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कॉयर बोर्ड से विदेशी मुद्रा की बड़ी कमाई

कॉयर बोर्ड के हीरक जयंती समारोहों का उद्घाटन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 25 November 2013 09:43:07 AM

pranab mukherjee

नई दिल्‍ली। राष्‍ट्रपति‍ प्रणब मुखर्जी ने नई दि‍ल्‍ली में वि‍ज्ञान भवन में आयोजि‍त कॉयर बोर्ड के हीरक जयंती समारोह का उद्घाटन कि‍या। इस अवसर पर राष्‍ट्रपति ने कहा कि‍ उन्‍हें खुशी है कि‍ नई मशीनरी के उन्‍नतीकरण और वि‍कास तथा कॉयर उद्योग के पारंपरि‍क वस्‍तुओं के नि‍र्माण में वि‍वि‍धता के साथ ही पर्यावरण अनुकूल तकनीकि‍यों और उत्‍पादकता प्रक्रि‍याओं को अपनाने पर ध्‍यान दि‍या जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि‍ इस उद्योग में 80 प्रति‍शत महि‍लाएं काम करती हैं, इसलि‍ए इस उद्योग के आधुनि‍कीकरण तथा संरचना में उन्‍नतीकरण का अधि‍क महत्‍व है। इन कदमों से काम करने वालों का मनोबल बढ़ेगा, उत्‍पादकता बढ़ेगी और उत्‍पादों की गुणवत्‍ता बेहतर होगी।
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि कॉयर बोर्ड अपने अस्तित्‍व का 60वां वर्ष‍ मना रहा है। कॉयर बोर्ड भारत के सबसे पुराने उपभोक्‍ता वस्‍तु बोर्डों में से एक है, इसने उत्‍पादन नियोजन और निर्यात आय सभी मामलों में अच्‍छा कार्य किया है। आज इसने अन्‍य नारियल उत्‍पादन राज्‍यों में भी विस्‍तार कर लिया है, इस उद्योग में 14 राज्‍यों के लगभग सात लाख कामगार लगे हुए हैं, जिनमें से अधिकांश महिलाएं हैं। उन्‍होंने कहा कि यह उद्योग हमारे देश में विदेशी मुद्रा अर्जन में काफी आगे है, इसके उत्‍पादों का पूरे विश्‍व में स्थिर बाजार है, इस उद्योग ने गुणवत्‍ता सुधार प्रौद्योगिकी और उत्‍पादों में वैज्ञानिक उन्‍नयन, बेहतर बाजार अनुसंधान और उत्‍पाद संवर्धन के रूप में महत्‍वपूर्ण विधियां अपनाई हैं, यह निर्यात से 1100 करोड़ रूपये का अर्जन करने वाला उद्योग बन गया है, इस उद्योग की महत्‍वपूर्ण बात यह है कि इसका सह-उत्पादन नारियल भूसी, अनेक कृत्रिम सामग्रियों का महत्वपूर्ण विकल्‍प है, कॉयर से न तो स्‍वास्‍थ्‍य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और न ही पर्यावरण पर।
राष्‍ट्रपति ने कहा कि सतत विकास के लाभों के प्रति जागरूकता के इन दिनों में कॉयर का फाल्‍स सीलिंग, वॉल पैनल, थर्मल इंसुलेशन आदि में उपयोग बढ़ रहा है। इसमें नई मशीनरी और परंपरागत वस्‍तुओं में विविधता का विकास और उन्‍नयन हो रहा है। इस उद्योग में जहां 80 प्रतिशत कामगार महिलाएं हैं, उसके आधुनिकीकरण और अवसंरचना उन्‍नयन की महत्‍ता को पर्याप्‍त नहीं कहा जा सकता। कॉयर बोर्ड ने ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं पर ध्‍यान देते हुए महिला कॉयर योजना स्‍कीम विकसित की है, जिसमें उन्‍हें कॉयर या उनकी कताई और अन्‍य कॉयर निर्माण प्रक्रियाओं के बारे में प्रशिक्षण दिया जाता है। बारहवीं योजना अवधि‍ में इस क्षेत्र के वि‍स्‍तार के लि‍ए पर्याप्‍त धनराशि‍ आवंटि‍त की गई है। इस उद्योग की लगभग तीन करोड़ 60 लाख इकाईयां करीब आठ करोड़ व्‍यक्‍ति‍यों की आजीवि‍का का माध्‍यम बनी हुई है।
उन्‍होंने कहा कि मैं यह चाहता हूं कि यह उद्योग कच्‍चे माल के रूप में, आत्‍मनिर्भर बने और नियोक्‍ताओं से यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि उनके उद्योग में लगे कामगारों को सरकार की बीमा और कल्‍याण योजनाओं के माध्‍यम से पर्याप्‍त सहायता उपलब्‍ध कराई जाए। राष्‍ट्रपति‍ ने कहा कि‍ वे कच्‍चे माल की उपलब्‍धता के क्षेत्र में कॉयर इंडस्‍ट्री को आत्‍मनि‍र्भर देखना चाहते हैं, उन्‍होंने मालि‍कों से आग्रह कि‍या कि‍ वे सरकार की बीमा और कल्‍याणकारी योजनाओं के जरि‍ए इस उद्योग में लगे कामगारों की और अधिक मदद करें। इस मौके पर वि‍त्‍त मंत्री पी चि‍दंबरम, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्योग (एमएसएमई) राज्‍य मंत्री केएच मुनि‍यप्‍पा, राज्‍यसभा के उपसभापति‍ प्रोफेसर पीजे कुरि‍यन और मानव संसाधन वि‍कास राज्‍य मंत्री डॉ शशि‍ थरूर, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्योग मंत्रालय के सचि‍व माधव लाल और कॉयर बोर्ड के अध्‍यक्ष प्रोफेसर बालाचंद्रन ने भी संबोधि‍त कि‍या।

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