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तीसरे मोर्चें की कोई प्रासंगिता नहीं-अरुण जेटली

सीमांध्र और तेलंगाना राज्यों में एनडीए भयानक चुनौती

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 9 April 2014 06:55:32 PM

arun jaitley

नई दिल्ली। राज्य सभा में विपक्ष के नेता और अमृतसर लोकसभा सीट से भाजपा-अकाली दल के प्रत्याशी अरुण जेटली ने अपनी चुनाव डायरी में कहा है कि आखिर तेलुगु देशम पार्टी के साथ भाजपा के गठबंधन की घोषणा कर दी गई, यह गठबंधन सीमांध्र और तेलंगाना राज्यों में हमारे सभी विरोधियों के लिए भयानक चुनौती बन चुका है, यह एनडीए के समर्थन में लोक सभा में सांसदों की फौज भेजने में सक्षम है।
अरुण जेटली ने कहा कि इस गठबंधन के दो महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेंगे, सबसे पहले इसने इस बात को स्थापित कर दिया है कि तीसरे मोर्चें की कोई प्रासंगिता नहीं है, सभी गैर कांग्रेसी क्षेत्रीय दलों को एनडीए के प्रतिनिधित्व वाले गैर कांग्रेस संगत के साथ गठजोड़ कायम करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि तीसरा मोर्चा और वाम मोर्चा उन लोगों के लिए कभी सुविधाजनक नहीं हो सकता, जो अपने-अपने राज्यों में गैर कांग्रेस दलों का स्थान ले रहे हैं, सरकार गठन के लिए वे कांग्रेस के नजदीक होकर अपनी राजनीतिक पहचान और खो बैठेंगे, अत: उनकी राजनीति के व्यापक हित में उनके लिए यह महत्वपूर्ण होगा कि वे एनडीए का हिस्सा बन जाएं, एनडीए में टीडीपी की वापसी ने इसी बिंदु को मजबूत किया है।
भाजपा नेता ने कहा कि दूसरा इस चुनाव में एक पार्टी की जीत सुनिश्चित दिखाई देने के कारण गठबंधन ने इस मुद्दे को मजबूती से स्थापित कर दिया है कि क्या एनडीए को अपने बलबूते 272 से ज्यादा सीटें मिलेंगी अथवा नहीं। एनडीए अपना आधा सफर तय करने में सफल हो गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा उत्तर प्रदेश के प्रभारी अमित शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने संबंधी खबर कानून के किसी भी छात्र के लिए आश्चर्य का विषय है। अरुण जेटली ने कहा कि सामान्यतया सत्तारुढ़ सरकार अथवा विरोधियों के खराब प्रदर्शन के कारण मतदाताओं से अक्सर अपील की जाती है कि वे उनके खिलाफ मतदान करें, जिस संदर्भ में उन्होंने भाषण दिया था, उसका विश्लेषण किया जाना चाहिए। इस भाषण में अमित शाह ने मतदाताओं से अपील की है कि वे उन लोगों के खिलाफ मतदान करें और इस अन्याय का बदला लें। अरुण जेटली ने कहा कि मुझे समझ नहीं आता कि इस तरह के भाषण से कानून के किस प्रावधान का उल्लंघन होता है, जबकि यह केवल मत डालने की अपील थी।

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