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भारत का दुनिया के साथ अनुसंधान में सहयोग

विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग समझौते पर हस्‍ताक्षर

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 23 August 2014 03:46:20 AM

नई दिल्ली। भारत ने यूरोपीय संघ (ईयू) सहित 83 देशों के साथ द्विपक्षीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग समझौते पर हस्‍ताक्षर किये हैं। वर्तमान में 45 देशों के साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भारत का आपसी सक्रिय सहयोग है। सरकार ने भारत-अफ्रीका फोरम सम्‍मेलन के अधीन अफ्रीकी देशों के साथ भारत सरकार की लुक-ईस्‍ट पॉलिसी के तहत अधीन विकासशील देशों के वैज्ञानिकों को भारतीय संस्‍थानों में कार्य करने हेतु अनुसंधान प्रशिक्षण फैलोशिप देने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग शुरू किया है।
सुदूर-पूर्व देशों के साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग बढ़ा है। ऑस्ट्रेलिया, यूरोपीय संघ (ईयू), फ्रांस, जर्मनी, हंगरी, दक्षिण कोरिया, स्‍विटजरलैंड, इंग्लैंड और संयुक्त राज्य अमरीका जैसे देशों के साथ समर्पित संयुक्त अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) सहयोगात्मक निधियां स्‍थापित की गई हैं। फैलोशिप और इंटर्नशिप के माध्यम से भारतीय छात्रों और युवा शिक्षकों की विदेशों में संचार एवं जुडाव की योजनाओं में मदद मिली है। इनमें फ्रांस के लिए रमन-चरपक, जर्मनी के लिए डीएसटी-मैक्स प्लेंक फैलोशिप, इंडो-स्‍विस अनुसंधान फैलोशिप, भारत-कोरिया अनुसंधान इंटर्नशिप, भारत अमरीका अनुसंधान फैलोशिप, लिंडो नॉवेल लोरियट मीट, एशियन साइंस कैंप, अमरीका के लिए एसएन बोस और खुराना इंटर्नशिप शामिल है। इसके अलावा संयुक्त परियोजना आधारित गतिविधियों के लिए द्विपक्षीय कार्यशालाओं और विदेशों में मेगा विज्ञान सुविधाओं तक पहुंच से काफी मदद मिली है।

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