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राष्‍ट्रपति ने ड्रग के विरूद्ध राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार दिए

'मादक पदार्थों का सेवन मानसिक सामाजिक चिकित्‍सा समस्‍या है'

'शराब और मादक पदार्थों के व्‍यक्तियों की पुर्नवास प्रक्रिया सुदृढ़ करें'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 26 June 2014 08:00:52 PM

president pranab mukherjee

नई दिल्ली। राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज नई दिल्‍ली में मादक प्रदार्थों के दुरूपयोग और अवैध व्‍यापार के विरूद्ध मनाए जाने वाले अंतर्राष्‍ट्रीय दिवस पर शराब तथा मादक द्रव्‍य के इस्‍तेमाल को रोकने में उत्‍कृष्‍ट सेवाओं के लिए राष्‍ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए। मादक पादर्थों तथा शराब की लत से न केवल व्‍यक्ति को नुकसान होता है, बल्‍कि समाज और परिवार को भी हानि होती है।
काफी समय से पूरी दुनिया में युवाओं में मादक पादर्थों का इस्‍तेमाल बढ़ रहा है और भारत भी इससे अछूता नहीं है। मुख्‍य विभाग के रूप में सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता विभाग मादक द्रव्‍यों के इस्‍तेमाल में कमी लाने संबंधी योजना को लागू करने के लिए 1985-86 से प्रतिबद्ध है। विभाग शराब तथा मादक पदार्थ के उपयोग को रोकने संबंधी योजना के तहत इस काम में लगे गैर सरकारी संगठनों को वित्‍तीय सहायता देता रहा है।
शराब और मादक पदार्थों के आदि व्‍यक्तियों की पुर्नवास प्रक्रिया के विभिन्‍न पक्ष है, इन पक्षों में रोकथाम, जल्‍दी पता लग जाना, शिक्षा, प्रशिक्षण, पुर्नवास तथा समाजिक समन्‍वय शामिल है, इस काम में संसाधनों के अतिरिक्‍त समंवित मानवीय प्रयासों की भी जरूरत है। मादक पदार्थों का सेवन मानसिक-सामाजिक-चिकित्‍सा समस्‍या है, इसलिए इसमें गैर सरकारी संगठन, पंचायत स्‍थानीय निकाय, स्‍वैच्‍छिक संगठन को महत्‍वपूर्ण मानते हुए रणनीति तैयार की जाती है।
मादक द्रव्‍यों के इस्‍तेमाल तथा लत के शिकार लोगों के पुर्नवास में उत्‍कृष्‍ठता को बढ़ावा देने के लिए सामाजिक न्‍याय तथा अधिकारिता विभाग ने 31.12.2012 को शराब तथा मादक पदर्थों के दुरूपयोग को रोकने के क्षेत्र में उत्‍कृष्‍ठ सेवाओं के लिए राष्‍ट्रीय पुरस्‍कारों की योजना अधिसूची की। यह योजना इस क्षेत्र में काम कर रहे संसधानों या व्‍यक्तियों के लिए है। 

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