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किसान फसल बीमे का लाभ उठाएं-राजनाथ

लखनऊ में फसल बीमा योजना जागरुकता कार्यक्रम

'खड़ी और पड़ी फसल का बीमा दुनिया में कहीं नहीं'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 3 April 2016 12:52:34 AM

crop insurance scheme awareness program in lucknow

लखनऊ। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने किसानों से अपील की है कि वो केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना तथा दूसरी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आगे आएं। गृहमंत्री लखनऊ के भारतीय गन्ना अनुसंधान केंद्र में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जागरुकता कार्यक्रम के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे। राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जानकारी देते हुए कहा कि ऐसी योजना पूरे विश्व में किसी देश में नहीं है, जिसमें खड़ी और पड़ी फसल दोनों का ही बीमा होता हो। उन्होंने कहा कि किसान का खेत खाली रह जाने पर भी उसे बीमे की रकम मिलेगी, जिसका उसे बेहद कम प्रीमियम अदा करना पड़ेगा, रबी की फसल के लिए यह रकम सिर्फ 1.5 फीसदी होगी, जबकि खरीफ के लिए महज दो फीसदी, शेष रकम सरकार वहन करेगी।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जागरुकता कार्यक्रम में मौजूद किसानों को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मिशन है कि 2022 तक देश के हर किसान की आमदनी दो गुनी हो जाए, इसीलिए प्रधानमंत्री खासतौर पर किसानों से जुड़ी योजनाओं की हर महीने समीक्षा करते हैं, अब तक सिर्फ 2015 में ही 1 करोड़ किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया गया है जो कि 2017 तक 9 करोड़ लोगों को देने की योजना है, इसके साथ ही देश भर में 300 गावों को भी स्मार्ट सिटी की तर्ज पर स्मार्ट विलेज बनाने का प्रस्ताव है। किसानों के लिए सिंचाई की आवश्यकता पर गृहमंत्री ने कहा कि 5300 करोड़ का बजट सिर्फ प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लिए है तथा वर्ष 2016 के खत्म होने तक 100 जिलो में सिंचाई की योजना तैयार कर ली जाएगी, यही नहीं मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश में नदियों को जोड़ने की योजना भी तेजी से रूप ले रही है।
राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर स्थानीय किसानों रमेश वर्मा, सितारा देवी, रामचंद्र यादव और कमला देवी को पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय कृषक सम्मान प्रदान किया। मोहनलालगंज से बीजेपी सांसद कौशल किशोर ने भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जागरुकता कार्यक्रम को संबोधित किया और देसी बीजों के इस्तेमाल पर बल दिया। कार्यक्रम में गन्ना अनुसंधान केंद्र के निदेशक एडी पाठक, कृषि अनुप्रयोग अनुसंधान केन्द्र के निदेशक एसएन सिंह सहित हजारों की संख्या में किसान मौजूद थे।

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