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असम नरसंहार पर केंद्र आक्रामक

बोडो के खिलाफ सुरक्षा बलों की सख्त कार्रवाई

आदिवासियों ने भी बोडो कार्यकर्ताओं के घर फूंके

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 24 December 2014 04:37:48 AM

assam massacre victims

गुवाहाटी। असम के सोनितपुर और कोकराझार जिलों में एनडीएफबी के उग्रवादियों के चार हमलों में मारे गए आदिवासियों के परिजनों और आदिवासी समुदाय ने आज बोडो कार्यकर्ताओं के घरों को आग लगा दी एवं हत्याकांड विरोध मार्च निकाला। आदिवासी बेहद गुस्से में हैं और बोडो उग्रवादियों का दृढ़ता से सामना कर रहे हैं। मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कहा है कि स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने कहा है कि असम सरकार के अनुरोध पर अर्द्धसैन्य बल के 5000 जवान असम भेजे गए हैं। आईजीपी एसएन सिंह ने बताया कि मृतकों की संख्या बढ़कर 62 हो गई है। नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड के सोंगबजीत गुट के हथियारबंद उग्रवादियों ने चार सुदूर आदिवासी गांवों सोनितपुर और कोकराझार क्षेत्र में ये हमले किए हैं। सोनितपुर में 37 और कोकराझार में 25 मौतें हुई हैं। इन ‘क्रूर’ हमलों के शिकार अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं।
मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कहा है कि अब उग्रवादियों को मारकर भागने नहीं दिया जाएगा, प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री ने उन्हें हर तरह की मदद उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया है। जानकारी के अनुसार सोनितपुर जिले में झिंझिया पुलिस चौकी के तहत मैईतालु बस्ती में 31 लोग मारे गए और धेकियाजुली पुलिस चौकी के तहत आने वाली जंगल बस्ती में छह लोग मारे गए। बीस लोग कोकराझार पुलिस चौकी क्षेत्र के शांतिपुर उल्टापानी में और कोकराझार जिले की सेरफांगुरी पुलिस चौकी के क्षेत्र पाखरीगुरी में पांच लोग मारे गए। गांवों में उग्रवादियों की खोज का अभियान जारी है। इन गांवों में सड़क परिवहन के पर्याप्त साधन नहीं हैं। आदिवासी समुदाय के गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने बोडो समुदाय के लोगों के पांच मकानों को आग लगा दी है। ये मकान सोनितपुर जिले के बिश्वनाथ चिरैली पुलिस चौकी क्षेत्र के फूलोगुरी में हैं। चाय बागान के हजारों कर्मचारियों ने हाथों में तीर-कमान लेकर प्रदर्शन रैलियां निकालीं हैं। प्रदर्शनकारियों ने सोनितपुर के धेकियाजुली के पास राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 15 को सात किलोमीटर तक अवरुद्ध कर दिया। केंद्र सरकार ने इन हमलों को गंभीरता से लेते हुए सुरक्षा बलों को उग्रवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की छूट दे दी है।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और गृह राज्यमंत्री किरेन रिजीजू स्थिति का जायजा लेने के लिए आज शाम यहां पहुंच गए हैं। उधर दिल्ली में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में असम में मृत आदिवासियों को श्रद्धांजलि दी गई। राजनाथ सिंह ने दिल्ली में कहा कि मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने उन्हें हालात की जानकारी दी है और केंद्र इसमें हर जरूरी कार्रवाई करेगा। असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने राज्य के मंत्रियों नीलमणि सेन डेका और बसंत दास को कोकराझार और राकीबुल हुसैन, तंकबहादुर राय और पृथ्वी माझी को सोनितपुर जिले का दौरा करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि एनडीएफबी समूह ने बहुत क्रूर और घृणित अपराध किया है, हमें इससे एक व्यापक तरीके से निपटना होगा, ताकि दोषियों का दोषनिर्धारण किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे बोडो समुदाय के निवास वाले इलाकों के साथ-साथ संवेदनशील इलाकों में लोगों को सुरक्षा उपलब्ध करवाएं।
तरुण गोगोई ने कहा है कि न तो असम की सरकार और न ही भारत सरकार उग्रवादी समूहों के समक्ष झुकेगी, इसीलिए हमने भारत सरकार से और अधिक अर्द्धसैन्य बलों की मांग की है। उन्होंने कहा कि कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मुझे हर मदद देने का आश्वासन दिया है। हमलों की निंदा करते हुए गृह राज्यमंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि यह हमला ऐसी स्थिति में किया गया है, जिसकी उम्मीद भी नहीं थी, हमला निर्दोष लोगों पर किया गया है और जिस स्थान पर हमला किया गया है, वह जगह सुदूर और ग्रामीण इलाके हैं। उन्होंने कहा कि मैं कहना चाहूंगा कि इस तरह की हिंसा का होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, हम पहले ही यह संदेश भेज चुके हैं कि हिंसा और विकास साथ-साथ नहीं चल सकते। किरेन रिजीजू ने कहा कि अगर हम पूर्वोत्तर को विकसित करना चाहते हैं तो शांति कायम होना जरूरी है, शांति और विकास को एक दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता।
किरेन रिजीजू ने कहा कि यह हिंसा उस समुदाय को बहुत नुकसान पहुंचा रही है, जिसके प्रतिनिधित्व का ये उग्रवादी संगठन दावा करते हैं, यह एक निरर्थक लड़ाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम में आदिवासियों पर हमले के पीड़ितों के लिए अनुग्रह राशि मंजूर की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मृतकों को श्रद्धांजलि दी गई। मंत्रिमंडल के सदस्‍यों ने दो मिनट का मौन रखा। प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री राष्‍ट्रीय राहत कोष से प्रत्‍येक मृतक व्‍यक्‍ति के निकटतम संबंधी को दो-दो लाख रूपए और गंभीर रूप से घायल व्‍यक्‍तियों को 50 हजार रूपए की अनुग्रह राशि मंजूर की है। प्रधानमंत्री राष्‍ट्रीय राहत कोष से राज्‍य सरकार को 86 लाख रूपए जारी कर दिए गए हैं।

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