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भारत-जापान में मैत्री को बढ़ावा

जापान के सम्राट और सम्राज्ञी ने की राष्‍ट्रपति से भेंट

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 3 December 2013 08:11:36 AM

नई दिल्‍ली। जापान के सम्राट अकिहितो और जापान की सम्राज्ञी ने कल राष्‍ट्रपति भवन में भारत के राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भेंट की। राष्‍ट्रपति ने जापान के सम्राट और सम्राज्ञी का गर्मजोशी से स्‍वागत किया। उन्‍होंने कहा कि जापान के सम्राट को 52 साल के बाद एक बार फिर राष्‍ट्रपति भवन में देखकर आश्‍चर्य होता है, उनकी पहली भारत यात्रा राजकुमार के रूप में हुई थी। भारत की जनता के जेहन में 1960 के जापान के राजकुमार की यात्रा अभी भी ताजा है। राष्‍ट्रपति ने कहा कि जापान के साथ भारत की मैत्री काफी महत्‍वपूर्ण है, जो आपसी सम्‍मान और स्‍नेह की मजबूत आधारशिला पर आधारित है, हमारी सभ्‍यता का संबंध सहस्‍त्राब्‍दी पुराना है, बौद्ध धर्म एक पवित्र कड़ी है, प्राचीन समय से भारत और जापान के बीच शिक्षाविदों और विद्वानों का आदान-प्रदान होता रहा है, दोनों देश इस समय नालंदा विश्वविद्यालय के पुनरुत्‍थान में सहयोग कर रहे हैं।
राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सम्राट और सम्राज्ञी के सम्‍मान में भोज आयोजित किया। इस अवसर पर राष्‍ट्रपति ने कहा कि जापान के सम्राट और साम्राज्ञी की भारत में मौजूदगी द्विपक्षीय संबंधों में एक मील का पत्‍थर है, भारत और जापान के बीच वर्षों से चली आ रही घनिष्‍ठ मैत्री, एकता और सहयोग को और ज्‍यादा बढ़ावा मिलेगा। राष्‍ट्रपति ने इस मौके पर भारत के महान सपूतों-स्‍वामी विवेकानंद, जमशेदजी टाटा, गुरूदेव रवींद्र नाथ टैगौर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रास बिहारी बोस और जज राधा विनोदपाल को याद किया। इन्‍होंने दोनों देशों के बीच मैत्री के संबंधों को मजबूत करने में अपना योगदान दिया है।
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि आज भारत और जापान की भागीदारी लोकतंत्र, कानून के नियम और व्‍यैक्तिक अधिकारों के सहभागी मूल्‍यों के मूल सिद्धांत पर आधारित है, यह हमारी जनता की प्रगति और समृद्धि के लिए आपसी परीक्षा का प्रतीक है, भारत और जापान शांति और स्थिरता के दृष्टिकोण के भी भागीदार हैं, दोनों देश पूर्ण आशा और संभावनाओं के सपनों को लेकर एकजुट हैं, दोनों आज द्विपक्षीय समझौतों से भी आगे जाने के लिए तैयार हैं, क्‍योंकि हम सामरिक हितों के अभिमुख होने के साथ वाकई में एक वैश्विक भागीदार बनने के वास्‍ते एकजुट हैं।
उन्‍होंने कहा कि जापान के सम्राट और सम्राज्ञी का दौरा दोनों देशों और जनता के प्रयासों को प्रोत्‍साहित करेगा। भोज स्‍वागत भाषण में जापान के सम्राट अकिहितो ने कहा कि जापान और भारत के बीच राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर उनका और सम्राज्ञी का भारत दौरा एक हर्ष का मौका है। उन्‍होंने जापान की जनता की ओर से भारतीय संसद को हर साल अगस्‍त में जापान के परमाणु बम पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए धन्‍यवाद दिया और उम्‍मीद जताई कि उनकी मौजूदा यात्रा दोनों देशों की जनता के बीच आपसी सहमति को मजबूत बनायेगी और विश्‍वास तथा मैत्री के संबंधों को और सुदृढ़ करेगी।

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