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अशोका फेलोज अनुकरणीय हैं-राष्ट्रपति

सामाजिक उद्यमियों का एक विश्वव्यापी नेटवर्क

अशोका फेलोज का एक समूह राष्ट्रपति से मिला

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 13 February 2016 12:57:01 AM

ashoka fellows group meets president

नई दिल्ली। राष्ट्रपति भवन में वर्ष 2015 के लिए 17 अशोका फेलोज के एक समूह ने मैग्सेसे पुरस्कार प्राप्त अंशु गुप्ता के नेतृत्व में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि ‘अशोका इनोवेटर्स फॉर दी पब्लिक’ (अशोका) सामाजिक उद्यमियों का एक विश्वव्यापी नेटवर्क है, जिसमें ऐसे व्यक्ति शामिल हैं, जो आवश्यक सामाजिक समस्याओं का अभिनव हल सुझाने में सक्षम हैं। यह संगठन सामाजिक उद्यमियों को विचार करने और तदुपरांत बदलाव के लिए काम करने के लिए मंच उपलब्ध कराता है। राष्ट्रपति ने कहा कि यह गौरव की बात है कि संगठन ने अपने गठन के 35 वर्ष के दौरान 82 देशों में 3000 से अधिक अशोका फेलोज को समर्थन दिया। इस दौरान भारत से 380 से अधिक फेलोज को चुना गया था। उन्होंने कहा कि अशोका फेलोज अनुकरणीय हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसी कई सामाजिक समस्याएं हैं, जिनसे निपटने के लिए सार्वजनिक, निजी और सिविल सोसायटी संस्थान सक्षम नहीं हैं। इसके बावजूद ऐसे नए विचारों वाले व्यक्ति भी मौजूद हैं, जो आम पुरुषों और महिलाओं की समस्याएं दूर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि छात्र, प्रोफेशनल, आम व्यक्ति और स्थानीय समुदाय लाखों लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि नवाचार प्रक्रिया, ज्ञान को सामाजिक हित और आर्थिक संपदा में बदल देती है। प्रणब मुखर्जी ने अशोका अन्वेषकों के प्रतिनिधियों का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए कहा कि यह संस्थान सामाजिक उद्यमियों को एक परिवर्तित सोच के साथ कार्य करने हेतु एक सशक्त मंच प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि उन्हें अवगत कराया गया है कि अपने फैलोज का चयन करने में अशोका एक कड़ी चयन प्रक्रिया अपनाता है। उम्मीदवारों और उनके अन्वेषकों को प्रणाली परिवर्तन विचार, उद्यमशीलता के लिए गुणवत्ता, सृजनशीलता और सामाजिक प्रभाव जैसे मानदंडों को पूर्ण करना होता है।
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि वे यह जानकर खुश हैं कि कार्यक्रम में उपस्थित वर्ष 2015 के फैलोज ने शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण, स्वास्थ्‍य देखभाल एवं शहरी विकास जैसे क्षेत्रों में अभिनव समाधान तलाशे हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि सार्वजनिक, निजी और सिविल सोसायटी संस्थानों की बहुत सी ऐसी सामाजिक आवश्यकताएं हैं, जिन्हें पूरी तरह से हल नहीं किया जाता, जबकि दूसरी ओर लोगों के बीच में बहुत सी ऐसी क्षमताएं और योग्यताएं हैं, यदि इनका उपयोग किया जाए तो इससे आम पुरूष और महिलाओं की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है। राष्ट्रपति ने कहा कि मार्च 2015 में प्रथम बार राष्ट्रीय अभिनव फाउंडेशन के सहयोग से राष्ट्रपति भवन में एक सप्ताह के अभिवनव समारोह का आयोजन किया गया, इसमें जमीन स्तर के अन्वेषकों के तैयार की गईं नई तकनीकों और उत्पादों का प्रदर्शन किया गया। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि अभिनव समारोह का दूसरा कार्यक्रम इस वर्ष मार्च में राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया जाएगा, कार्यक्रम में आप सहभागी होने पर विचार कर सकते हैं। कार्यक्रम में भारत विदेशों से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सभी अन्वेषकों की भागीदारी से एक वैश्विक मंच प्रदान किया जाएगा।

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