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भू-वैज्ञानि‍कों को राष्‍ट्रीय भू-विज्ञान पुरस्‍कार प्रदान

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Wednesday 26 February 2014 01:25:08 PM

national geo - science award

नई दिल्‍ली। केंद्रीय खानमंत्री दिनशा जे पटेल ने कल खान मंत्रालय के एक कार्यक्रम में राष्‍ट्रीय भू-वि‍ज्ञान पुरस्‍कार-2012 प्रदान किये। ये पुरस्‍कार मूलभूत और व्‍यवहारिक भू-विज्ञान के क्षेत्र में उल्‍लेखनीय कार्य के लिए दिये गये हैं। जिन 27 भू-वैज्ञानि‍कों को पुरस्‍कृत किया गया है, उन्‍होंने भूमिगत जल, पर्यावरण और खनिजों की खोज जैसे सामयिक और महत्‍वपूर्ण क्षेत्रों में नवीनतम कार्य किया है। इस मौके पर खानमंत्री ने पुरस्‍कार पाने वाले वैज्ञानिकों का ध्‍यान खनन और खनिजों के क्षेत्र में काम करते समय प्रदूषण नियंत्रण और निगमित सामाजिक दायित्‍वों की ओर भी दिलाया। उन्‍होंने कहा कि समाज और देश के विकास के साथ-साथ आम आदमी के जीवन स्‍तर में सुधार को प्रमुखता दी जानी चाहिए।
खानमंत्री ने बताया कि हाल के वर्षों में भारत में विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में काफी काम हुआ है, जिसका प्रभाव खनिज और खनन क्षेत्र में भी महसूस किया जा रहा है। खानमंत्री ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के सभी उपक्रमों और खनिज संपन्‍न राज्‍यों से इस क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के लिए अधिक से अधिक निवेश करने और राष्‍ट्रीय विकास में भागीदार बनने का आग्रह किया। खनन सचिव आरएच ख्‍वाजा ने पुरस्‍कार पाने वालों में तीन महिला वैज्ञानिकों के शामिल होने पर खुशी जताई। उन्‍होंने भू-वैज्ञानिकों के भूमिगत जल अध्‍ययन, ब्‍लास्‍टिंग की नई पर्यावरण नीति के लिए सुरक्षित तकनीक के विकास और खानों के बचे-खुचे और निम्‍न श्रेणी के अयस्‍कों से धातु निकालने के लिए बायो-ब्‍लीचिंग जैसी प्रक्रिया के इस्‍तेमाल जैसे सामयिक मुद्दों पर गंभीर रवैया अपनाने पर संतोष व्‍यक्‍त किया।
भारत ने 2010-2020 को आविष्‍कार का दशक घोषि‍त किया है। खान सचिव ने बताया कि विज्ञान, तकनीकी और आविष्‍कार (एसटीआई) के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने राष्‍ट्रीय नवोन्‍मष परिषद का गठन करने के साथ-साथ नई नीति (एसटीआई-2013) लागू की है, जोकि आविष्‍कारों पर नए आयामों को बढ़ावा देगी। खान सचिव ने जीएसआई के काम काज की सराहना की और उन्‍होंने बताया कि भू-स्‍खलन के बार-बार प्रभावित होने वाले तीन क्षेत्रों में राष्‍ट्रीय स्‍तर पर तीन गहन अध्‍ययन कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है।

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