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'सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का काम अच्छा'

वित्‍तमंत्री ने की पीएसबी की त्रैमासिक समीक्षा

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के विस्तार पर चर्चा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 25 November 2015 04:31:53 AM

public sector banks quarterly review

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्‍तमंत्री अरुण जेटली ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) की त्रैमासिक समीक्षा बैठक की अध्‍यक्षता करते हुए पीएसबी के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारियों से कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) ने देश की अर्थव्‍यवस्‍था के पुनर्निर्माण में शानदार योगदान दिया है। वित्‍तमंत्री ने बैंकरों से गैर लाभकारी परिसंपत्तियों (एनपीए) के पिछले धब्‍बों से मुक्ति पाने तथा जल्‍द से जल्‍द उनकी बैलेंस शीट स्‍वच्‍छ करने को कहा। वित्‍तमंत्री ने इस बारे में सरकार के पूर्ण समर्थन का भी भरोसा दिलाया। उन्‍होंने कहा कि जब कभी आवश्‍यकता होगी, सरकार सुधार के लिए जरूरी कदम उठाएगी।
वित्‍त राज्‍यमंत्री जयंत सिन्‍हा, भारतीय रिज़र्व बैंक के डिप्‍टी गवर्नर कुंद्रा, सचिव (वित्‍तीय सेवा) अंजुली छिब दुग्‍गल तथा भारत सरकार के विभिन्‍न मंत्रालयों के सचिव और वित्‍त मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारी भी इस बैठक में शामिल थे। सूक्ष्‍म, लघु एवं मझोले उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) के सचिव अनूप पुजारी ने बैंकों के वित्‍त पोषण समेत एमएसएमई क्षेत्र से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की। नवीन तथा नवीकरणीय उर्जा मंत्रालय के सचिव ने अगले पांच वर्ष के दौरान नवीकरणीय उर्जा परियोजनाओं के वित्‍त पोषण के प्रति बैंकों की प्रतिबद्धता का विवरण दिया और बैंकों के प्रयासों की सराहना की। पीएसबी ने ऋण विस्‍तार को बेहतर बनाने के लिए उठाए गए विभिन्‍न कदमों पर चर्चा की।
वित्‍तमंत्री अरुण जेटली ने विद्या लक्ष्‍मी पोर्टल को गतिशील बनाने में बैंकों की प्रगति की समीक्षा की। आवास ऋण में 18.69 की अच्‍छी वृद्धि की चर्चा करते हुए पीएसबी को प्राथमिकता क्षेत्र आवास ऋण में बढ़ोतरी अर्जित करने के लिए भी प्रोत्‍साहित किया गया। बैठक में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के प्रभाव को बढ़ाने के तरीकों पर भी विस्‍तार से चर्चा की गई। अरुण जेटली ने बैंकों से संवितरण में तेजी लाने का आग्रह किया। पीएसबी से अपेक्षा की गई कि वह चालू वित्‍त वर्ष के दौरान कम से कम 70,000 करोड़ की संवितरण क्षमता को अर्जित करें। बैठक में वित्‍त राज्‍यमंत्री जयंत सिन्‍हा ने पुरस्‍कार वितरण किया तथा विजेताओं को प्रमाणपत्र दिए। बैठक में सितंबर 2015 तक 48.25 लाख करोड़ के कुल घरेलू ऋण प्रवाह की क्षेत्रवार रूपरेखा का जायजा लिया गया और दर्ज किया गया कि वर्ष के लिए ऋण लक्ष्‍य का 58 प्रतिशत अर्जित कर लिया गया है।

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