपस में जोड़ती है। उन्होंने कहा कि भारतीय डाक सेवा की तरह भारतीय रेल भी देश के उन कुछ संगठनों में से एक है, जिसका सही मायने में राष्‍ट्रीय स्‍वरूप है और देश भर में इसका प्रभाव देखा जा सकता है, सफर के दौरान लोगों की व्‍यक्तिगत पहचान इस तथ्‍य में तब्‍दील हो जाती है कि वे सभी यात्रीगण ही हैं। राष्‍ट्रपति ने कहा कि भारतीय रेलवे महज एक वाणिज्यिक संगठन ही नहीं है, इसने आवश्‍यकता पड़ने पर जरूरतमंदों की भरपूर मदद करने के साथ-साथ उन्‍हें आवश्‍यक समर्थन भी प्रदान किया है, इसने देश के आर्थिक विकास की बड़ी जिम्‍मेदारी भी बखूबी संभाली है।
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारतीय रेलवे को अनेक चु‍नौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है, जिनमें सुरक्षा एवं संरक्षा के साथ-साथ समय पर रेलगाड़ियों का संचालन सुनिश्चित करना भी शामिल है। राष्‍ट्रपति ने परिवीक्षाधीन अधिकारियों से सदा यह याद रखने का अनुरोध किया कि अपनी सेवाओं के जरिए वे न केवल अपनी आजीविका कमा रहे हैं, बल्कि वे जिस महान देश के निवासी हैं, वहां आर्थिक योगदान भी दे रहे हैं। राष्‍ट्रपति ने कहा कि उन्‍हें देश की सेवा करने का महान अवसर मिल रहा है, उन्‍हें अपने कर्तव्‍यों का निर्वहन करते वक्‍त निश्चित तौर पर अपने कौशल एवं नवाचार को दर्शाते हुए ठोस पहल भी करनी चाहिए।

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