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अखिलेश सरकार को याद आए गांव किसान

सपा सरकार ने बजट में सीमित संसाधन का रोना रोया

मुख्यमंत्री ने प्रस्तुत किया चालू वित्तीय वर्ष का बजट

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Friday 20 June 2014 11:08:28 PM

cm akhilesh yadav

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज विधान सभा में वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए दो लाख चवहत्तर हजार सात सौ चार करोड़ उनसठ लाख (2,74,704,59 करोड़) रुपए का बजट प्रस्तुत करते हुए दावा किया है कि उनकी सरकार ने अपने पहले दो वर्ष के कार्यकाल में जनता से किए वायदों को पूरा करने के लिए गंभीरता से कार्य किया है, इस बार संपूर्ण बजट की लगभग 75 प्रतिशत राशि कृषि, किसान और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास की योजनाएं संचालित करने के लिए निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की लगभग 20 करोड़ जनसंख्या में साढ़े 15 करोड़ लोग ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करते हैं, इसलिए राज्य सरकार ने किसानों, नौजवानों, बेरोज़गारों, बालिकाओं, महिलाओं, अल्पसंख्यकों, कमजोर एवं पिछड़े वर्गों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए सामाजिक एवं कल्याणकारी योजनाओं के साथ-साथ सड़क, पुल, सिंचाई एवं विद्युत जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए सबसे अधिक धनराशि का प्राविधान किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के बाद औद्योगिकीकरण को अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार मान लिया गया है और कृषि क्षेत्र को सहयोगी आर्थिक क्षेत्र मानते हुए इसकी प्राथमिकता को समाप्त कर दिया गया है, जिससे कृषि एवं ग्रामीण क्षेत्र धीरे-धीरे विकास की मुख्य धारा से कटते जा रहे हैं, जिसके फलस्वरूप ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा, शिक्षा, रोज़गार और अन्य नागरिक सुविधाओं का विकास उस ढंग से नहीं हो पाया, जैसा होना चाहिए था। उन्होंने रोज़गार और बेहतर नागरिक सुविधाओं की तलाश में ग्रामीण जनता का शहरों की तरफ पलायन पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार इस चुनौती से निपटने के लिए कृषि को लाभकारी बनाने और ग्रामीण जीवन स्तर में गुणात्मक सुधार के लिए मूलभूत सुविधाएं विकसित करने के लिए गंभीरता से प्रयास कर रही है।
सरकार की भावी योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश दुग्ध उत्पादन के मामले में देश में प्रथम स्थान पर रहा है, वर्तमान वित्तीय वर्ष में लगभग 300 लाख मैट्रिक टन दुग्ध उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है, दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए लखनऊ, वाराणसी तथा इटावा में 5-5 लाख एवं कानपुर में 10 लाख लीटर दैनिक दुग्ध प्रसंस्करण क्षमता के डेयरी प्लांट स्थापित करने के लक्ष्य हैं, इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में दुग्ध विकास कार्यक्रमों हेतु बल्क मिल्क कूलर एवं ऑटोमैटिक मिल्क कलेक्शन यूनिटों की स्थापना भी की जा रही है, ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कुक्कुट विकास नीति के तहत 10 इकाई ब्रायलर पैरेंट फार्मिंग तथा 80 इकाई कामर्शियल लेयर फार्मिंग स्थापित करने का लक्ष्य बजट में प्राविधानित किया गया है।
अखिलेश यादव ने कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद राज्य सरकार ने अनेक नई एवं महत्वाकांक्षी योजनाएं प्रारंभ की हैं। औद्योगिक निवेश हेतु अनुकूल वातावरण सृजित कर निजी निवेश आकर्षित करने, किसानों की आय बढ़ाने हेतु कृषि एवं सिंचाई क्षेत्र के विकास, सड़कों का विकास, ऊर्जा क्षेत्र में सुधार, सभी वर्गों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास हेतु शिक्षा स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा, श्रमिकों-युवाओं का उत्थान एवं कौशल विकास, गांव तथा नगरीय विकास की योजनाओं के साथ-साथ प्रशासन तंत्र को कुशल एवं प्रभावी बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। बारह जून 2014 को नई दिल्ली में हुए निवेशक सम्मेलन की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में देश-विदेश की 150 कंपनियों ने भाग लिया। इस सम्मेलन की सफलता इसी तथ्य से जाहिर हो जाती है कि 23 कंपनियों ने 54,606 करोड़ रुपए के निवेश के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। इस सम्मेलन में कनाडा, नीदरलैंड, तुर्की, पोलैंड, इटली और ताइपे देशों के राजनयिक भी उपस्थित थे।
