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फिल्मों में वास्तविक जीवन संस्कृति

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 27 November 2013 12:17:30 AM

पणजी। गोवा में चल रहे भारत के 44वें फिल्म समारोह में कल फिल्म निर्देशिका वीना बक्शी की फिल्म 'द कॉफिन मेकर' पर चर्चा हुई। फिल्म निर्देशिका ने फिल्मों को वास्तविक जीवन और संस्कृति का प्रतिबिंब बताया। मीडिया के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने इस फिल्म के अभिनेताओं और निर्माण सहायकों की चर्चा की और कहा कि यह फिल्म बदलते जीवन का प्रतिबिंब है। यह उस सिनेमा की छाप है, जो प्रेरणादायक होती हैं। उन्होंने कहा कि इस फिल्म में आकर्षण, परिहास और जीवन की आत्मा दिखाई गई है। यह फिल्म गोवा के एक गांव पर आधारित है और एक कॉफिन मेकर की कहानी है, जो एक असहज और रहस्मय स्रोत से जीवन की खबर पाता है। यह निर्देशक की पहली फीचर फिल्म है, जिसे प्रेरणादायक स्वरूप में पेश किया गया है। फिल्म निर्माता ने कहा कि फिल्म का संगीत हृदयस्पर्शी है और गोवा के माहौल के अनुरूप है। फिल्म कॉफिन मेकर को अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा वर्ग में और भारतीय पैनोरमा के अंतर्गत दिखाया गया है। इस फिल्म को 27 तारीख को दोबारा दिखाया जाएगा।

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