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पुलिस इंस्पेक्टर के हत्यारे पकड़ने का दावा

घटना को लेकर प्रतापगढ़ में हैं अभी भी विभिन्न चर्चाएं

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 23 November 2015 05:42:00 AM

प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ के पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सक्सेना ने दावा किया है कि पुलिस इंस्पेक्टर अनिल कुमार के हत्यारे पकड़ लिए गए हैं। मौके पर गिरफ्तार एक संदिग्ध और शराब के दुकानदार सहित कुछ अन्य लोगों से पूछताछ के बाद पुलिस अधीक्षक ने मामले का खुलासा करते हुए कहा है कि असली हत्यारों की पहचान राजू सोनी और जीशान के रूप में हुई है, जो गिरफ्तार कर लिए गए हैं। ज्ञातव्य है कि पुलिस इंस्पेक्टर अनिल कुमार पर गोली चलाने का पर्याप्त कारण स्पष्ट न होने की वजह से स्थानीय लोगों में इस मामले को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं भी हैं, लेकिन पुलिस का यही कहना है कि उसने हत्या का मामला सुलझा लिया है। कहा जाता है कि अधिवक्ता इंद्रमणि शुक्ला की हत्या के मामले की जांच अनिल कुमार से ले लिए जाने के पीछे भी हत्या के कारण हैं, यह कहा गया है कि उस मामले के कुछ महत्वपूर्ण सुराग इंस्पेक्टर अनिल कुमार के पास थे।
पुलिस अधीक्षक के मुताबिक रात लगभग 8.30 बजे चौक एरिया में वैष्णवी होटल के पास एक मॉडल शराब की दुकान पर राजापाल चौराहे के राजू सोनी व पल्टन बाजार के जीशान से गायघाट निवासी अभिषेक का विवाद हो रहा था, विवाद बढ़ने की स्थिति में राजू ने अभिषेक पर फायर कर दिया, अभिषेक को छर्रे लगे, लेकिन वह बच गया, इसी बीच फायरिंग की आवाज़ सुनकर इंस्पेक्टर अनिल कुमार उस तरफ आए और जैसे ही कुछ बोले राजू ने उनपर भी फायर कर दिया और वे मौके पर गिर पड़े, उनके गिरते ही भगदड़ मच गई और दोनों हमलावर मौके से भाग निकले। घायल इंस्पेक्टर के साथ अभिषेक को भी जब एम्बुलेंस पर ले जाया जाने लगा तो वह कूदकर भागने लगा। इससे पुलिस को संदेह हुआ और उसे पुलिस अभिरक्षा में रखकर उससे पूछताछ की गई है। अस्पताल पहुंचने पर अनिल कुमार को मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने त्वरित विवेचना कर कई स्थानों पर ताबड़तोड़ दबिश देकर दोनों हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया है।
ज्ञातव्य है कि अनिल कुमार शहर कोतवाल के रूप में प्रतापगढ़ जनपद में लगभग चार पांच माह से तैनात थे, लेकिन लगभग 20 दिन पहले हुए अधिवक्ता हत्याकांड के कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया था। वे नगर के चौक एरिया में वैष्णवी होटल में रह रहे थे। उसी होटल में डीसीआरबी के इंस्पेक्टर बलराम मिश्र भी रह रहे थे। इंस्पेक्टर बलराम मिश्र भी घटना स्थल के आस-पास मौजूद थे।

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