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सूखा और आंतरिक सुरक्षा गंभीर-राष्ट्रपति

राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों का दो दिवसीय सम्मेलन

राज्यपाल सरकारों को विकास के लिए प्रेरित करें

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Tuesday 9 February 2016 06:09:06 AM

president's house two-day conference of the governor

नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों के दो दिवसीय 47वें सम्मेलन का उद्घाटन किया। सम्मेलन में 23 राज्यपाल और उप राज्यपालों ने भाग लिया। सम्मेलन में मुख्य रूप से सुरक्षा-आतंकवाद और विद्रोही गतिविधियों पर विशेष ध्यान केंद्रित होने के साथ आंतरिक और बाहरी सुरक्षा पर चर्चा, युवाओं के लिए रोज़गार सृजन, पढ़ाई बीच में छोड़ने वालों के कौशल विकास पर विशेष ध्यान, स्वच्छ भारत अभियान, वर्ष 2022 तक सभी के लिए आवास और स्मार्ट शहर स्कीम को लागू करने, उच्च शिक्षा में गुणवत्ता, मेक इन इंडिया और रोज़गारपरकता, एक्ट ईस्ट पॉलिसी और पूर्वोत्तर के विकास पर ज्यादा चर्चा हुई। राष्ट्रपति ने इस मौके पर कहा कि देश ने आजादी के बाद शक्ति दर प्राप्त की है, मुख्य रूप से यह संविधान में प्रदत्त मूल तत्वों के दृढ़ता से अनुपालन करने के कारण हुआ है, यह एक चिरस्थाई दस्तावेज़ है, जो हमारी आशाओं और उन्हें प्राप्त करने की विस्तृत रूपरेखा प्रदर्शित करता है। राष्ट्रपति ने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे सभी व्यक्तियों का कर्तव्य है कि वे इन अक्षय मूल शब्दों को दोषमुक्त रखें।
राष्ट्रपति ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सीमा वाले राज्य आतंकवादी हमलों से प्रभावित रहे, इनके चुनौतीपूर्ण आंतरिक सुरक्षा वातावरण ने हम सबको अपनी रक्षा क्षमताओं को उन्नत करने के लिए प्रेरित किया है, इसके साथ ही हमें सभी अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों को शांतिपूर्ण बातचीत और विचार-विमर्श से सुलझाने के प्रति अपने प्रयासों की ओर ध्यान केंद्रित करना होगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 एक कठिन वर्ष रहा, जिसमें देश को धीमी वैश्विक अर्थव्यवस्था, जलवायु परिवर्तन, बाहरी और आंतरिक सुरक्षा जैसी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत लगातार कम वर्षा के कारण सूखे का सामना कर रहा है, कृषि उत्पादन पर असर पड़ा है, हमें किसानों की समस्याओं का युद्ध स्तर पर समाधान करना होगा। उन्होंने कहा कि हाल ही में शुरु की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों को प्रभावी रूप से प्रौद्योगिकी की मदद से सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों को मदद देने के ऐसे प्रयासों को उच्च प्राथमिकता मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बुरे मौसम के प्रभाव से बचने के लिए हमें अपने कृषि अनुसंधान संस्थानों को सूखे की मार से बचने वाले खाद्यान और अन्य खाद्य सामग्री विकसित करने का कार्य करना होगा।
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार के मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, स्मार्ट सिटी मिशन और स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियांवयन के लिए इन्‍हें राज्‍य सरकारों के साथ भागीदारी कर चलाना होगा, अपने-अपने राज्‍यों में संवैधानिक प्रमुख होने के कारण राज्यपाल इस क्षेत्र में सक्रिय सहयोग के लिए प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस समय राज्यों में 320 सरकारी विश्वविद्यालय और 140 निजी विश्वविद्यालय कार्यरत हैं और राज्यपाल इन संस्थानों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए प्रेरक भूमिका निभा सकते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि देश के नागरिकों को स्वस्थ्य, खुशहाल और उपयोगी जीवन बिताने का अधिकार है, इस अधिकार में हमारे शहरों में तेजी से बढ़ते प्रदूषण ने दरार पैदा की है, पर्यावरण को हो रहे खतरों को कम करने के लिए हमें समग्र बदलाव करने होंगे, इनका स्थायित्व लोगों को सक्रिय भागीदार बनाकर सुनिश्चित किया जा सकता है और राज्यपाल इन प्रयासों में उत्प्रेरक भूमिका निभा सकते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि वर्ष 2015 इतिहास में सबसे गर्म वर्ष के रूप में दर्ज होने के कारण जलवायु परिवर्तन नीतिगत फैसलों में प्रमुख भूमिका में आ गया है, इसके बुरे परिणाम हाल ही में प्रकृति के असामान्य व्यवहार में देखे गए हैं। उन्होंने कहा कि बीते वर्ष चेन्नई में आई अभूतपूर्व बाढ़ के कारण लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी और इसके कारण हमें आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा, हमें अपनी आपदा प्रबंधन प्रणाली को और अधिक वैज्ञानिक और तैयार स्थिति में रखना होगा, ताकि आपदा की स्थिति में कम से कम नुकसान हो। सम्मेलन के शुरुआती सत्र में उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने भाग लिया। सम्मेलन को केंद्रीय वित्त, शहरी विकास, रक्षा, मानव संसाधन विकास, श्रम और रोज़गार (स्वतंत्र प्रभार) राज्यमंत्री, कौशल विकास और उद्यमिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने भी संबोधित किया।

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