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लालकिले में भारत पर्व का आयोजन

आगे गणतंत्र दिवस का भाग बनेगा भारत पर्व

भारत पर्व में मेला और विविध कार्यक्रम

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 28 January 2016 06:10:32 AM

red fort, india festival

नई दिल्ली। पर्यटन सचिव विनोद जुत्सी ने नई दिल्ली के लालकिले में गणतंत्र दिवस के हिस्से के रूप में ‘भारत पर्व’ के आयोजन का उद्घाटन किया, इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम, फूड फेस्टिवल तथा शिल्प मेला आयोजित हुआ। यह 29 जनवरी 2016 तक रहेगा। विनोद जुत्सी ने कहा कि आने वाले वर्ष में भारत पर्व गणतंत्र दिवस का अभिन्न अंग बनेगा। उन्होंने भाग लेने वाले कलाकारों तथा ट्रूपों की सराहना करते हुए आशा व्यक्त की कि लोग ‘भारत पर्व’ का आनंद लेने के साथ इसे सराहेंगे भी। पर्यटन सचिव ने बताया कि ‘भारत पर्व’ का प्रमुख उद्देश्य लोगों में देशभक्ति की भावना, देश की सांस्कृतिक विरासत को प्रोत्साहित करना और इसमें लोगों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करना है।
‘भारत पर्व’ आयोजन का नोडल मंत्रालय पर्यटन मंत्रालय है। ‘भारत पर्व’ आयोजन में गणतंत्र दिवस परेड में शामिल झांकियों को दिखाया जा रहा है, सशस्त्र सेना बलों के बैंड का प्रदर्शन किया जा रहा है और इसमें फूड फेस्टिवल, शिल्प मेला तथा देश के विभिन्न क्षेत्रों के सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जा रहे हैं। ‘भारत पर्व’ में शामिल होने का समय दोपहर 12 बजे से रात्रि नौ बजे तक है, इसमें सार्वजनिक और निःशुल्क प्रवेश की अनुमति है, हालांकि पहचान प्रमाण पत्र ले जाना अनिवार्य है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में नृत्य शैली में लोक, जनजातीय नृत्य तथा संस्कृति मंत्रालय ने क्षेत्रीय संगीत केंद्रों के माध्यम से अरेंज संगीत प्रस्तुत किया है। इसके अतिरिक्त देश के विभिन्न भागों से आए सांस्कृतिक दल कला प्रदर्शन कर रहे हैं। नेशनल एसोसिएशन ऑफ स्ट्रीट वेंडर्स ऑफ इंडिया ने फूड फेस्टिवल में विभिन्न राज्यों के स्ट्रीट फूड स्टॉल लगाए हैं।
भारत पर्व में राज्यों तथा होटल प्रबंधन संस्थान की ओर से भी स्टॉल लगाए गए हैं। शिल्प मेले में देश के हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं। इसका आयोजन कपड़ा मंत्रालय ने राज्य सरकारों तथा हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास आयुक्त के कार्यालयों के माध्यम से किया है। ‘भारत पर्व’ में सेना के पाइप और ड्रम बैंड, एनजेडसीसी के लोक नृत्य, जनजातीय नृत्य एवं संगीत, वायुसेना व नौसेना के मिलिट्री बैंड, मिजोरम के बांस व बंबू नृत्य, कर्नाटक के वीरागेस, डोल्लू कुनिथा, यक्षगान, पूजा कुनिथा, पंजाब के भांगड़ा, गिद्दा, झूमर, लुड्डी, ओडिशा के गोतीपुआ नृत्य और छाउ नृत्य, असम के बिहू नृत्य, केरल के अर्ध शास्त्रीय व कैसिकी-मोहिनीयट्टम, पश्चिम बंगाल के रविंद्र नृत्य व लोक नृत्य, गुजरात के सिद्धि धमाल ने अद्भुत समां बांधा।

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