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महिलाओं में विज्ञान की शिक्षा को प्रोत्‍साहन

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने बनाई स्‍थायी समिति

एचआरडी मंत्रालय ने भी शुरू की 'उड़ान' परियोजना

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 17 May 2016 02:00:24 AM

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नई दिल्ली। महिलाओं में विज्ञान की शिक्षा को लोकप्रिय बनाने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने हाल ही में एक स्‍थायी समिति का गठन किया है। समिति का गठन आधिकारिक आदेश 11 मार्च 2016 के तहत महिलाओं में विज्ञान को प्रोत्‍साहन देने के लिए किया गया है। समिति का उद्देश्‍य महिलाओं में विज्ञान की शिक्षा को बढ़ाने के लिए विशेष उपाय सुझाना है। स्‍थायी समिति की पहली बैठक बेंगलुरू के भारतीय विज्ञान संस्‍थान में 16 मई 2016 को हुई। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग का एक अन्‍य विशेष कार्यक्रम महिला विश्‍वविद्यालयों में नवाचार और उत्‍कृष्‍टता के लिए विश्‍वविद्यालय अनुसंधान एकीकरण (क्‍यूरी) है, जिसके तहत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संरचना को मजबूत बनाने के लिए बजटीय प्रावधान किया गया है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि क्‍यूरी के तहत महिला केंद्रित विश्‍वविद्यालयों में अनुसंधान सुविधाओं को भी बढ़ाया जाएगा, ताकि महिलाओं में विज्ञान और प्रौद्योगिकी शिक्षा को लोकप्रिय बनाया जा सके। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी विज्ञान और इंजीनियरिंग कॉलेज में छात्राओं के कम पंजीकरण की समस्‍या को दूर करने के लिए ‘उड़ान’ नामक परियोजना शुरू की है। ‘उड़ान’ का उद्देश्‍य सीनियर सैकेंडरी स्‍तर पर छात्राओं के लिए विज्ञान और गणित को प्रोत्‍साहन देना है। इसके तहत प्रत्‍येक छात्रा को निःशुल्‍क और ऑनलाइन संसाधन उपलब्‍ध कराए जाएंगे। परियोजना के अंतर्गत प्रत्‍येक वर्ष 1000 वंचित लड़कियों को चुना जाएगा और उन्‍हें विशेष सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बालिकाओं को भी प्राथमिकता देकर विज्ञान की शिक्षा और तकनीक से जोड़ने के लिए देश-विदेश में कई मंचों पर अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त कर चुके हैं, जिसके अंतर्गत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय बड़ी तेजी से कार्ययोजनाएं बना रहा है और इस क्षेत्र में कुछ कार्य ‌हो भी चुका है। भारत के राष्ट्रपति रहे विख्यात विज्ञानी और भारतीय परमाणु कार्यक्रम के जनक कहलाए गए डॉ एपीजे अब्दुल कलाम भी हमेशा इस बात पर जोर देते रहे कि बालिकाओं को विज्ञान की शिक्षा से ही जोड़ा जाए। स्कूलों में उनके कार्यक्रमों में यह विषय प्रमुखता से रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसमें गहरी दिलचस्पी लेते हैं। यह जो समिति गठित की गई है, उसमें विशेषज्ञ शामिल किए गए हैं, जो पूरी कार्ययोजना सरकार के सामने प्रस्तुत करेंगे।

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