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भारत में आईटी में भी कुशल व्यक्तियों की कमी

सामुदायिक महाविद्यालय पर अंतर्राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 06 February 2013 08:58:35 AM

dr. mm pallam raju

नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ एमएम पल्‍लम राजू ने बुधवार को नई दिल्‍ली में सामुदायिक महाविद्यालयों पर अंतर्राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन का उद्घाटन किया और बताया कि शैक्षणिक सत्र-2013 से 300 सामुदायिक महाविद्यालयों की शुरूआत की जाएगी। उन्‍होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने युवाओं के लिए क्षमता विकास के क्षेत्र में शिक्षा की भूमिका को महसूस कि‍या है। शिक्षा की गुणवत्ता में आ रही गिरावट को केंद्रित करते हुए उन्‍होंने कहा कि हर साल 30 लाख लोगों में से केवल 1 चौथाई लोगों को ही औद्योगिक आवश्‍यकताओं के अनुरूप रोज़गार देना संभव हो पाता है।
पल्‍लम राजू ने कहा कि महत्‍वपूर्ण क्षेत्रों, जिनमें सूचना प्रौद्योगिकी भी शामिल है, में कुशल व्‍यक्तियों की कमी है, इसका कारण पुरानों पाठ्यक्रम और उद्योग क्षेत्र की बदलती हुई आवश्‍यकताएं हैं। कौशल आधारित शिक्षा पर जोर देते हुए उन्‍होंने शैक्षणिक संस्‍थाओं से उद्योग क्षेत्र की आवश्‍यकताओं के अनुरूप पाठ्यक्रम बनाने का अनुरोध किया। एचआरडी मंत्री ने कहा कि व्‍यवसायिक और सेवा क्षेत्र सहित उद्योग क्षेत्र को सभी क्षेत्रों जैसे पाठ्यक्रम का विकास, प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण, व्‍यवहारिक प्रशि‍क्षण के लिए प्रयोगशालाओं का विकास और रख-रखाव और सीखने वाले व्‍यक्ति को रोज़गार सुनिश्चित करने के लिए जांच जैसे स्‍तरों पर समाहित किया जाएगा।
कौशल विकास पर प्रधानमंत्री के सलाहकार एस रामादुरई ने सीखने वाले व्‍यक्ति से उत्तम प्रर्दशन करने के लिए प्रणाली बनाने के स्‍तर संबंधी सुझाव भी दिए। केंद्रीय मानव संसाधन राज्‍य मंत्री जतिन प्रसाद ने समारोह में प्रवासी जनसंख्‍या की बदलती शिक्षा संबंधी आवश्‍यकताओं और कार्य करने के लिए हर साल शामिल होने वाले 80 लाख लोगों के लिए अवसर बनाने पर जोर‍ दिया। समारोह में अमेरिका की जन मामलों की मंत्री तारा सोनेन साईन ने सामुदायिक महाविद्यालयों के क्षेत्र में अपने देश के विचार और अनुभवों को साझा करने का प्रस्‍ताव रखा। उच्‍च शिक्षा सचिव अशोक ठाकुर ने बताया कि 2 दिन के इस सम्‍मेलन में 60 देश भाग ले रहे हैं और सरकार की प्राथमिकता के आधार पर व्‍यवसायिक शिक्षा को उच्‍च प्राथमिकता दी गई है।
सम्‍मेलन में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, ऑस्‍ट्रेलिया और न्‍यूजीलैंड से 100 विदेशी प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। भारतीय प्रतिनिधियों में कौशल विकास के क्षेत्र में कार्यरत विभिन्‍न मंत्रालयों, राज्‍य,संघ शासित, महाविद्यालय और पॉलिटेक्‍नीक, केंद्रीय विश्‍वविद्यालय, नियामक संस्‍थाएं, स्‍वायत्तशासी संगठन, कौशल विकास परिषदें, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों और निजी क्षेत्र के 400 प्रतिभागी शामिल हैं।

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