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अफगानिस्‍तान फिल्‍म उद्योग की भारत मदद करे

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Thursday 28 November 2013 04:25:31 AM

पणजी। अफगानी फिल्‍म 'ए मैंस डिजायर फॉर ए फिफ्थ वाइफ' के निर्देशक सेदिक अबेदी चाहते हैं कि भारत को अफगानिस्‍तान में फिल्‍म क्षेत्र का विकास करने के लिए सहायता करनी चाहिए। इस फिल्‍म की कहानी में समाज में महिलाओं की यंत्रणाओं को दर्शाया गया है। भारत के 44वें अंतर्राष्‍ट्रीय फिल्‍म समारोह (आईएफएफआई) के अवसर पर मीडिया से बातचीत में उन्‍होंने बताया कि अफगानी लोग भारत और भारतीय फिल्‍मों को बेहद पसंद करते हैं। उन्‍होंने कहा कि अफगानिस्‍तान में बर्बादी के कारण फिल्‍म उद्योग खत्‍म हो चुका है तथा फिल्‍म निर्माण, उसका विपणन, बुनियादी सुविधाएं इस लायक नहीं रहीं कि देश में वाणिज्यिक फिल्‍मों का प्रदर्शन किया जाए।
सेदिक अबेदी ने कहा कि भारत, अफगानिस्‍तान के पुनर्निर्माण में सहायता कर रहा है। भारतीय फिल्‍म उद्योग तथा सरकार को अफगानिस्‍तान में फिल्‍म उद्योग का विकास करने के‍ लिए आगे आना चाहिए। उन्‍होंने सूचित किया कि अफगानिस्‍तान में केवल 20 के करीब फिल्‍म थियेटर हैं और उनकी क्षमता बड़े बजट की फिल्‍मों को दिखाने के लायक भी नहीं है। अबेदी ने कहा कि पिछले 66 वर्ष में यह पहली फीचर फिल्‍म है, जो अफगानिस्तान में बनाई गई। इसमें देश की वास्‍तविकता को दर्शाया गया है। दो महीने तक लंबी चली शूटिंग के लिए भारत तथा तजाकिस्‍तान से आये तकनीकी दल तथा क्रू के लिए यह चुनौतीपूर्ण कार्य था। उन्‍होंने बताया कि हमने फिल्‍म में देश की सामाजिक तथा सांस्‍कृतिक वास्‍तविकता को स्‍थापित करने का प्रयास किया है। हम इस दारी भाषा फिल्‍म को भारत में उर्दू तथा अंग्रेजी के उप-शीर्षक के साथ रिलीज करना चाहते हैं।

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