विभिन्न अवस्थापना सुविधाओं के लिए बजट में किए गए प्रस्ताव का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क, सेतु, सिंचाई एवं ऊर्जा के विकास एवं सुदृढ़ीकरण तथा रखरखाव के लिए 49,108 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया है, जो पिछले वर्ष के बजट से लगभग 82 प्रतिशत अधिक है। लखनऊ से आगरा तक 6 लेन के लगभग 300 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे के निर्माण की योजना को गति प्रदान करने के लिए 3280 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि यह सड़क केवल आवागमन के लिए ही उपयोगी सिद्ध नहीं होगी, बल्कि इसके साथ मंडियों के विकास पर भी बल दिया जा रहा है, जिससे इस एक्सप्रेस-वे से लगे तमाम क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में सड़कों, पुलों और संपर्क मार्गों के निर्माण हेतु 15,100 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में प्रस्तावित है। इसके तहत 14 जिला मुख्यालयों को 4 लेन की सड़कों से जोड़ने का कार्य किया जाएगा। इसके लिए 655 करोड़ रुपये 100 किलोमीटर राज्य मार्गों को दो लेन के चौड़ीकरण हेतु 667 करोड़ रुपये तथा 500 से अधिक आबादी के समस्त अवशेष अनुजुटी बसावटें, जो प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कोर नेटवर्क में सम्मिलित नहीं हैं, को पक्के संपर्क मार्ग से जोड़ने की व्यवस्था भी बजट में की गई है।
ग्रामीण अंचलों में पुलों के निर्माण हेतु 1,084 करोड़ रुपये तथा रेलवे उपरिगामी सेतुओं के निर्माण हेतु 465 करोड़ रुपये की व्यवस्था का प्राविधान किया गया है। भारत-नेपाल सीमावर्ती जिलों में सड़कों के निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण हेतु 765 करोड़ रुपये का प्राविधान बजट में किया गया है। उन्होंने बताया कि डॉ राम मनोहर लोहिया योजना के अंतर्गत चयनित ग्रामों की अनजुड़ी बसावटों में संपर्क मार्गों के निर्माण के लिए 800 करोड़ रुपए, सीसी रोड एवं केसी ड्रेन तथा इंटरलाकिंग टाइल्स हेतु 487 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन की सुविधाओं का विस्तार होगा। उन्होंने बताया कि श्री रामशरण दास ग्राम सड़क योजना हेतु 50 करोड़ रुपए तथा ग्रामीण पेयजल हेतु 1598 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया है। विशेष क्षेत्र कार्यक्रम के अंतर्गत पूर्वांचल की विशेष परियोजनाओं हेतु 291 करोड़ रुपए तथा बुंदेलखंड की विशेष योजनाओं के लिए 758 करोड़ रुपए का प्राविधान वर्ष 2014-15 के बजट में किया गया है।
लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना को गति प्रदान करने के लिए 95 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया है। लखनऊ विकास क्षेत्र एवं प्रदेश के समस्त विकास क्षेत्रों एवं नगर क्षेत्रों में अवस्थापना विकास हेतु 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। सबके लिए आवास योजना के अंतर्गत 52 हजार आवासीय भवन एवं भूखंड उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है, साथ ही शहरी क्षेत्रों में अंत्येष्टि स्थलों के विकास हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। आगरा पेयजल आपूर्ति परियोजना हेतु 300 करोड़ रुपये, झील संरक्षण परियोजना हेतु 66 करोड़ रुपये की व्यवस्था भी बजट में की गई है। लखनऊ में आईटी सिटी की स्थापना की जा रही है। इसी के अनुरूप आगरा में भी आईटी सिटी की स्थापना की जाएगी। प्रदेश के विभिन्न स्थलों पर आईटी पार्क स्थापित किए जाने