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सारस मित्रों को एक हजार रुपए महीना भत्ता

यूपी में सारस संरक्षण पर सैफई में अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी

संगोष्ठियों के बहाने राजनीतिक वातावरण-भाजपा

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Wednesday 3 February 2016 12:35:18 AM

international seminar at saifei on stork protection in up

सैफई/ लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सैफई (इटावा) में सारस एवं वेटलैंड्स संरक्षण पर आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में कहा है कि सारस के संरक्षण के लिए वेटलैंड्स का संरक्षण जरूरी है, तभी यह पक्षी रुक पाएंगे। ज्ञातव्य है कि है सारस उत्तर प्रदेश का राज्य पक्षी है और इटावा का इलाका इसका प्राकृतिक अभ्यारण्य माना जाता है, मगर इस पूरे इलाके में विभिन्न कारणों से ज्यादातर सारस यह इलाका छोड़ गए हैं। इनके परिवास और संरक्षण की कोशिशें भी की जा रही हैं, मगर अपेक्षित सफलता नहीं मिल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पक्षियों के संरक्षण के लिए जागरुकता जरूरी है, पक्षी हमारे मित्र हैं, इनसे हमें जीवन के लिए कई जरूरी सीख मिलती है और इनके संरक्षण हेतु हर संभव प्रयास किए जाएंगे। दूसरी तरफ भाजपा ने कहा है कि सपा सरकार ऐसे समारोह और गोष्ठियों के माध्यम से अपने लिए राजनीतिक वातावरण बना रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया में सबसे अधिक सारस भारत में पाए जाते हैं और देश में पाए जाने वाले सारस पक्षी की कुल संख्या का 60 प्रतिशत क्षेत्र उत्तर प्रदेश में है और उत्तर प्रदेश में भी इटावा का इलाका इनका प्रमुख परिवास है। मुख्यमंत्री ने संदर्भ व्यक्त किया कि सारस जीवनभर के लिए जोड़ा बनाते हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि शेखा झील को वर्ल्ड झील बनाए जाने के लिए चयनित किया गया है, जिसे सौंदर्यीकरण के साथ विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अधिकाधिक उत्पादन के लालच में ज्यादा रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग करने से पर्यावरण प्रभावित हो रहा है, जिसका असर प्राणि जगत पर भी पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वेटलैंड्स संरक्षण कार्य में ग्राम प्रधान और किसान महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि संगोष्ठी में आए देश-विदेश के संरक्षण विशेषज्ञों एवं वैज्ञानिकों के सुझावों को लागू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने सारस संरक्षण हेतु अच्छा कार्य करने वाले ‘सारस मित्रों’-सौरभ शुक्ला, संदीप दुबे, महाराष्ट्र के डॉ असद रहमानी, वियतनाम से आए डॉ ट्रेन ट्रेट, ओडीशा के वीसी चौधरी तथा कर्नाटक के गोपी सुंदर को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। उन्होंने घोषणा की कि सारस संरक्षण हेतु अच्छा कार्य करने वाले सारस मित्रों को एक हजार रूपए प्रतिमाह प्रोत्साहन भत्ता दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सारस क्रेन-ए पिक्टोरियल लाइफ हिस्ट्री’ कॉफी टेबल बुक, ‘क्रेन कॉंच्युएंसी’, ‘बर्ड फेस्टिवल-एक रिपोर्ट’, किताब, ‘यूपी ईको-टूरिज्म’ और ‘बर्ड ऑल यूपी’ पेन ड्राइव का विमोचन किया। इस अवसर पर सारस एवं वेटलैंड्स संरक्षण पर वन विभाग एवं अंतर्राष्ट्रीय क्रेन फाउंडेशन के साथ समझौते ज्ञापन का आदान-प्रदान भी हुआ। अखिलेश यादव ने कहा कि उनकी सरकार हर क्षेत्र में अच्छे से अच्छा कार्य करके उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बना रही है। उन्होंने अपनी सरकार की कई विकास योजनाओं का भी जिक्र किया।
