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पुलिस में होंगी और ज्यादा ‌महिलाएं-गृहमंत्री

गुड़गांव में क्षमता निर्माण और नेतृत्व पर पुलिस सम्मेलन

महिलाओं के लिए सम्मेलन की महत्वपूर्ण सिफारिशें

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Thursday 7 January 2016 03:45:32 AM

rajnath singh addressing at the national conference on women in police

गुड़गांव। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सीआरपीएफ अकादमी कादरपुर गुड़गांव में 7वें राष्ट्रीय महिला पुलिस सम्मेलन का उद्घाटन किया। तीन दिनों के सम्मेलन में राज्य तथा केंद्रीय पुलिस बलों की 300 महिला पुलिसकर्मी भाग ले रही हैं, इन महिला पुलिसकर्मियों में कांस्टेबल से लेकर महानिदेशक तक शामिल हैं। सम्मेलन का विषय है ‘क्षमता निर्माण और नेतृत्व’। सम्मेलन के उप विषय हैं-‘संघर्ष समाधान में महिलाओं की भूमिका’, ‘कार्य और जीवन संतुलन’, ‘लिंग संवेदी कार्य अवसंरचना तथा उपकरण बनाना’ और ‘मानव तस्करी से निपटने की रणनीति बनाना’।
गृहमंत्री ने सम्मेलन में भाग लेने पर प्रसन्नता व्यक्त की। राजनाथ सिंह ने कहा कि आबादी में महिलाओं का हिस्सा लगभग 50 प्रतिशत है और 50 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी के बिना देश का सतत विकास संभव नहीं है। उन्होंने देश के विकास में महिलाओं के योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत ऐसा देश है, जहां महिलाओं को विशेष दर्जा और आदर दिया जाता है। राजनाथ सिंह ने कहा कि महिलाओं ने देश में सभी उपलब्धियां हासिल की हैं, उन्हें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री तथा अन्य शीर्ष पद प्राप्त हुए हैं। पुलिस तथा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के संदर्भ में गृहमंत्री ने कहा कि उनका प्रतिनिधित्व पर्याप्त नहीं है और सरकार उन्हें पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने के लिए संकल्पबद्ध है।
राजनाथ सिंह ने बताया कि गृह मंत्रालय ने केंद्रशासित प्रदेशों में पुलिस में महिलाओं की 33 प्रतिशत भर्ती करने का निर्देश जारी किया है और हाल में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल ने इसकी स्वीकृति दी है। राजनाथ सिंह ने कहा कि गृह मंत्रालय प्रारंभ में केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल तथा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में 33 प्रतिशत भर्ती को लागू करेगा और सीमा सुरक्षा बल, सशस्त्र सीमा बल और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस जैसे सुरक्षा बलों में 15 प्रतिशत महिलाओं की भर्ती की जाएगी। गृहमंत्री ने कहा कि केरल पुलिस में महिलाओं की भर्ती करने वाला देश का पहला राज्य है, वहां 1933 में त्रावणकोर रॉयल पुलिस में महिलाएं शामिल की गई थीं, फिर स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद ही पुलिस में महिलाओं की भर्ती शुरू हुई। सन् 1981 में देश में पुलिस में प्रतिशत केवल 0.4 प्रतिशत था, लेकिन धीरे-धीरे पुलिस बल में महिलाओं की संख्या बढ़ी और यह प्रतिशत 2014 में 6.11 प्रतिशत था। गृहमंत्री ने आशा व्यक्त की कि इस सम्मेलन की सिफारिशें न केवल महिलाओं के लिए उपयोगी होंगी, बल्कि सम्पूर्ण पुलिस बल को और अधिक कारगर बनाने में उपयोगी होंगी।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि महिलाएं आज राष्ट्रीय पुलिस अकादमी का नेतृत्व कर रही हैं और विभिन्न केंद्रीय सशस्त्र बलों के महानिदेशक के रूप में काम कर रही हैं, महिला पुलिस की विशेष उत्कृष्टता की सराहना की जानी चाहिए। राजनाथ सिंह ने कहा कि सोच और कार्य में समानता की आवश्यकता है। गृहमंत्री ने कहा कि गृह मंत्रालय महिला पुलिस अधिकारियों के कल्याण और उनकी पेशेवर उत्कृष्टता के लिए सभी संभव कार्य करेगा। राजनाथ सिंह ने कहा कि पुलिस अनुसंधान विकास ब्यूरो पुलिस तथा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने के लिए विशेष अनुसंधान और विकास प्रकोष्ठ स्थापित करेगा, इस प्रकोष्ठ को भारतीय पुलिस में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित करने का प्रयास करना चाहिए और महिला पुलिसकर्मियों की कार्य स्थिति में सुधार के लिए समाधान ढूंढ़ना चाहिए। सम्मेलन में केंद्रीय पुलिस रिज़र्व बल के महानिदेशक प्रकाश मिश्रा, दिल्ली पुलिस की विशेष आयुक्त और सम्मेलन की अध्यक्ष विमला मेहरा तथा गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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