का कार्य प्रगति पर है। नगरीय क्षेत्रों में अल्पसंख्यक बाहुल्य बस्तियों एवं अन्य मलिन बस्तियों में सड़कों एवं मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए 375 करोड़ रुपए, अरबी-फारसी मदरसा आधुनिकीकरण योजना के लिए 240 करोड़ रुपये, अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति योजना के लिए 919 करोड़ रुपये, अरबी पाठशालाओं के 316 करोड़ रुपये का प्राविधान प्रस्तावित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि रिक्शा चालकों को निःशुल्क मोटर/बैटरी/सौर ऊर्जा चालित आधुनिक रिक्शा उपलब्ध कराने हेतु 300 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। इससे लगभग 60,000 रिक्शा चालक लाभान्वित होंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में अन्त्येष्टि स्थलों के विकास हेतु 100 करोड़ रुपए की नई योजना भी बजट में प्रस्तावित की गई है। पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि से पोषित कार्यक्रमों में लिए 853 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया है। त्वरित आर्थिक विकास कार्यक्रमों के लिए 1000 करोड़ रुपए, कृषि एवं सम्बद्ध सेवाओं के लिए 7,625 करोड़ रुपए, शिक्षा के विस्तार एवं गुणवत्ता में सुधार के लिए 41,538 करोड़, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवारकल्याण के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार एवं विस्तार के लिए 14,377 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। इसी प्रकार अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ा वर्ग, विकलांग, अल्पसंख्यक तथा सामान्य वर्ग के गरीब व्यक्तियों के कल्याण के लिए 25,522 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया है।
राज्य सरकार की सामाजिक सुरक्षा की नई महत्वाकांक्षी योजना की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के सभी वर्गों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में सही प्रतिनिधित्व देते हुए प्रदेश के ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों के ऐसे गरीब परिवारों, जिनके पास आय के उपयुक्त साधन नहीं हैं, उनके जीवन यापन एवं आर्थिक तथा सामाजिक उन्नयन हेतु समाजवादी पेंशन योजना प्रारंभ की जा रही है। इस योजना से 40 लाख परिवारों के एक-एक लाभार्थी को लाभांवित किया जाएगा। इसके तहत परिवार के मुखिया को न्यूनतम 500 रुपए प्रतिमाह प्रारंभ कर लाभांवित परिवार की पेंशन में प्रतिवर्ष 50 रुपए की वृद्धि करते हुए पेंशन की अधिकतम धनराशि 750 रुपए प्रतिमाह तक दी जाएगी। इस योजना के लिए बजट में 2,424 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया है। उन्होंने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर किसी राज्य सरकार ने कोई पेंशन योजना नहीं शुरु की है। ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से बालिकाओं एवं महिलाओं को सुविधा प्रदान करने हेतु घरों में शौचालय निर्माण पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम के अंतर्गत इस योजना हेतु अनुदान मद में लगभग 359 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया है।
उत्तर प्रदेश में आगामी 3 वर्षों में 729 नये सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तथा 1681 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाए जाएंगे। जिला संयुक्त चिकित्सालयों में विशिष्ट चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु मशीनें एवं उपकरणों के क्रय के लिए बजट में 144 करोड़ रुपए की व्यवस्था का प्रस्ताव किया गया है। लखनऊ जनपद में उच्चस्तरीय सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान के लिए 68 करोड़ रुपये, डॉ राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट आफ साइंसेज के संचालन हेतु 184 करोड़ रुपये, किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के विकास हेतु 400 करोड़ रुपये तथा संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ की रोगी सेवाओं के विस्तारण