सारस संगोष्ठी में वनमंत्री दुर्गा प्रसाद यादव ने बताया कि उत्तर प्रदेश वन विभाग में सारस पक्षी के संरक्षण हेतु वर्ष 2006 में सारस संरक्षण समिति का गठन किया गया था और सारस पक्षियों के संरक्षण और संवर्धन के लिए राज्य सरकार भी प्रयासरत है। संगोष्ठी में प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव) रूपक डे, राम प्रताप सिंह, मैसूर के गोपी सुंदर ने भी अपने विचार व्यक्त किए। नेपाल, म्यांमार, वियतनाम तथा कम्बोडिया के अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों ने भी संगोष्ठी में भाग लिया। इसमें वेटलैंड संरक्षण के लिए विभिन्न देशों के विशेषज्ञों, बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी, इंटर नेशनल क्रेन फाउंडेशन, वाइल्ड फाउल ट्रस्ट के विशेषज्ञों तथा प्रतिनिधियों ने भाग लिया। भारत में सारस क्रेन उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा उत्तर पूर्वी महाराष्ट्र में पाए जाते हैं। यहां क्रेन की 6 प्रजातियां पाई जाती हैं, जिसमें सारस सर्वाधिक लोकप्रिय है। संगोष्ठी में सांसद तेज प्रताप यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष अंशुल यादव, विधायक सुखदेवी वर्मा, उत्तर प्रदेश ग्रामीण आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान सैफई के निदेशक ब्रिगेडियर टी प्रभाकर, आयुक्त कानपुर मंडल मोहम्मद इफ्तिखारूद्दीन, गणमान्य नागरिक एवं पक्षी प्रेमी उपस्थित थे।
उत्तर प्रदेश में सारस संरक्षण पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समारोह और संगोष्ठियों के जरिए अपने पक्ष में राजनीतिक वातावरण बनाने में जुटे हैं और इसके बजाए वे जनता की मूलभूत समस्याओं के निराकरण के लिए ईमानदारी से प्रयास करते तो राज्य में पक्षियों के लिए भी वातावरण बेहतर होता। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि अखिलेश सरकार सारस पक्षियों के लिए मुफीद मानी जाने वाली केन नदी में अवैध खनन और उसके कारण नष्ट हो रहे सारस पक्षियों के प्राकृतिक परिवास पर आए सुझावों को अमल में लाए। उन्होंने कहा कि सारस पक्षियों का केंद्र उत्तर प्रदेश बने, इसके लिए प्रयास होने चाहिएं, चितंन होना चाहिए पर यह सब करने के लिए स्पष्ट नीति और नीयत की भी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पहले बर्ड फैस्टिवल, अब पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने के लिए वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए वेटलैन के संरक्षण की बात करती है, इससे बेहतर है कि वह संबंधित सुझावों एवं उनके महत्वपूर्ण तथ्यों को अमल में लाने का प्रयास करे।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा राज्य में पशु-पक्षियों के अवैध शिकार और अपराध के मामलों पर नियत्रंण सरकार की प्राथमिकता का विषय नहीं है, अखिलेश सरकार अवैध शिकारी मफियाओं के लिए अनुकूल है, चाहे पीलीभीत हो अथवा बरेली का मामला, जो अवैध शिकार करते पकड़े गए, सत्ता से जुड़े लोग उनके साथ खड़े नज़र आए। भाजपा प्रवक्ता ने सवाल उठाए हैं कि राज्य में मौजूदा पक्षी बिहारों को विकसित करने के लिए सरकार के पास क्या योजनाएं हैं? इन पक्षी बिहारों से पर्यटक जुड़ें, उसके लिए कौन-कौन सी सकारात्मक पहल हुई? क्या पर्यटकों की संख्या इन पक्षी बिहारों में बढ़ी? खुद वन विभाग की रिपार्ट है कि केन नदी के पास सारस पक्षियों के प्राकृतिक परिवास अवैध खनन के कारण नष्ट हो रहे हैं, यह रिपोर्ट सरकार की फाइलों में कैद है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सैफई में बड़े राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय आयोजन कर रहे हैं, उन्होंने सैफई को केंद्र बिंदु मानते हुए उसके इर्द-गिर्द आयोजनों की झड़ी लगा दी है, जिसका मुख्य उद्देश्य सरकार के खर्च पर राजनीतिक वातारवरण बनाना है।

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