स्वतंत्र आवाज़
word map

देश की 6 प्रमुख हस्तियों के स्मरण समारोह

देशभर में सालभर तक चलते रहेंगे यादगार कार्यक्रम

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 20 May 2015 04:21:36 AM

commemoration meeting of high-level national implementation committee

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने स्मरणोत्सवों के बारे में उच्चस्तरीय राष्ट्रीय कार्यांवयन समिति की पहली बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें इस वर्ष के 'स्मरण उत्सव कार्यक्रमों' पर चर्चा की गई। बैठक में केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली, केंद्रीय संस्कृति और नागर विमानन पर्यटन राज्यमंत्री डॉ महेश शर्मा, नागालैंड के राज्यपाल पीबी आचार्य और स्मरण समारोहों से जुड़े अन्य सदस्य भी मौजूद थे। बैठक के दौरान छह स्मरण समारोहों की तिथि और स्थान के बारे में विचार-विमर्श किया गया, जिनमें-रानी गाईदिनल्यू की जन्म शताब्दी, लाला लाजपत राय का 150वां जन्मदिन, तात्या टोपे का 200वां जन्मदिन, महाराणा प्रताप का 475वां जन्मदिन, भीष्म साहनी की जन्म शताब्दी और चैतन्य महाप्रभु की वृंदावन वापसी के 500 वर्ष शामिल हैं।
राजनाथ सिंह ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि इन महान हस्तियों ने देश के इतिहास और संस्कृति को समृद्ध किया है और इनमें से प्रत्येक के योगदान और उनके कद को ध्यान में रखते हुए बड़े पैमाने पर स्मरणोत्सव आयोजित किए जाने चाहिएं। राजनाथ सिंह ने कहा कि स्मरणोत्सव को स्थानीय क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि पूरे देश में और विश्व में इनका प्रसार होना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि स्मरण समारोह राजधानी दिल्ली में आयोजित कराने के साथ-साथ इन हस्तियों से जुड़े स्थानीय स्थानों, जन्म स्थलों पर भी आयोजित होने चाहिएं। समारोहों विभिन्न चरणों में इस वर्ष जुलाई से अक्तूबर तक आयोजित कराए जाएं, ताकि समारोह आयोजित करने के लिए पर्याप्त समय मिल सके।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इन हस्तियों को श्रद्धांजिल अर्पित करने के लिए इनके जन्म स्थानों पर ऑडिटोरियम, थिएटर आदि स्थापित किए जाने चाहिएं, ताकि वे इनकी स्मृति का स्थायी प्रतीक बन सकें। पर्यटन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ महेश शर्मा ने कहा कि स्मरण समारोह के कार्यक्रमों का विवरण प्रत्येक समारोह के लिए गठित उप समिति द्वारा तैयार किया जाएगा। बैठक में संस्कृति मंत्रालय और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]