हेतु 368 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है। इसी प्रकार मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में मस्तिष्क ज्वर की महामारी के रोकथाम हेतु 500 बिस्तरों वाले बाल चिकित्सालय संस्थान की स्थापना हेतु 68 करोड़ रुपये, मेडिकल कॉलेज झांसी के सुदृढ़ीकरण, अधूरे निर्माण कार्यों को पूरा करने आदि कार्यों हेतु 60 करोड़ रुपये की व्यवस्था भी गई है। उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज आजमगढ़ के लिए 42 करोड़, बांदा के लिए 71 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है। जनपद चंदौली में एक और मेडिकल कॉलेज स्थापित किया जाना प्रस्तावित है, जबकि जनपद जौनपुर तथा बदायूं में मेडिकल कॉलेज की स्थापना का कार्य प्रगति पर है।
उत्तर प्रदेश में गन्ने की औसत उपज एवं चीनी पर्ता में वृद्धि किए जाने के उद्देश्य से 4 वर्षों में सम्पूर्ण बीज बदलाव का कार्यक्रम बनाया गया है। इस हेतु 350 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया है। नेशनल क्राप इंश्योरेंस योजना के लिए 95 करोड़ रुपए, रासायनिक उर्वरकों के अग्रिम भंडारण हेतु 100 करोड़ रुपए का प्राविधान भी बजट में किया गया है। वर्ष 2016-17 से ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे तथा शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराए जाने की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए पारेषण एवं वितरण लाइनों का निर्माण किया जाएगा। इस कार्य पर लगभग 22 हजार करोड़ रुपये का व्यय अनुमानित है। सार्वजनिक क्षेत्र में स्थापित की जा रही अनपरा-डी तापीय परियोजना 2014 में पूर्ण हो जाएगी। इसी प्रकार बारा, इलाहाबाद में स्थापित हो रही परियोजना की प्रथम इकाई नवंबर, 2014 तथा शेष दो इकाइयों से जून 2015 में विद्युत उत्पादन शुरू हो जाएगा। ललितपुर में स्थापित हो रही विद्युत परियोजना की प्रथम इकाई से दिसंबर 2014 तथा दूसरी इकाई से जून 2015 में विद्युत उत्पादन होने लगेगा। एनटीपीसी के साथ संयुक्त उपक्रम में स्थापित हो रहे मेजा तापीय परियोजना से वर्ष 2016 में विद्युत आपूर्ति शुरू हो जाएगी। प्रदेश के लगभग एक लाख चौंतीस हजार गैर विद्युतीकृत मजरों के विद्युतीकरण हेतु 7,282 करोड़ रुपये की योजनाएं स्वीकृत की जा चुकी हैं, यह कार्य दो वर्षों में पूर्ण कर लिया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में सभी नलकूपों के ऊर्जीकरण तत्काल करने की योजना बनायी जा रही है। भविष्य में नलकूपों के ऊर्जीकरण के आवेदन के प्राप्त होने के तत्काल बाद कनेक्‍शन दिया जाया करेगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्राथमिक शिक्षा हेतु 29,380 करोड़ रुपये, माध्यमिक शिक्षा हेतु 7,880 करोड़ रुपये, उच्च शिक्षा हेतु 2,269 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है। उन्होंने बताया कि ई-बुक्स का क्रय तथा ई-लाइब्रेरी की स्थापना हेतु 2.50 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में की गई है। विधान भवन स्थित तिलक हाल में मीडिया से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र के सभी जनपदों में बड़ी मंडियों का निर्माण कराया जा रहा है। बुंदेलखंड क्षेत्र में ओलावृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार ने अपने स्तर से मदद उपलब्ध करायी है। इस संबंध में केंद्र सरकार से भी अनुरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार में अपने पहले दो वर्ष के कार्यकाल में जनता से किए वायदों को पूरा करने के लिए गंभीरता से कार्य किया है। उन्होंने कहा कि आगे प्रदेश की ग्रामीण जनता को आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कार्य किया जाएगा। उन्होंने भरोसा जताया कि बजट में अवस्थापना विकास के प्रस्तावों से प्रदेश की आर्थिक व सामाजिक स्थिति में सुधार आएगा और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी अच्छी सड़कें, पुल एवं बेहतर विद्युत आपूर्ति की सुविधा मिलेगी।

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