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किन्‍नरों में एड्स की स्‍थिति महामारी जैसी

विपरीतलिंगी व किन्‍नर समुदाय की स्थिति पर कार्यशाला

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 7 December 2013 06:46:32 PM

नई दिल्‍ली। स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय के एड्स नियंत्रण विभाग (डीएसी), ने पाच और छह दिसंबर को विपरीतलिंगी व किन्‍नर समुदाय की स्थिति सुधारने के लिए उपायों संबंधी एक खाका तैयार करने के लिए दो दिवसीय राष्‍ट्रीय कार्यशाला आयोजित की। कार्यशाला में मुख्‍य रूप से एचआईवी, मानवाधिकार, विपरीतलिंगियों और किन्‍नर समुदाय के सम्‍मुख आने वाली सा‍माजिक समस्‍याओं पर उच्‍च स्‍तरीय चर्चा हुई। पैनल के सदस्‍यों में सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्रालय, योजना आयोग के वरिष्‍ठ प्रतिनिधि, संयुक्‍त राष्‍ट्र और समाज के विभिन्‍न क्षेत्रों के प्रतिनिधि शामिल थे। सर्वोच्‍च न्‍यायालय के न्‍यायाधीश न्‍यायमूर्ति एके सीकरी ने भी इसमें भाग लिया।
डीएसी के सचिव लव वर्मा की अध्‍यक्षता में इस पैनल विपरीतलिंगियों की स्थिति सुधारने संबंधी उपायों, उनकी एचआईवी और स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी ज़रूरतों के साथ ही सामाजिक व कानूनी मान्‍यता के विषयों पर नीतिगत सिफ़ारिशें दीं। भारत में अपनी तरह की इस पहली कार्यशाला में देश के 33 राज्‍यों से तकरीबन 150 वरिष्‍ठ प्रशासक, नागरिक समाज और समुदाय के प्रतिनिधि तथा गैर-सरकारी संगठनों ने हिस्‍सा लिया। कार्यशाला के विमर्श में यह पाया गया है कि इस महामारी के शुरू होने के समय से ही विपरीतलिंगी और किन्‍नर समुदाय में इस रोग का प्रसार असमान रहा है। स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय के एड्स नियंत्रण विभाग ने कराये सर्वेक्षण (एचएसएस) के अनुसार कई इलाक़ों में कुछ विशेष स्‍थानों पर यह बीमारी 18 प्रतिशत तक फैली हुई है, इतना ही नहीं इस समुदाय को समाज एक कलंक समझता है, विपरीतलिंगी आबादी को खासतौर पर संवेदनशील व कमज़ोर समुदाय मानते हुए विभाग ने उनकी ज़रूरतों के मुताबिक उनकी बेहतरी के लिए उपाय तैयार किए हैं। हालांकि यह केवल 20 स्‍थानों पर ही संभव हो सका है और इस खास समुदाय के लिए ऐसे और भी प्रयासों की ज़रूरत महसूस की गई है।
एड्स नियंत्रण विभाग भारत में विपरीतलिंगियों और किन्‍नर समुदाय की आबादी से संबंधित विषयों के समाधान के लिए गंभीरता से काम कर रहा है। संयुक्‍त राष्‍ट्र विकास कार्यक्रम यूएनडीपी और राष्‍ट्रीय महामारी विज्ञान संस्‍थान के साथ मिलकर पहली बार डीएसी ने राष्‍ट्रीय स्‍तर पर 17 राज्‍यों में विपरीतलिंगियों और किन्‍नर समुदाय के लिए अधिक जोख़िम वाले क्षेत्रों का पता लगाया है। इस राष्‍ट्रीय स्‍तर की कार्यशाला में तमिलनाडु विपरीतलिंगी कल्‍याण बोर्ड, विपरीतलिंगियों की कानूनी पहचान के विकल्‍पों की स्थिति, विपरीतलिंगियों व किन्‍नर समुदाय को एचआईवी से बचाने के असरदार उपायों पर चर्चा की गई और देश भर से आने वाले तकनीकी विशेषज्ञों व समुदाय के नेताओं के विचारों व अनुभवों से लाभ उठाया गया। कार्यशाला के दौरान हुए विचार-विमर्श के आधार पर खासतौर से विपरीतलिंगियों को ध्‍यान में रखते हुए एक राष्‍ट्रीय योजना विकसित किए जाने की उम्‍मीद बनी है, जिससे अगले पांच सालों में एचआईवी से बचने के आवश्‍यक उपायों और देखभाल सेवाओं की विपरीतलिंगियों और किन्‍नर समुदाय तक पहुंच हो सकेगी।

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