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युवाओं की शिक्षा बेहद कमज़ोर-उपराष्‍ट्रपति

पीएचडी वाणिज्‍य व उद्योग का कुशल भारत पर सम्मेलन

ज्ञान और कौशल ही बढ़ाएगा आर्थिक विकास की रफ्तार

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 18 April 2015 04:36:50 AM

vice president mohammad hamid ansari conference on skilled india

नई दिल्ली। उपराष्‍ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी ने कहा है कि 21वीं शताब्‍दी में वैश्विक बाजार में किसी भी देश की प्रतिस्‍पर्धी क्षमता उसकी अर्थव्‍यवस्‍था की मजबूती, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की मौजूदा तथा उभरती शाखाओं में उसके योगदान और एक भूमंडलीकृत दुनिया की जरूरतों के अनुरूप उसकी क्षमता पर निर्भर करेगी। उपराष्‍ट्रपति पीएचडी वाणिज्‍य एवं उद्योग मंडल के वैश्विक प्रतिस्‍पर्धी क्षमता के लिए कुशल भारत पर आयोजित सम्‍मलेन को संबोधित कर रहे थे। उन्‍होंने कहा कि आने वाले समय में मुख्‍यत: ज्ञान एवं कौशल के बल पर ही आर्थिक विकास की रफ्तार बढ़ेगी, जिन देशों में कौशल का स्‍तर बेहतर होगा, वे भूमंडलीकृत दुनिया में उपलब्‍ध विकास के अवसरों तथा चुनौतियों के अनुरूप खुद को कहीं ज्‍यादा कारगर ढंग से ढाल सकेंगे।
उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि भारत में कौशल विकास की खास अ‍हमियत है, क्‍योंकि इसकी बदौलत हम जहां एक ओर ज्‍यादा तेजी से टिकाऊ एवं समावेशी विकास हासिल कर सकेंगे, वहीं दूसरी ओर देश की बढ़ती युवा आबादी को बढ़िया रोज़गार के अवसर भी सुलभ करा सकेंगे। कौशल विकास के बल पर लोगों को सशक्‍त बनाने के साथ-साथ हम उनकी सामाजिक स्‍वीकार्यता को बढ़ाने में भी सक्षम हो सकेंगे। उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि देश में बढ़ती युवा आबादी से लाभ उठाने से पहले हमें विभिन्‍न चुनौतियों से पार पाना होगा, त‍करीबन 12 मिलियन नौजवान हर साल श्रम बल से जुड़ते हैं, जिनमें से ज्‍यादातर युवाओं की शिक्षा बेहद कमज़ोर होती है और उनमें रोज़गार लायक क्षमता भी कम रहती है। हमारी मौजूदा क्षमता हर साल केवल तकरीबन चार मिलियन युवाओं को ही कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने की है। इस वजह से देश में उभरते श्रम बल में से ज्‍यादातर युवा आवश्‍यक कौशल हासिल करने से वंचित रह जाते हैं।

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