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'मेक इन इंडिया' में अमेरिकी कंपनियां

भारत और अमेरिका का उच्च प्रौद्योगिकी पर अधिक जोर

भारत-अमेरिका उच्च प्रौद्योगिकी सहयोग समूह की बैठक

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 21 November 2014 06:31:12 PM

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नई दिल्ली। अमेरिका ने रक्षा क्षेत्र में भारत के साथ और अधिक सहयोग तथा दोनों देशों के बीच उच्च प्रौद्योगिकी वाली वस्तुओं का व्यापार बढ़ाने की जरूरत बताई है। अमेरिका के वाणिज्य विभाग के (उद्योग ब्यूरो व सुरक्षा) उपमंत्री इरिक एल हिरशान ने कहा है कि व्यापार एवं सहयोग बढ़ाना अमेरिका व भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा हित दोनों के लिए फायदे की बात है। वह भारत-अमेरिका उच्च प्रौद्योगिकी सहयोग समूह (एचटीसीजी) की नौवीं बैठक को संबोधित कर रहे थे।
इरिक एल हिरशान ने कहा कि नजदीकी सहयोग से भारतीय कंपनियों के साथ रक्षा उपकरणों के सह उत्पादन व विकास के उल्लेखनीय अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, समयबद्ध खरीद प्रक्रिया, सह उत्पादन व सह विकास से हमारे सुरक्षा रिश्ते और मजबूत होंगे। इस मौके पर विदेश सचिव सुजाता सिंह ने उम्मीद जताई कि अमेरिकी कंपनियां ‘मेक इन इंडिया’ पहल तथा हालिया नीतिगत बदलावों का लाभ उठाते हुए भारत में विनिर्माण इकाइयां लगाएंगी, फिलहाल अमेरिका-भारत द्विपक्षीय व्यापार 100 अरब डालर के करीब है। अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) ने कहा है कि अगले एक दशक में यह 500 अरब डालर के आंकड़े पर पहुंच सकता है। अप्रैल 2000 से अगस्त 2014 के दौरान भारत को अमेरिकी कंपनियों से 12.32 अरब डालर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मिला है।

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