स्वतंत्र आवाज़
word map

भारत-जर्मनी संबंधों को नई ऊंचाइयां-मोदी

भारत को जर्मनी के मज़बूत क्षेत्रों से सहयोग की उम्मीदें

जर्मनी की चांसलर भारत के दौरे से काफी उत्साहित

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 7 October 2015 07:57:14 AM

chancellor of germany angela merkel and pm narendra modi

बेंगलुरू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरू में बुश इंजीनियरिंग एंड इनोवेशन में जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल की अगवानी की। दोनों नेताओं के समक्ष नेत्र रोग और दुर्घटना पीड़ितों को फौरन सहायता पहुंचाने संबंधी सेवाओं के बारे में बुश इंजीनियरिंग एंड इनोवेशन की विकसित प्रणालियों को प्रस्तुत किया गया। बुश वोकेशनल सेंटर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डॉ एंजेला मार्केल को स्कूली पढ़ाई बीच में छोड़ देने वाले व्यक्तियों के कौशल विकास संबंधी कार्यक्रमों का परिचय दिया गया। प्रधानमंत्री और जर्मनी की चांसलर ने नेस्कॉम और फ्रॉनहोफर इंस्टीट्यूट के एक व्यापार सम्मेलन में भी हिस्सा लिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वैश्विक मंदी के दौर में भारत निवेश के लिए एक बेहतरीन स्थान है। प्रधानमंत्री ने निवेशकों संबंधी तमाम लंबित मुद्दों को हल करने के लिए सरकार के कदमों की जानकारी भी दी। उन्होंने भारत में मौजूद निवेश के विभिन्न अवसरों के बारे में भी चर्चा की। नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और जर्मनी की आर्थिक साझेदारी में असीम संभावनाएं हैं, भारत में निवेश करने वाले देशों में जर्मनी 7वें पायदान पर है और भारत में पहले से ही करीब 600 भारत-जर्मन संयुक्‍त उपक्रम चल रहे हैं, हालांकि अभी तक हमारी आर्थिक साझेदारी हमारी पूरी क्षमता से नीचे है। उन्होंने कहा कि हम विशेषकर उन क्षेत्रों में विकास करना चाहते हैं, जहां जर्मनी मजबूत है, हम इसके लिए अनुकूल परिस्थितियां बनाने की खातिर कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत निवेश आकर्षित करने के मामले में अपनी अंकटाड रैंकिंग को बेहतर करने में कामयाब रहा है, भारत पहले इसमें 15वें पायदान पर था, जबकि अब वह 9वें स्‍थान पर है।
उन्होंने कहा कि भारत लगातार पांच वर्ष तक गिरावट का रुख दर्शाने के बाद विश्‍व आर्थिक फोरम के वैश्विक प्रतिस्‍पर्धा सूचकांक में भी 16 पायदान ऊपर चढ़ने में कामयाब रहा है, इसी तरह वर्ष 2015 की प्रथम छमाही में नए निवेश के लिहाज से शीर्ष वैश्विक स्‍थलों की रैंकिंग में भारत को पहला स्‍थान प्राप्‍त हुआ है। अमेरिका की पत्रिका ‘फॉरेन पॉलिसी’ ने एफडीआई के लिहाज से सर्वाधिक आकर्षक देशों की सूची में भारत को सबसे ऊपर रखा है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम अपने सपनों को साकार करने के लिए जर्मनी की सक्रिय भागीदारी चाहते हैं, इस लक्ष्‍य को पाने के लिए हमारी दर्शाई जा रही प्रतिबद्धता से जर्मन कंपनियों के लिए अनेक अवसर सृजित हुए हैं, ये अवसर पांच करोड़ घरों के निर्माण से लेकर 100 स्‍मार्ट सिटी बनाने, हमारे रेल नेटवर्क एवं स्‍टेशनों के आधुनिकीकरण, नवीन रेल कॉरिडोर की स्‍थापना, 175 जीडब्‍ल्‍यू अक्षय ऊर्जा के उत्‍पादन, पारेषण एवं वितरण नेटवर्कों, राष्‍ट्रीय राजमार्गों, पुलों और मेट्रो रेल के निर्माण के रूप में उपलब्‍ध हैं। उन्होंने कहा कि सृजन एवं उत्‍पादन की इतनी व्‍यापक गुंजाइश किसी और देश में नहीं होगी, यही नहीं इस धरा पर कोई और ऐसा स्‍थान नहीं है, जहां इतने बड़े पैमाने पर खपत की गुंजाइश नज़र आती हो।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम डिजिटल इंडिया और स्किल इंडिया जैसे अभियानों के जरिए इस व्‍यापक संभावना को मूर्त रूप देने की कोशिश कर रहे हैं, इस ऊर्जा का पूर्ण रूप से दोहन करने के लिए हमने स्‍टार्ट अप इंडिया अभियान शुरू किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के सॉफ्टवेयर ही पूरी दुनिया में हार्डवेयर को गति प्रदान करेंगे, भारत की प्रतिभा ही प्रौद्योगिकी में पारंगत साबित होगी और भारत के बाजार ही विनिर्माण क्षेत्र को प्रेरित करेंगे, अत: भारत में व्‍यवसाय करना फायदे का सौदा साबित होगा। उन्होंने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ के लिहाज से तो यहां व्‍यवसाय करना और भी ज्‍यादा फायदेमंद साबित होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं चांसलर मर्केल के विजन की सराहना करता हूं, जिसके तहत जर्मन इंजीनियरिंग और भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी मिलकर विश्व स्तरीय उत्पादों के सृजन की दिशा में अग्रसर रहे, चांसलर मर्केल के प्रति हम कृतज्ञ हैं, उनका भारत दौरा बहुत सकारात्मक है और भारत-जर्मनी संबंधों को नई ऊंचाइयां प्राप्त हुईं।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]